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अब एमपी के स्कूलों में लगेगी 'हैप्पीनेस की क्लास' 9-12वीं के छात्रों को पढ़ाया जाएगा जीवन में आनंद का महत्व - भोपाल लेटेस्ट न्यूज

मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को खुश रहना, जीवन का आनंद लेना सिखाया जाएगा. इसके लिए 9वीं से 12वीं कक्षा के लिए हैप्पीनेस क्लास होगी. अगले शैक्षणिक सत्र से लागू करने की योजना है. (Happiness Class in MP Schools)

Happiness Class in MP Schools
एमपी के स्कूलों में अब हैप्पीनेस क्लास
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Published : Feb 4, 2022, 4:41 PM IST

Updated : Feb 4, 2022, 7:34 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को खुश रहने का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके लिए 9 वीं-12 वीं तक की क्लास में हैप्पीनेस सब्जेक्ट शुरू किया जा रहा है. इस तरह का प्रयोग करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य होगा. आनंद विभाग के नेतृत्व में एआईसीटीई, यूनिवर्सल ह्यूमन संस्थान और स्कूल शिक्षा विभाग ने मिलकर हैप्पीनेस सब्जेक्ट के लिए पाठ्य पुस्तक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. स्कूल शिक्षा विभाग की कोशिश इसे आगामी सत्र से लागू करने की है. अगले चरण में खुशी का यह पाठ आंगनबाड़ी स्तर के बच्चों से शुरू किया जाएगा.

एमपी के स्कूलों में अब हैप्पीनेस क्लास
क्या होगा इस हैप्पीनेस सब्जेक्ट में (Happiness curriculum in MP schools)
राज्य आनंद विभाग के नेतृत्व में ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्नीकल एजुकेशन, यूनिवर्सल ह्यूमन संस्थान के प्रमुख गणेश बावडिया और स्कूल शिक्षा विभाग ने मिलकर हैप्पीनेस विषय का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है. इसमें बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा बच्चों को बताया जाएगा कि जीवन में आनंद का क्या महत्व है और जीवन में इसे कैसे बनाए रखा जा सकता है.

परिवार-प्रकृति से जुड़ाव कितना जरूरी
आनंद के लिए जीवन में हमारी क्या प्राथमिकता होनी चाहिए. आनंद के लिए परिवार, समाज, प्रकृति और स्वयं का जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है और इससे कैसे जुड़ा रहा जा सकता है. प्यार, ममता, श्रद्धा, गौरव, वात्सल्य, स्नेह क्या है और कैसे जीवन में यह आनंद का रंग घोलते हैं. इस तरह कक्षा 9 वीं से 12 वीं क्लास तक के पाठ्यक्रम में इसे न सिर्फ पढ़ाया जाएगा, बल्कि इसको लेकर अलग-अलग गतिविधियों भी कराई जाएंगी.

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देश में पहली बार स्कूल में शुरू होगा हैप्पीनेस कोर्स
हैप्पीनेस को ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने देश भर के इंजीनियरिंग काॅलेज में पाठ्यक्रम में एक सब्जेक्ट के रूप में साल 2017-18 से शुरू किया था. इसे फर्स्ट ईयर के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है, हालांकि स्कूल स्तर पर इस तरह का सब्जेक्ट शुरू करने के मामले में मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा. राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल के मुताबिक, पहले चरण में इसे 9वीं-12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए इसे एक सब्जेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि इसे आंगनबाड़ी से ही शुरू कराया जाएगा. शुरूआत में बच्चों को कहानियों और गतिविधियों के माध्यम से इसका अहसास कराया जाएगा.

