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कोरोना की मार: होली का बाजार, फीका है इस बार

इस बार राजधानी भोपाल में कोरोना के कारण होली का रंग फीका पड़ा हुआ है. साथ ही बाजारों का कारोबार भी मंदा पड़ा है.

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होली का बाजार, फीका है इस बार
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Published : Mar 29, 2021, 6:52 PM IST

भोपाल। राजधानी में होली का बाजार सज तो गया है लेकिन बाजारों को ग्राहकों का इंतजार बना हुआ है. आलम यह है कि होली के दिन नजदीक आते-आते पिछले सालों तक जहां होली से जुड़ा सामान खत्म हो जाता था. लेकिन इस बार होली का यह कारोबार पूरी तरह फीका पड़ गया है. इतना ही नहीं राजधानी के 10 नंबर मार्केट, न्यू मार्केट, चौक बाजार, मारवाड़ी रोड, विजय मार्केट समेत दूसरे सभी बाजारो में इस बार रंग-गुलाल और पिचकारियों के स्टाल बहुत कम दिखाई दे रहे हैं.

  • 60 फीसदी तक गिरा कारोबार

राजधानी भोपाल में इस बार होली के कारोबार में 60 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. दस नंबर मार्केट व्यापारी संघ के सचिव आत्म तलरेजा के मुताबिक कोरोना की गाइडलाइन को देखते हुए इस बार कम माल बाजार में आया था लेकिन कोरोना की नई लहर की वजह से कारोबार पर सीधा असर पड़ा है. हालात ये हैं कि पिछले साल की तुलना में 60 फीसदी तक कारोबार नीचे गिरा है. वहीं कारोबार राजकुमार सबनानी का कहना है कि अफवाहों का भी बाजार गर्म होने से व्यापार पर इस असर दिख रहा है. कभी बाजार 10 बजे बंद करने तो कभी 8 बजे बाजार बंद करने की चर्चा होती है, जिससे ग्राहकी पूरी तरह ठप है.

होली का बाजार, फीका है इस बार
  • पिचकारियों का कारोबार 70 फीसदी तक गिरा

होली में रंग-गुलाल के बाद सबसे अधिक पिचकारियों का प्रयोग होता है लेकिन कोरोना की वजह से रंगों के साथ ही पिचकारियों के कारोबार पर ग्रहण लगा हुआ है. बाजार में पिचकारी विक्रेता अंचित बुधानी के मुताबिक, पिचकारियों को ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी तक कारोबार कम हो रहा है. चाइनीज माल पर रोक लगने से बाजार में पिचकारियों की कीमत में बहुत अंतर आ गया है.

  • बढ़े रेट और ग्राहकी भी कम

एक तरफ जहां कोरोना की वजह से रंग-गुलाल और पिचकारियों का कारोबार फीका पड़ा हैं. वहीं, इस फीके कारोबार में भी रंग-गुलाल और पिचकारियों के दामों में 30 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में दर्ज की गई. पिछले साल जो पिचकारी 100 रुपए में मिलती थी वह अब 150 रुपए में मिल रही है. बाजार में बच्चों के लिए कार्टून करेक्टर वाली पिचकारी और मुखौटे मिल तो रहे हैं लेकिन इनकी खरीदारी नहीं हो पा रही है.

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  • नहीं लग रहे स्टाल

कारोबारी सोमन बताते हैं कि पिछले साल थोड़ा व्यापार का माहौल था क्योंकि लाकडाउन के पहले ही होली का त्योहार हो गया था लेकिन इस बार होली से पहले ही कोरोना इफेक्ट दिख रहा है और रविवार को लाकडाउन है जिसके कारण बाजार फीका है. सभी व्यापारी पुराना स्टाक बेच रहे हैं। पहले एक हफ्ते तक स्टाल लगते थे लेकिन अभी दो पहले तक व्यापारियों ने अपने स्टाल नहीं लगाए हैं.

  • संगठनों के कार्यक्रम रद्द

होली में संगठनों की तरफ से जो बड़े कार्यक्रम होते थे उनके रद होने का असर कारोबार पर सीधे तौर पर दिख रहा है. वहीं कच्चा माल और परिवहन महंगा होने की वजह से रंगों के दाम भी पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़े हैं.

  • केवल गुलाल से मनाएंगे होली

होली के बाजार में खरीदारी करने आई खुशबू बिलतकर का कहना है कि कोरोना के कारण इस बार घर में रहकर केवल गुलाल से हल्के-फुल्के अंदाज में ही होली मनाएंगे क्योंकि सेहत ज्यादा जरूरी है. भीड़ मे होली न मनाने का निर्णय़ सही है. पिछले साल के कोरोना काल ने सभी को घर पर खाना पकाना सिखा ही दिया है.

