भोपाल। मध्य प्रदेश के दलित आईएएस अधिकारी ने 20 साल की नौकरी के बाद सरकारी नौकरी छोड़ने के लिए सरकार को आवेदन दिया है. जबलपुर कमिश्नर पद से हटाए जाने के बाद 2002 बैच के IAS अधिकारी बी चंद्रशेखर ने राज्य सरकार को वीआरएस के लिए आवेदन दिया है. आवेदन के साथ ही आईएएस अधिकारी ने 3 माह की सैलरी भी एडवांस में जमा कर दी है. बताया जा रहा है कि बी चंद्रशेखर लंबे समय से नौकरी छोड़ने की इच्छा जता रहे थे. इसी बीच गुरुवार को राज्य सरकार ने उन्हें जबलपुर से हटाकर मंत्रालय में पदस्थ किया. उसके बाद खबर आई कि बी चंद्रशेखन ने वीआरएस ले लिया है. हालांकि आईएएस अधिकारी से इसको लेकर कई बार बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया है.
इसके पहले भी कई अधिकारी छोड़ चुके हैं नौकरी: 2002 बैच के IAS ऑफिसर बी चंद्रशेखर पहले अफसर नहीं हैं, जिन्होंने आईएएस की नौकरी छोड़ी हो. इसके पहले भी कई सीनियर अधिकारी आईएएस की नौकरी छोड़ चुके हैं. कमलनाथ सरकार के समय पोषण आहार के मुद्दे को लेकर विवाद होने के बाद सीनियर आईएएस अधिकारी गौरी सिंह ने नौकरी छोड़ दी थी. बताया जा रहा है कि फिलहाल बे एक बड़ी मल्टीनेशनल कंपनी से जुड़ी हुई हैं. कुछ समय पहले 1996 बैच के आईएएस अधिकारी वरद मूर्ति मिश्रा भी नौकरी छोड़ चुके हैं. वरद मूर्ति मिश्रा एक स्वतंत्र राजनीतिक पार्टी का गठन कर चुनाव मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं. जबकि 1993 बैच के आईएएस अधिकारी मनोहर अगनानी ने भी सरकारी नौकरी छोड़ दी थी.
इससे जुड़ी कुछ और खबरें यहां पढ़ें |
राजनीति से जुड़ने की चर्चाएं: उधर IAS अधिकारी बी चंद्रशेखर के नौकरी छोड़ने की एक वजह एक बड़ा दलित मूवमेंट खड़ा करने की तैयारी बताई जा रही है. बताया जा रहा है कि वे जल्द ही एक आदिवासी संगठन से जुड़ कर बड़ा आंदोलन खड़ा करने की तैयारी में है. IAS के कुछ करीबियों का कहना है कि वह बीजेपी की तरफ से बैतूल जिले की किसी विधानसभा सीट से उम्मीदवार हो सकते हैं. हालांकि बी चंद्रशेखर से उनके मोबाइल पर कई बार संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उनसे चर्चा नहीं हो सकी.