भोपाल। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी की पत्नी को भोपाल में संयुक्त स्वास्थ्य संचालक का प्रभार दिया जाने पर लेकर सियासत गरमा गई है. आरोप लग रहे हैं कि कई सीनियर डॉक्टर्स को दरकिनार करते हुए प्रभुराम चौधरी की पत्नी नीरा चौधरी को ये जिम्मेदारी दी गई है.
'प्रभुराम असफल स्वास्थ्य मंत्री'
भोपाल सीएमएचओ की नियुक्ति पर भी पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने स्वास्थ्य मंत्री पर हमला बोलते हुए कहा कि प्रभुराम चौधरी एक असफल स्वास्थ्य मंत्री हैं. पूरे परिवार को स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी देकर सभी को खतरे में डाला जा रहा है. स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा जाएगी.
'नरोत्तम मिश्रा लेते हैं स्वास्थ्य विभाग के फैसले'
आगे बोलते हुए सज्जन सिंह वर्मा ने कहा प्रभुराम चौधरी खुद स्वास्थ्य विभागों का फैसला नहीं ले पाते हैं. गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा स्वास्थ्य विभाग का फैसला लेते हैं. प्रभुराम चौधरी को स्वास्थ्य विभाग में फैसले लेने का कोई अधिकारी नहीं है. अब जिस व्यक्ति को अधिकार ही नहीं है, वह क्या स्वास्थ्य व्यवस्था को ठीक करेगा ?
एमपी में भाई भतीजावाद का तांडव
मध्यप्रदेश में भाई भतीजावाद का तांडव चल रहा है. बीजेपी के नेता कहते हैं कि पार्टी में कोई भाई भतीजावाद नहीं है, कई अच्छे डॉक्टर को दरकिनार कर नीरा चौधरी को जिम्मेदारी सौंपी गई है. यह चमत्कारी और बिके हुए लोग हैं. स्वास्थ्य विभाग से पैसा खींचना है, तो पत्नी को भी पद सौंप दिया.
अरूण यादव ने भी कसा तंज
कांग्रेस के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अरुण यादव ने तंज भी इस मामले को लेकर तंज कसा है. उन्होने कहा कि 'अंधा बांटे रेवड़ी, फिर अपने-अपने को दें.' स्वास्थ्य मंत्री डॉ चौधरी की पत्नी डॉ नीरा चौधरी वर्तमान में भोपाल में प्रभारी जिला स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर पदस्थ थीं. उन्हें अब भोपाल संभाग में संयुक्त संचालक का प्रभार दिया गया है. डॉ नीरा चौधरी चिकित्सा अधिकारी हैं.