भोपाल। मध्यप्रदेश में 'उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण भविष्य की रणनीति' विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया. इसके समापन सत्र में सीएम शिवराज सिंह चौहान विशेष रूप से उपस्थित रहे. इस अवसर पर केन्द्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री हरसिमरत कौर बादल, केन्द्रीय खाद्य प्रसंस्करण और उद्योग राज्यमंत्री रामेश्वर तेली, उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह, मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस, प्रमुख सचिव उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण कल्पना श्रीवास्तव आदि उपस्थित थे.
वेबिनार को संबोधित करते हुए सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण को बढ़ावा देने के लिए आगामी 3 सालों में 5 अत्याधुनिक कलस्टर स्थापित किए जाएंगे. इनमें से एक कलस्टर विश्व स्तर का होगा.
मध्यप्रदेश में परम्परागत फसलों की तरह ही उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा दिया जाएगा. कोल्ड चैन, वैल्यू एडिशन एवं फूड प्रोसेसिंग के माध्यम से किसानों की आमदनी को दोगुना करने के पूरे प्रयास किए जाएंगे. आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का सपना किसान कल्याण से ही पूरा होगा. हम किसानों को 'इन्कम सिक्योरिटी' देंगे.
उद्यानिकी एवं खाद्य प्रसंस्करण (स्वतंत्र प्रभार) राज्य मंत्री भारत सिंह कुशवाह ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में मध्यप्रदेश उद्यानिकी फसलों के उत्पादन और खाद्य प्रसंस्करण दोनों क्षेत्रों में आगे बढ़ेगा. प्रधानमंत्री मोदी ने खाद्य प्रसंस्करण के क्षेत्र में जो मध्यप्रदेश से अपेक्षाएं की हैं, उनको मध्यप्रदेश अवश्य पूरी करेगा.
प्रथम सत्र: उत्पादन व उत्पादकता को बढ़ाने के प्रमुख निष्कर्ष-
- उद्यानिकी में मशीनीकरण को बढ़ावा देना.
- एकीकृत कीट प्रबंधन तथा एकीकृत पौध संरक्षक कौशल को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता.
- सौर आधारित सूक्ष्म सिंचाई को बढ़ावा देना.
- कृषि में प्रौद्योगिकी और स्टार्टअप को बढ़ाना.
- एफपीओ के लिए गारंटी फंड/रिजर्व फंड की स्थापना.
- उद्यानिकी उत्पादों के ग्रेडिंग, सोर्टिंग की ट्रेनिंग देकर गुणवत्ता युक्त मार्केट तैयार किया जाना.
- सेटेलाइट तकनीक का इस्तेमाल, (अभी इसराइल इस तकनीक का प्रयोग करता है).
द्वितीय सत्र खाद्य: प्रसंस्करण एवं उद्यानिकी के प्रमुख निष्कर्ष-
- एकीकृत कृषि एवं खाद्य प्रसंस्करण प्रोत्साहन पॉलिसी की जरूरत
- 'एक जिला एक उत्पाद' को अपनाते हुए वैल्यू चेन का विकास करना
- प्रसंस्करण व मार्केट योग्य किस्मों को बढ़ावा देना
- सूक्ष्म इकाइयों को ब्याज दर में छूट एंव बैंकों से जोड़ना
- सूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों के लिए कृषि की तरह कम ब्याज दर पर ऋण उपलब्ध कराना
- बागवानी उत्पादों की गुणवत्ता प्रमाणन/जैविक प्रमाणीकरण को बढ़ावा देना
- भण्डारण क्षमता में 25 प्रतिशत वद्धि
- फलों और सब्जियों के लंबे भंडारण और परिवहन के लिए संशोधित वातावरण तैयार करना, किसानों को छोटी भण्डारण क्षमता के लिए गांव में ही उन्हें अच्छी पैकेजिंग के लिए ट्रेनिंग देना
- भंडारण की सुविधा/मूल्यवर्धन/अनुबंध खेती को बढ़ावा
- अगले 5 वर्षों में 10000 शूक्ष्म खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों का उन्नयन
- वर्तमान में खाद्य प्रसंस्करण 2 से 3 प्रतिशत है अगले 3 वर्षों में खाद्य प्रसंस्करण में 8 से 10 प्रतिशत तक की वृद्धि करना
- भंडारण सुविधाओं में सुधार
- कृषि को सेवा मॉडल के रूप में बढ़ावा देते हुए 100 किसान स्टार्ट-अप्स व उद्यानिकी उद्यमियों को प्रोत्साहित करना
- बाजार लिंकेज, सलाहकार सेवाएं
- फार्म टू फोर्क - बाजार लिंकेज को प्रोत्साहित करना.