भोपाल। राजधानी में होली का बाजार सज तो गया है लेकिन बाजारों को ग्राहकों का इंतजार बना हुआ है. आलम यह है कि होली के दिन नजदीक आते-आते पिछले सालों तक जहां होली से जुड़ा सामान खत्म हो जाता था. लेकिन इस बार होली का यह कारोबार पूरी तरह फीका पड़ गया है. इतना ही नहीं राजधानी के 10 नंबर मार्केट, न्यू मार्केट, चौक बाजार, मारवाड़ी रोड, विजय मार्केट समेत दूसरे सभी बाजारो में इस बार रंग-गुलाल और पिचकारियों के स्टाल बहुत कम दिखाई दे रहे हैं.

  • 60 फीसदी तक गिरा कारोबार

राजधानी भोपाल में इस बार होली के कारोबार में 60 फीसदी तक की गिरावट दर्ज की गई है. दस नंबर मार्केट व्यापारी संघ के सचिव आत्म तलरेजा के मुताबिक कोरोना की गाइडलाइन को देखते हुए इस बार कम माल बाजार में आया था लेकिन कोरोना की नई लहर की वजह से कारोबार पर सीधा असर पड़ा है. हालात ये हैं कि पिछले साल की तुलना में 60 फीसदी तक कारोबार नीचे गिरा है. वहीं कारोबार राजकुमार सबनानी का कहना है कि अफवाहों का भी बाजार गर्म होने से व्यापार पर इस असर दिख रहा है. कभी बाजार 10 बजे बंद करने तो कभी 8 बजे बाजार बंद करने की चर्चा होती है, जिससे ग्राहकी पूरी तरह ठप है.

होली का बाजार, फीका है इस बार
  • पिचकारियों का कारोबार 70 फीसदी तक गिरा

होली में रंग-गुलाल के बाद सबसे अधिक पिचकारियों का प्रयोग होता है लेकिन कोरोना की वजह से रंगों के साथ ही पिचकारियों के कारोबार पर ग्रहण लगा हुआ है. बाजार में पिचकारी विक्रेता अंचित बुधानी के मुताबिक, पिचकारियों को ग्राहक नहीं मिल रहे हैं. पिछले साल की तुलना में 70 फीसदी तक कारोबार कम हो रहा है. चाइनीज माल पर रोक लगने से बाजार में पिचकारियों की कीमत में बहुत अंतर आ गया है.

  • बढ़े रेट और ग्राहकी भी कम

एक तरफ जहां कोरोना की वजह से रंग-गुलाल और पिचकारियों का कारोबार फीका पड़ा हैं. वहीं, इस फीके कारोबार में भी रंग-गुलाल और पिचकारियों के दामों में 30 से 50 फीसदी तक की बढ़ोतरी पिछले साल की तुलना में दर्ज की गई. पिछले साल जो पिचकारी 100 रुपए में मिलती थी वह अब 150 रुपए में मिल रही है. बाजार में बच्चों के लिए कार्टून करेक्टर वाली पिचकारी और मुखौटे मिल तो रहे हैं लेकिन इनकी खरीदारी नहीं हो पा रही है.

होली के जश्न में कोरोना गाइडलाइन भूले जेडीयू विधायक, वीडियो वायरल

  • नहीं लग रहे स्टाल

कारोबारी सोमन बताते हैं कि पिछले साल थोड़ा व्यापार का माहौल था क्योंकि लाकडाउन के पहले ही होली का त्योहार हो गया था लेकिन इस बार होली से पहले ही कोरोना इफेक्ट दिख रहा है और रविवार को लाकडाउन है जिसके कारण बाजार फीका है. सभी व्यापारी पुराना स्टाक बेच रहे हैं। पहले एक हफ्ते तक स्टाल लगते थे लेकिन अभी दो पहले तक व्यापारियों ने अपने स्टाल नहीं लगाए हैं.

  • संगठनों के कार्यक्रम रद्द

होली में संगठनों की तरफ से जो बड़े कार्यक्रम होते थे उनके रद होने का असर कारोबार पर सीधे तौर पर दिख रहा है. वहीं कच्चा माल और परिवहन महंगा होने की वजह से रंगों के दाम भी पिछले साल की तुलना में 30 फीसदी तक बढ़े हैं.

  • केवल गुलाल से मनाएंगे होली

होली के बाजार में खरीदारी करने आई खुशबू बिलतकर का कहना है कि कोरोना के कारण इस बार घर में रहकर केवल गुलाल से हल्के-फुल्के अंदाज में ही होली मनाएंगे क्योंकि सेहत ज्यादा जरूरी है. भीड़ मे होली न मनाने का निर्णय़ सही है. पिछले साल के कोरोना काल ने सभी को घर पर खाना पकाना सिखा ही दिया है.

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