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कोरोना संक्रमण रोकने के लिए धारावी का फॉर्मूला अपनाएगी एमपी सरकार

राजधानी भोपाल में बढ़ते कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए बैठक आयोजित की गई, जिसमें कोरोना पर नियंत्रण कैसे किया जा सकता है, इस पर चर्चा की गई.

health department
चिकित्सा विशेषज्ञों की बैठक
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Published : Jun 17, 2020, 3:55 PM IST

Updated : Jun 17, 2020, 5:29 PM IST

भोपाल। पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं, साथ ही मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ कोविड-19 एडवाइजरी कमेटी की बैठक की. मध्यप्रदेश में मौतों को कम कैसे किया जाए, इस बारे में बैठक में विचार विमर्श किया गया.

बैठक में ये तय किया गया कि लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग धारावी और इंदौर मॉडल के साथ नई दवाओं के इस्तेमाल की तैयारी भी करेगा. बैठक में कोरोना वायरस की मौतों को कम करने, नई दवाओं के उपयोग और नई सर्जरी गाइडलाइन पर बात की गई. जिसमें बताया गया कि इंदौर और धारावी में बड़ी मात्रा में टेस्टिंग की गई, इसके साथ ही डोर टू डोर सर्वे किया गया. जिसके कारण अब दोनों ही क्षेत्रों से संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही है.

इससे शुरुआत में मरीज बढ़े, लेकिन अब संख्या अपने आप कम होने लगी है. इसी मॉडल को प्रदेश भर में लागू करने की बात चल रही है. जल्द राजधानी भोपाल में रैपिड किट से जांच भी शुरू की जाएगी. वहीं एम्स भोपाल के पास रैपिड टेस्ट किट आई है. इस किट से आधे घंटे में रिपोर्ट मिल जाती है और ये जांच सस्ती होने के साथ आसानी से हो सकती है. जिसके कारण जल्द से जल्द संक्रमितों की जानकारी मिल जाती है.

इंदौर के बाद अब भोपाल में भी रोजाना पहले 30 से 40 नए संक्रमण के मामले देखने को मिलते थे, वहीं अब वही रोजाना 50 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. जोकि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों के लिए चिंता का विषय है. जिसे देखते हुए अब इंदौर और धारावी मॉडल राजधानी भोपाल में लागू किया जाएगा. जिसके तहत शहर में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट और डोर टू डोर सर्वे किए जाने की बात कही गई है.

भोपाल। पूरे प्रदेश में कोरोना संक्रमण के मामले दिनों दिन बढ़ रहे हैं, साथ ही मौतों का आंकड़ा भी तेजी से बढ़ रहा है. इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने प्रदेश भर के चिकित्सा विशेषज्ञों के साथ कोविड-19 एडवाइजरी कमेटी की बैठक की. मध्यप्रदेश में मौतों को कम कैसे किया जाए, इस बारे में बैठक में विचार विमर्श किया गया.

बैठक में ये तय किया गया कि लगातार बढ़ रहे संक्रमण को रोकने के लिए अब स्वास्थ्य विभाग धारावी और इंदौर मॉडल के साथ नई दवाओं के इस्तेमाल की तैयारी भी करेगा. बैठक में कोरोना वायरस की मौतों को कम करने, नई दवाओं के उपयोग और नई सर्जरी गाइडलाइन पर बात की गई. जिसमें बताया गया कि इंदौर और धारावी में बड़ी मात्रा में टेस्टिंग की गई, इसके साथ ही डोर टू डोर सर्वे किया गया. जिसके कारण अब दोनों ही क्षेत्रों से संक्रमण के मामलों में कमी देखने को मिल रही है.

इससे शुरुआत में मरीज बढ़े, लेकिन अब संख्या अपने आप कम होने लगी है. इसी मॉडल को प्रदेश भर में लागू करने की बात चल रही है. जल्द राजधानी भोपाल में रैपिड किट से जांच भी शुरू की जाएगी. वहीं एम्स भोपाल के पास रैपिड टेस्ट किट आई है. इस किट से आधे घंटे में रिपोर्ट मिल जाती है और ये जांच सस्ती होने के साथ आसानी से हो सकती है. जिसके कारण जल्द से जल्द संक्रमितों की जानकारी मिल जाती है.

इंदौर के बाद अब भोपाल में भी रोजाना पहले 30 से 40 नए संक्रमण के मामले देखने को मिलते थे, वहीं अब वही रोजाना 50 से ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. जोकि प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग दोनों के लिए चिंता का विषय है. जिसे देखते हुए अब इंदौर और धारावी मॉडल राजधानी भोपाल में लागू किया जाएगा. जिसके तहत शहर में ज्यादा से ज्यादा टेस्ट और डोर टू डोर सर्वे किए जाने की बात कही गई है.

Last Updated : Jun 17, 2020, 5:29 PM IST
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