सब्जेक्ट लागू करने से पहले बच्चों के बीच एक्टिविटी
हैप्पीनेस सब्जेक्ट लागू करने के पहले आनंद विभाग ने तैयार किए गए बुक के ड्राफ्ट के आधार पर दिसंबर माह में 5 दिन का एक प्रोग्राम चलाया. इसमें करीबन 100 बच्चों ने हिस्सा लिया. हर दिन करीब 6 घंटे चले प्रोग्राम में बच्चों को न सिर्फ हैप्पीनेस से जुड़े पाठ पढ़ाए गए, बल्कि अलग-अलग गतिविधियां भी कराई गई. ताकि देखा जा सके कि तैयार होने वाली किताब सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रह जाए. अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोग्राम के बहुत बेहतर रिजल्ट दिखाई दिए हैं.

अगले सत्र से होगा लागू
इसी तरह स्कूल शिक्षा विभाग के चुनिंदा 50 टीचर की 5 दिन की कार्यशाला हुई, जिसमें टीचर्स ने इसे समझा और बुक के ड्राफ्ट को लेकर जरूरी सुझाव दिए. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक, जीवन को आनंद के साथ जीने की कला बच्चों को सिखाना बहुत जरूरी है, ताकि वे जीवन में सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ सके, इसके लिए हैप्पीनेस को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की जा रही है. कोशिश है कि अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाए.

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अच्छा कदम, बशर्ते अच्छे से हो लागू
उधर सरकार के इस फैसले को रिटायर्ड कुलपति अरूणु गुर्टू ने अच्छा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह का काॅम्पटिशन बढ़ा है, उससे कहीं न कहीं बच्चे मानसिक दवाब में रहते हैं. ऐसे में यदि स्कूल स्तर पर ही बच्चों को खुश रहने के गुर सिखाया जाएगा, तो उनकी आगे की राह खुशमय होगी. हालांकि सिर्फ किताब के रूप में इसे लागू करना काफी नहीं होगा, इसके बेहतर नतीजे तभी आएंगे, जब इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाए.
(Happiness Class in MP Schools) (Happiness subject in class 9th-12th)

भोपाल। मध्य प्रदेश के स्कूलों में बच्चों को खुश रहने का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके लिए 9 वीं-12 वीं तक की क्लास में हैप्पीनेस सब्जेक्ट शुरू किया जा रहा है. इस तरह का प्रयोग करने वाला मध्य प्रदेश देश में पहला राज्य होगा. आनंद विभाग के नेतृत्व में एआईसीटीई, यूनिवर्सल ह्यूमन संस्थान और स्कूल शिक्षा विभाग ने मिलकर हैप्पीनेस सब्जेक्ट के लिए पाठ्य पुस्तक का ड्राफ्ट तैयार कर लिया है, जिसे अंतिम रूप दिया जा रहा है. स्कूल शिक्षा विभाग की कोशिश इसे आगामी सत्र से लागू करने की है. अगले चरण में खुशी का यह पाठ आंगनबाड़ी स्तर के बच्चों से शुरू किया जाएगा.

एमपी के स्कूलों में अब हैप्पीनेस क्लास
क्या होगा इस हैप्पीनेस सब्जेक्ट में (Happiness curriculum in MP schools)
राज्य आनंद विभाग के नेतृत्व में ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्नीकल एजुकेशन, यूनिवर्सल ह्यूमन संस्थान के प्रमुख गणेश बावडिया और स्कूल शिक्षा विभाग ने मिलकर हैप्पीनेस विषय का ड्रॉफ्ट तैयार कर लिया है. इसमें बच्चों को नैतिक शिक्षा का पाठ पढ़ाया जाएगा. इसके अलावा बच्चों को बताया जाएगा कि जीवन में आनंद का क्या महत्व है और जीवन में इसे कैसे बनाए रखा जा सकता है.

