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खतरे में 'हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान', शिक्षकों को घर में घुसने नहीं दे रहे परिजन - भोपाल न्यूज

हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान के शुरू होते ही शिक्षकों के लिए परेशानियों का दौर भी शुरू हो गया है. कई पैरेंट्स कोरोना संक्रमण के मद्देनजर टीचर्स को घर में एंट्री नहीं दे रहे हैं.

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फाइल फोटोहमारा घर हमारा विद्यालय अभियान
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Published : Jul 7, 2020, 7:19 PM IST

Updated : Jul 8, 2020, 10:57 AM IST

भोपाल। अब छात्रों की कक्षाएं घर पर ही लगाई जाएंगी. लॉकडाउन के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान के तहत छात्रों के लिए घर पर ही स्कूल जैसा माहौल तैयार करने की पहल शुरू की है. इसमें शिक्षक घर-घर जाकर छात्रों को पढ़ाएंगे और घर पर ही कक्षाएं लगाई जाएंगी. छात्रों के अभिभावक सुबह 10 बजे थाली या घंटी बजाकर कक्षा की शुरुआत करेंगे. इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही शिक्षकों के सामने चुनौतियां भी आने लगीं हैं. कई छात्रों के परिजन टीचर्स को घरों में आने से रोक रहे हैं.

हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान

शिक्षकों ने बताया कि जब वे छात्रों की क्लास लेने उनके घर गए तो, इस दौरान कई पैरेंट्स ने उन्हें घर में आने से मनाकर दिया. पैरेंट्स का मानना है कि शिक्षक घर में आएंगे तो कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है. ऐसे में वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. हालांकि शिक्षकों ने ये साफ तौर पर कहा कि वे इस दौरान सुरक्षा के सभी मानकों का पालन कर रहे हैं. मास्क लगाना हो, या हैंड सेनिटाइज करना. सभी बातों का ख्याल रख रहे हैं. छात्रों को पढ़ाते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है. बावजूद इसके कुछ पैरेंट्स नहीं चाहते हैं कि बाहर से कोई शख्स उनके घरों में एंट्री ले.

शिक्षकों के सामने इस तरह की कई चुनौतियां हैं. कंटेनमेंट जोन में भी छात्रों के घर जाकर पढ़ाना शिक्षकों के लिए भी मुश्किल भरा काम है. एक तरफ तो उन पर खुद संक्रमण का खतरा है, वहीं दूसरी तरफ पैरेंट्स को समझाना भी कठिन काम है. अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग की पहल कितनी कारगर साबित होती है.

भोपाल। अब छात्रों की कक्षाएं घर पर ही लगाई जाएंगी. लॉकडाउन के चलते शैक्षणिक संस्थान बंद हैं. लेकिन स्कूल शिक्षा विभाग ने हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान के तहत छात्रों के लिए घर पर ही स्कूल जैसा माहौल तैयार करने की पहल शुरू की है. इसमें शिक्षक घर-घर जाकर छात्रों को पढ़ाएंगे और घर पर ही कक्षाएं लगाई जाएंगी. छात्रों के अभिभावक सुबह 10 बजे थाली या घंटी बजाकर कक्षा की शुरुआत करेंगे. इस अभियान की शुरुआत हो चुकी है और इसके साथ ही शिक्षकों के सामने चुनौतियां भी आने लगीं हैं. कई छात्रों के परिजन टीचर्स को घरों में आने से रोक रहे हैं.

हमारा घर हमारा विद्यालय अभियान

शिक्षकों ने बताया कि जब वे छात्रों की क्लास लेने उनके घर गए तो, इस दौरान कई पैरेंट्स ने उन्हें घर में आने से मनाकर दिया. पैरेंट्स का मानना है कि शिक्षक घर में आएंगे तो कोरोना संक्रमण का खतरा हो सकता है. ऐसे में वे कोई रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. हालांकि शिक्षकों ने ये साफ तौर पर कहा कि वे इस दौरान सुरक्षा के सभी मानकों का पालन कर रहे हैं. मास्क लगाना हो, या हैंड सेनिटाइज करना. सभी बातों का ख्याल रख रहे हैं. छात्रों को पढ़ाते समय भी सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान रखा जाता है. बावजूद इसके कुछ पैरेंट्स नहीं चाहते हैं कि बाहर से कोई शख्स उनके घरों में एंट्री ले.

शिक्षकों के सामने इस तरह की कई चुनौतियां हैं. कंटेनमेंट जोन में भी छात्रों के घर जाकर पढ़ाना शिक्षकों के लिए भी मुश्किल भरा काम है. एक तरफ तो उन पर खुद संक्रमण का खतरा है, वहीं दूसरी तरफ पैरेंट्स को समझाना भी कठिन काम है. अब देखना होगा कि शिक्षा विभाग की पहल कितनी कारगर साबित होती है.

Last Updated : Jul 8, 2020, 10:57 AM IST
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