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जो वादा किया वो निभाना पड़ेगा! बारिश में भीगते अतिथि शिक्षकों की सिंधिया से गुहार

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Published : Apr 30, 2023, 7:46 PM IST

Updated : Apr 30, 2023, 8:22 PM IST

'सिंधिया जी सड़क पर आना होगा, जो वादा किया वह निभाना होगा' इसी नारे के साथ अतिथि शिक्षकों ने भोपाल में डेरा जमा लिया. सीहोर से रैली की शक्ल में निकले अतिथि विद्वान भोपाल के नीलम पार्क पहुंचे और नियमितीकरण की मांग को लेकर बारिश में भीगते हुए प्रदर्शन किया.

guest teachers protest in bhopal
भोपाल में अतिथि शिक्षकों का विरोध
भोपाल में अतिथि शिक्षकों का विरोध

भोपाल। कांग्रेस में रहते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ शिक्षकों के आंदोलन में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि अगर आपकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आपके साथ मैं भी सड़क पर उतरूंगा. इस बयान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच खासा विरोध देखा गया और सिंधिया बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. अब इसी वादे की याद दिलाने को लेकर अतिथि विद्वानों ने भोपाल में डेरा जमा लिया है. सीहोर से वादा निभाओ यात्रा लेकर निकले अतिथि विद्वानों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि "ज्योतिरादित्य सिंधिया अब आपको वादा निभाना होगा, बीजेपी के खिलाफ भी सड़क पर आना होगा." अतिथि विद्वानों ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे वादा किया था कि इन सभी अतिथि विद्वानों को नियमित करेंगे. लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं.

आश्वासन पर आश्वासन: अतिथि विद्वान संघ के पदाधिकारी देवराज सिंह का कहना है कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार कई बार अतिथि विद्वानों को नियमित करने की बात कह चुकी है लेकिन चुनावी साल होने के बाद भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. बार-बार मामा जी हमें आश्वासन देते हैं लेकिन अभी तक हमें नियमित नहीं किया गया. ऐसे में हमारे परिवार का गुजारा कैसे होगा. नियमितीकरण की मांग को लेकर यह सभी भोपाल के नीलम पार्क में एकत्रित हुए. बारिश आदि के चलते एक महिला अतिथि विद्वान बेहोश भी हो गई जिसे तुरंत शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान बारिश में भीगते हुए जगह-जगह से ये यहां पहुंचे और बारिश में ही अपना आंदोलन जारी रखा. इन अतिथि विद्वानों का कहना है कि भले बारिश आए, चाहे आंधी तूफान लेकिन यह अब नियमितीकरण की मांग पूरी होने के बाद ही यहां से हटेंगे. फिलहाल यह सभी भोपाल के नीलम पार्क में धरने पर बैठे हैं.

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कमलनाथ ने किया समर्थन: अतिथि विद्वानों के समर्थन में कमलनाथ ने भी ट्वीट कर इनकी मांगों का समर्थन किया. कमलनाथ ने अपनी ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज जी भले ही आप मोदी जी की मन की बात सुनें लेकिन इनके भी मन की बात आपको सुननी चाहिए. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि बड़ी संख्या में अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मूसलाधार बारिश के बीच वे मुख्यमंत्री से सिर्फ यही मांग कर रहे हैं कि जो वादा उन्होंने अतिथि विद्वानों से किया था, उसे पूरा करें. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला अतिथि विद्वान बेहोश भी हो गई हैं. मुख्यमंत्री जी मैं जानता हूं कि आप आजकल जनता के मन की बात सुनने की जगह किसी और के मन की बात सुन रहे हैं. लेकिन आपसे निवेदन है कि अतिथि विद्वान मध्यप्रदेश के भविष्य का निर्माण करते हैं, उनके साथ वादाखिलाफी किसी भी राजनीतिक शुचिता के खिलाफ है. आपको तत्काल उनकी न्यायोचित मांगों पर कार्यवाही करनी चाहिए.

सिंधिया की घोषणा: मध्यप्रदेश में 4600 से अधिक अतिथि विद्वान शिक्षक हैं जो बच्चों को पढ़ाई के साथ ही अन्य गतिविधियों में सहायता करते हैं लेकिन अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर यह पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने भी घोषणा पत्र में इन्हें नियमित करने का वादा किया था. जिसके बाद एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया जब उस समय वो कांग्रेस में थे तो उन्होंने यह बयान दिया था कि इन शिक्षकों की मांग पूरी नहीं होती तो वह भी सड़कों पर इनके साथ में होंगे. ऐसे में इसी बयान को याद दिलाते हुए यह अतिथि विद्वान सिंधिया के साथ प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी यही मांग कर रहे हैं कि अब सरकार अपना वादा निभाए और इन्हें नियमित करें.

