भोपाल। प्रदेश में मानसून का आगमन अभी तक नहीं हुआ है, लेकिन प्री-मानसून के सक्रिय होने से राजधानी पानी से तर-बतर हो रही है. 19 जून यानि शुक्रवार रात को रुक-रुककर बारिश हुई है. राजधानी में 24 घंटे में 13 सेंटीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है, जो जून माह में एक नया रिकॉर्ड है. हालांकि प्रदेश में आने वाला मानसून फिलहाल शिथिल पड़ गया है, लेकिन वातावरण में आ रही लगातार नमी के चलते अलग-अलग क्षेत्रों में बरसात का सिलसिला अभी भी बदस्तूर जारी है.
इस दौरान कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो रही है. इसी क्रम में गुरुवार-शुक्रवार की रात राजधानी में 126.2 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है, जो 10 साल में बरसात से सबसे अधिक है. इसके पहले 26 जून 2013 को 115.5 मिलीमीटर बरसात रिकॉर्ड हुई थी.
मौसम विभाग के अनुसार शुक्रवार को अधिकतम तापमान 34.3 डिग्री दर्ज हुआ है, जो सामान्य से 1 डिग्री कम रहा है. न्यूनतम तापमान 20.6 डिग्री रिकॉर्ड हुआ है, जो सामान्य से 4 डिग्री कम रहा है. रात भर रुक-रुककर हो रही बारिश का सिलसिला शुक्रवार सुबह थम गया. दोपहर में आसमान साफ रहा, लेकिन शाम ढलने के बाद एक बार फिर बादलों का डेरा राजधानी में जम गया और रात के समय जमकर बौछारें पड़ती रहीं. रुक-रुक कर हो रही बारिश का यह सिलसिला शनिवार सुबह तक जारी रहा. रात के समय करीब 29 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है.
मौसम विभाग का मानना है कि अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में प्रभावी वेदर सिस्टम नहीं है. इससे मानसून आगे नहीं बढ़ पा रहा है. वर्तमान में पूर्वी उत्तर प्रदेश पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है. एक द्रोणिका लाइन पाकिस्तान से राजस्थान, दक्षिण उत्तर प्रदेश से होकर असम तक बनी हुई है. इन दो सिस्टम से मध्य प्रदेश में बड़े पैमाने पर नमी आ रही है. इससे दोपहर में तापमान बढ़ने के साथ कई स्थानों पर गरज चमक के साथ बौछारें पड़ने का सिलसिला शुरू हो जाता है.
मौसम विभाग के अनुसार 22 जून 2020 से बंगाल की खाड़ी और अरब सागर में मानसून की हलचल बढ़ने के आसार बन रहे हैं. उसके प्रभाव से मानसून की सक्रियता बढ़ जाएगी और 25 जून तक मानसून प्रदेश में सक्रिय हो जाएगा.