भोपाल। शिक्षक दिवस के अवसर पर मध्य प्रदेश स्कूल शिक्षा विभाग ने प्रशासन अकादमी में शिक्षक सम्मान समारोह आयोजित किया. कार्यक्रम में राज्यपाल मंगूभाई पटेल, स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार शामिल हुए. इस दौरान राज्यपाल ने राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार 2023 के लिए चयनित 14 शिक्षकों को सम्मानित किया. सम्मानित शिक्षकों में प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षक श्रेणी के 8, वहीं हायर सेकंडरी श्रेणी के 6 टीचर शामिल हुए. लोगों के जहन में ये जरूर आता है कि इन शिक्षकों को पुरस्कार तो मिल गए, लेकिन क्यों मिले. आइए हम आपको बताते हैं, उन शिक्षकों से जिन्होंने खुद बताया कि उन्हें ये पुरस्कार क्यों मिला है.
शिक्षकों ने बताया क्यों मिला सम्मान: डॉ भारती पाराशर जो की खंडवा जिले से आती हैं. इन्होंने नई शिक्षा नीति पर व्याख्यान दिया. इन्हें इस श्रेणी में द्वितीय पुरस्कार मिला है. मिडिल स्कूल में पढ़ाने वाले शरद कुमार पांडेय को भी पुरस्कार मिला है. इनसे पूछा गया की आपको किस काम के लिए पुरस्कार मिला, तो शरद कुमार पांडेय ने बताया कि "मुझे यह पुरस्कार इसलिए मिला कि मैंने विज्ञान जैसे कठिन विषय को इस तरह सरल भाषा में तैयार किया और गतिविधियां बनाई. जिससे बच्चे विज्ञान की कठिन परिभाषाओं को आसानी से समझ पाए. हमारे बच्चे बहुत अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं. हमारे सिंगरौली में जो बच्चों का रिजल्ट है, वह 100% है.
मुरैना के राकेश कुमार को मिला पुरस्कार: डॉ राकेश कुमार शर्मा जो मुरैना जिले से हैं. इन्होंने बताया कि बच्चों को गणित में tlm उपयोग करना, नई तकनीक का उपयोग करना, दिव्यांगों को पढ़ाने के लिए पुरस्कृत किया गया है. इनके एक छात्र सूरज शर्मा का कोलकाता के iiser में चयन हुआ. जो प्रदेश मे पहला सिलेक्शन है. इन्होंने सहरिया जनजाति की बच्चियों के लिये हाथ से लिखे नोट्स तैयार किये. जिसके चलते एक्सीलेंस स्कूल में उन्हें प्रवेश मिला. सहारिया जनजाति की 50% बच्चियों एक्सीलेंस स्कूल में पढ़ रही हैं.
छिंदवाड़ा जिले से आने वाली शिक्षिका मनीषा जैन ने प्राकृतिक संस्कृति और हिंदी तीनों विषयों में महारथ हासिल की है. इनका कहना है कि भारत की सुंदर और प्राचीन संस्कृतियों को मैंने एकरूपता दी है. प्राकृतिक पांडुलिपियों को ढूंढ कर 70 ग्रंथ मिल चुके हैं. वह पढ़ती हैं, उनको सुरक्षित करती हैं और अनुवाद भी कर चुकी हैं. उन्होंने बताया कि मेरे 100 ग्रंथ प्रकाशित हो चुके हैं. मेरे बच्चे डिस्टिंक्शन में आते हैं और हमारे यहां का 100 परसेंट रिजल्ट है.
कार्यक्रम में राज्यपाल की प्रमुख बाते: राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि "राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत भारत को विश्व गुरु बनाने की जिम्मेदारी शिक्षकों पर होगी. उन पर भविष्य निर्माण करने की अहम भूमिका है. तक्षशिला और नालंदा जैसी संस्थान का उदाहरण देते हुए कहा कि, आदर्श विद्यालय की कल्पना आदर्श शिक्षक के बिना अधूरी है. इसलिए विद्यालय की गतिशीलता और सार्थकता शिक्षक के काम और उसके व्यवहार से होती है."
शिक्षक अपने कार्य का आकलन करें: कार्यक्रम में मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि "शिक्षक काम आसान नहीं होता, आप पर भारत निर्माण की जिम्मेदारी है. इसलिए, अपने काम का आकलन करें, इस दौरान उन्होंने शिक्षा नीति का भी जिक्र किया, कहा कि जो शिक्षा नीति पहले थी, वह विदेशी मानसिकता से प्रेरित थी. उन्होंने एमपी में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा भी देने की बात कही है."
जिन शिक्षकों का हुआ सम्मान:
क्लास 1 से 8 तक
- पूजा पंवार, प्राथमिक शिक्षक बड़वेली, राजगढ़
- संध्या तंतुवाय, प्राथमिक शिक्षक, दमोह
- शैलेन्द्र प्रताप सिंह, सहायक शिक्षक, इंदौर
- तिलोतमा कटरे, प्राथमिक शिक्षक, बालाघाट
- विमल कुमार पटेल, माध्यमिक शिक्षक, दमोह
- सुनीता पाठक, सहायक शिक्षा, ग्वालियर
- शरद कुमार पांडेय, माध्यमिक शिक्षक, सिंगरौली
- ओमप्रकाश पाटीदार, उत्कृष्ट विद्यालय, शाजापुर
क्लास 9 से 12 तक
- शालिनी, माध्यमिक शिक्षक, सागर
- अजय यादव, सहायक शिक्षक, बड़वानी
- राकेश कुमार शर्मा, उच्च माध्यमिक शिक्षक, मुरैना
- राजेश राठौर, सीएम राइज स्कूल उच्च माध्यमिक शिक्षक, उज्जैन
- मनीषा जैन, माध्यमिक शिक्षक, छिंदवाड़ा
- अशोक कुमार सक्सेना, हाई स्कूल प्राचार्य, उज्जैन