परिवार-प्रकृति से जुड़ाव कितना जरूरी
आनंद के लिए जीवन में हमारी क्या प्राथमिकता होनी चाहिए. आनंद के लिए परिवार, समाज, प्रकृति और स्वयं का जुड़ाव कितना महत्वपूर्ण है और इससे कैसे जुड़ा रहा जा सकता है. प्यार, ममता, श्रद्धा, गौरव, वात्सल्य, स्नेह क्या है और कैसे जीवन में यह आनंद का रंग घोलते हैं. इस तरह कक्षा 9 वीं से 12 वीं क्लास तक के पाठ्यक्रम में इसे न सिर्फ पढ़ाया जाएगा, बल्कि इसको लेकर अलग-अलग गतिविधियों भी कराई जाएंगी.

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हैप्पीनेस को ऑल इंडिया काउंसिल फाॅर टेक्नीकल एजुकेशन (एआईसीटीई) ने देश भर के इंजीनियरिंग काॅलेज में पाठ्यक्रम में एक सब्जेक्ट के रूप में साल 2017-18 से शुरू किया था. इसे फर्स्ट ईयर के इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को पढ़ाया जाता है, हालांकि स्कूल स्तर पर इस तरह का सब्जेक्ट शुरू करने के मामले में मध्य प्रदेश पहला राज्य होगा. राज्य आनंद संस्थान के सीईओ अखिलेश अर्गल के मुताबिक, पहले चरण में इसे 9वीं-12वीं क्लास तक के बच्चों के लिए इसे एक सब्जेक्ट के रूप में शुरू किया जा रहा है. हमारी कोशिश है कि इसे आंगनबाड़ी से ही शुरू कराया जाएगा. शुरूआत में बच्चों को कहानियों और गतिविधियों के माध्यम से इसका अहसास कराया जाएगा.

सब्जेक्ट लागू करने से पहले बच्चों के बीच एक्टिविटी
हैप्पीनेस सब्जेक्ट लागू करने के पहले आनंद विभाग ने तैयार किए गए बुक के ड्राफ्ट के आधार पर दिसंबर माह में 5 दिन का एक प्रोग्राम चलाया. इसमें करीबन 100 बच्चों ने हिस्सा लिया. हर दिन करीब 6 घंटे चले प्रोग्राम में बच्चों को न सिर्फ हैप्पीनेस से जुड़े पाठ पढ़ाए गए, बल्कि अलग-अलग गतिविधियां भी कराई गई. ताकि देखा जा सके कि तैयार होने वाली किताब सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित न रह जाए. अधिकारियों के मुताबिक इस प्रोग्राम के बहुत बेहतर रिजल्ट दिखाई दिए हैं.

अगले सत्र से होगा लागू
इसी तरह स्कूल शिक्षा विभाग के चुनिंदा 50 टीचर की 5 दिन की कार्यशाला हुई, जिसमें टीचर्स ने इसे समझा और बुक के ड्राफ्ट को लेकर जरूरी सुझाव दिए. स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार के मुताबिक, जीवन को आनंद के साथ जीने की कला बच्चों को सिखाना बहुत जरूरी है, ताकि वे जीवन में सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ सके, इसके लिए हैप्पीनेस को पाठ्यक्रम में शामिल करने की तैयारी की जा रही है. कोशिश है कि अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाए.

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उधर सरकार के इस फैसले को रिटायर्ड कुलपति अरूणु गुर्टू ने अच्छा कदम बताया है. उन्होंने कहा कि जिस तरह का काॅम्पटिशन बढ़ा है, उससे कहीं न कहीं बच्चे मानसिक दवाब में रहते हैं. ऐसे में यदि स्कूल स्तर पर ही बच्चों को खुश रहने के गुर सिखाया जाएगा, तो उनकी आगे की राह खुशमय होगी. हालांकि सिर्फ किताब के रूप में इसे लागू करना काफी नहीं होगा, इसके बेहतर नतीजे तभी आएंगे, जब इसे प्रभावी रूप से लागू किया जाए.
(Happiness Class in MP Schools) (Happiness subject in class 9th-12th)

Last Updated : Feb 4, 2022, 7:34 PM IST
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