भोपाल में अतिथि शिक्षकों का विरोध

भोपाल। कांग्रेस में रहते हुए अपनी ही सरकार के खिलाफ शिक्षकों के आंदोलन में पहुंचे ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा था कि अगर आपकी मांगे पूरी नहीं होती है तो आपके साथ मैं भी सड़क पर उतरूंगा. इस बयान के बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया और कमलनाथ के बीच खासा विरोध देखा गया और सिंधिया बाद में बीजेपी में शामिल हो गए. अब इसी वादे की याद दिलाने को लेकर अतिथि विद्वानों ने भोपाल में डेरा जमा लिया है. सीहोर से वादा निभाओ यात्रा लेकर निकले अतिथि विद्वानों ने नारेबाजी करते हुए कहा कि "ज्योतिरादित्य सिंधिया अब आपको वादा निभाना होगा, बीजेपी के खिलाफ भी सड़क पर आना होगा." अतिथि विद्वानों ने कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उनसे वादा किया था कि इन सभी अतिथि विद्वानों को नियमित करेंगे. लेकिन आज तक सिर्फ आश्वासन ही मिल रहे हैं.

आश्वासन पर आश्वासन: अतिथि विद्वान संघ के पदाधिकारी देवराज सिंह का कहना है कि मध्य प्रदेश की बीजेपी सरकार कई बार अतिथि विद्वानों को नियमित करने की बात कह चुकी है लेकिन चुनावी साल होने के बाद भी सरकार का इस ओर ध्यान नहीं है. बार-बार मामा जी हमें आश्वासन देते हैं लेकिन अभी तक हमें नियमित नहीं किया गया. ऐसे में हमारे परिवार का गुजारा कैसे होगा. नियमितीकरण की मांग को लेकर यह सभी भोपाल के नीलम पार्क में एकत्रित हुए. बारिश आदि के चलते एक महिला अतिथि विद्वान बेहोश भी हो गई जिसे तुरंत शासकीय अस्पताल में भर्ती कराया गया. इस दौरान बारिश में भीगते हुए जगह-जगह से ये यहां पहुंचे और बारिश में ही अपना आंदोलन जारी रखा. इन अतिथि विद्वानों का कहना है कि भले बारिश आए, चाहे आंधी तूफान लेकिन यह अब नियमितीकरण की मांग पूरी होने के बाद ही यहां से हटेंगे. फिलहाल यह सभी भोपाल के नीलम पार्क में धरने पर बैठे हैं.

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कमलनाथ ने किया समर्थन: अतिथि विद्वानों के समर्थन में कमलनाथ ने भी ट्वीट कर इनकी मांगों का समर्थन किया. कमलनाथ ने अपनी ट्वीट में कहा कि मुख्यमंत्री शिवराज जी भले ही आप मोदी जी की मन की बात सुनें लेकिन इनके भी मन की बात आपको सुननी चाहिए. कमलनाथ ने ट्वीट कर लिखा कि बड़ी संख्या में अतिथि विद्वान राजधानी भोपाल में अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. मूसलाधार बारिश के बीच वे मुख्यमंत्री से सिर्फ यही मांग कर रहे हैं कि जो वादा उन्होंने अतिथि विद्वानों से किया था, उसे पूरा करें. प्राप्त जानकारी के अनुसार एक महिला अतिथि विद्वान बेहोश भी हो गई हैं. मुख्यमंत्री जी मैं जानता हूं कि आप आजकल जनता के मन की बात सुनने की जगह किसी और के मन की बात सुन रहे हैं. लेकिन आपसे निवेदन है कि अतिथि विद्वान मध्यप्रदेश के भविष्य का निर्माण करते हैं, उनके साथ वादाखिलाफी किसी भी राजनीतिक शुचिता के खिलाफ है. आपको तत्काल उनकी न्यायोचित मांगों पर कार्यवाही करनी चाहिए.

सिंधिया की घोषणा: मध्यप्रदेश में 4600 से अधिक अतिथि विद्वान शिक्षक हैं जो बच्चों को पढ़ाई के साथ ही अन्य गतिविधियों में सहायता करते हैं लेकिन अपने नियमितीकरण की मांग को लेकर यह पिछले कई सालों से आंदोलन कर रहे हैं. ऐसे में कांग्रेस ने भी घोषणा पत्र में इन्हें नियमित करने का वादा किया था. जिसके बाद एक सभा में ज्योतिरादित्य सिंधिया जब उस समय वो कांग्रेस में थे तो उन्होंने यह बयान दिया था कि इन शिक्षकों की मांग पूरी नहीं होती तो वह भी सड़कों पर इनके साथ में होंगे. ऐसे में इसी बयान को याद दिलाते हुए यह अतिथि विद्वान सिंधिया के साथ प्रदेश सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी यही मांग कर रहे हैं कि अब सरकार अपना वादा निभाए और इन्हें नियमित करें.

Last Updated : Apr 30, 2023, 8:22 PM IST
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