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क्या MP कांग्रेस में खत्म हो गई गुटबाजी, सारे दिग्गज मिलकर बीजेपी को कैसे देने जा रहे हैं टेंशन, जानें.. ये कैसे हुआ - पीसीसी चीफ कमलनाथ

मध्यप्रदेश में मिशन 2023 (Mission 2023) में जुटी कांग्रेस में क्या गुटबाजी खत्म हो गई है. क्या सारे दिग्गज नेता एक मंच पर आकर भाजपा की चिंताएं बढ़ाने को तैयार हैं. ऐसे कई सवाल हैं, जो आजकल मध्यप्रदेश की सियासत में गूंज रहे हैं. क्योंकि कुछ दिनों से सारे दिग्गज नेता कदमताल मिलाकर चल रहे हैं. राजस्थान के उदयपुर में चल रहे चिंतन शिविर में जिस प्रकार से एमपी के सभी दिग्गजों को तवज्जो दी गई है, उससे लगता है कि आने वाले समय में कांग्रेस नेता एकजुट होकर बीजेपी की टेंशन बढ़ाने को तैयार हैं. (Has factionalism ended in MP Congress) (Congress veterans how give tension to BJP) (MP Congress will get new direction) (Congress leaders of MP in Chintan Shivir)

Congress veterans how give tension to BJP
क्या MP कांग्रेस में खत्म हो गई गुटबाजी
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Published : May 13, 2022, 4:34 PM IST

भोपाल। राजस्थान के उदयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित चिंतन शिविर मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं को खासी तवज्जो दी गई है. पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चिंतन शिविर में सामाजिक न्याय समिति में जगह दी गई है. वहीं किसानों के लिए बनी समिति में पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव को स्थान दिया गया है. दोनों ही नेता इन समितियों के जरिए कांग्रेस की अगली रणनीति की तैयारी में अहम भूमिका निभाएंगे. माना यह जा रहा है कि हाईकमान द्वारा असंतुष्ट नेताओं को जिम्मेदारी देने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी लगभग समाप्त हो गई है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिलेगी नई दिशा : प्रदेश कांग्रेस के मिशन 2023 को उदयपुर के चिंतन शिविर से नई दिशा मिलने की संभावना है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी किस रणनीति से मैदान में उतरे और किन मुद्दों से भाजपा सरकार को घेरे, इस पर चिंतन शिविर में मंथन होने के आसार हैं. चिंतन शिविर में मध्यप्रदेश से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्यसभा सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा व राजमणि पटेल, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव व सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन और अजय सिंह राहुल शामिल होने गए हैं.

Congress veterans how give tension to BJP
क्या MP कांग्रेस में खत्म हो गई गुटबाजी

इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी : शिविर के लिए विभिन्न समितियों में से एक किसान और कृषि उत्थान समिति में अरुण यादव को शामिल किया गया है. इस समिति द्वारा शिविर में किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दा को रखा जाएगा. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज मुक्ति जैसे बड़े वादे के सहारे सत्ता में वापसी की थी. इसको लेकर अरुण यादव अपनी समिति का एक प्रेजेंटेशन देंगे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सामाजिक न्याय से जुड़ी समिति में शामिल किया गया है. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा मध्य प्रदेश मे गरमाया हुआ है. चिंतन शिविर में इस पर विशेष चर्चा होने की संभावना है.

Congress veterans how give tension to BJP
क्या MP कांग्रेस में खत्म हो गई गुटबाजी

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संगठन की मजबूती पर होगी चर्चा : कांग्रेस के महामंत्री केके मिश्रा का मानना है कि उदयपुर के चिंतन शिविर में कांग्रेस संगठन की मजबूती को नई दिशा देने और आने वाले चुनावों को लेकर पार्टी की रणनीति पर चर्चा होगी. चिंतन शिविर में मध्यप्रदेश के नेताओं को तवज्जो देने पर मिश्रा ने कहा कि पार्टी हाईकमान तय करता है कि किसको क्या जिम्मेदारी देनी है, उसी के हिसाब से सभी की जिम्मेदारियां तय की गई हैं.

(Congress veterans how give tension to BJP) (MP Congress will get new direction) (Congress leaders of MP in Chintan Shivir)

भोपाल। राजस्थान के उदयपुर में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा आयोजित चिंतन शिविर मध्यप्रदेश के दिग्गज नेताओं को खासी तवज्जो दी गई है. पीसीसी चीफ कमलनाथ के साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को चिंतन शिविर में सामाजिक न्याय समिति में जगह दी गई है. वहीं किसानों के लिए बनी समिति में पूर्व पीसीसी चीफ अरुण यादव को स्थान दिया गया है. दोनों ही नेता इन समितियों के जरिए कांग्रेस की अगली रणनीति की तैयारी में अहम भूमिका निभाएंगे. माना यह जा रहा है कि हाईकमान द्वारा असंतुष्ट नेताओं को जिम्मेदारी देने के बाद मध्यप्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी लगभग समाप्त हो गई है.

मध्यप्रदेश कांग्रेस को मिलेगी नई दिशा : प्रदेश कांग्रेस के मिशन 2023 को उदयपुर के चिंतन शिविर से नई दिशा मिलने की संभावना है. अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में पार्टी किस रणनीति से मैदान में उतरे और किन मुद्दों से भाजपा सरकार को घेरे, इस पर चिंतन शिविर में मंथन होने के आसार हैं. चिंतन शिविर में मध्यप्रदेश से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ, नेता प्रतिपक्ष डॉ. गोविंद सिंह, राज्यसभा सदस्य व पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा व राजमणि पटेल, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव व सुरेश पचौरी, पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन और अजय सिंह राहुल शामिल होने गए हैं.

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क्या MP कांग्रेस में खत्म हो गई गुटबाजी

इन नेताओं को मिली जिम्मेदारी : शिविर के लिए विभिन्न समितियों में से एक किसान और कृषि उत्थान समिति में अरुण यादव को शामिल किया गया है. इस समिति द्वारा शिविर में किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दा को रखा जाएगा. मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव 2018 में कांग्रेस ने किसानों की कर्ज मुक्ति जैसे बड़े वादे के सहारे सत्ता में वापसी की थी. इसको लेकर अरुण यादव अपनी समिति का एक प्रेजेंटेशन देंगे. वहीं पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को सामाजिक न्याय से जुड़ी समिति में शामिल किया गया है. ओबीसी आरक्षण का मुद्दा मध्य प्रदेश मे गरमाया हुआ है. चिंतन शिविर में इस पर विशेष चर्चा होने की संभावना है.

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