भोपाल। राजधानी के शाहजहानी पार्क में नियमितीकरण की मांग को लेकर बीते कई दिनों से अतिथि शिक्षक धरना प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन सरकार उनकी मांगों को लेकर कोई सुनवाई नहीं कर रही है. वहीं अतिथि शिक्षक भी अपनी मांगों को लेकर अडिग है. अतिथि शिक्षकों का कहना है कि जब तक नियमितीकरण के आदेश नहीं दे दिए जाते, तब तक कोई भी अतिथि शिक्षक राजधानी छोड़कर नहीं जाएगा.
अतिथि शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश शास्त्री का कहना है कि प्रदेश के शिक्षा मंत्री कहते हैं कि अतिथि शिक्षकों को प्रदेश में 25 प्रतिशत अतिरिक्त रूप से आरक्षण दिया गया है, जबकि वह पूरी तरह से गलत बयानबाजी कर रहे हैं. सच्चाई यह है कि 25 प्रतिशत आरक्षण पूर्व की बीजेपी सरकार ने दिया था. इस सरकार के द्वारा जो नीति अपनाई जा रही है उससे हजारों अतिथि शिक्षक बेरोजगार हो गए हैं. कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के समय अतिथि शिक्षकों से वादा किया था कि सरकार बनने पर नियमितीकरण की सौगात दी जाएगी, लेकिन उन्होंने अब तक ऐसा नहीं किया है.
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि हमारी हालत बहुत ज्यादा खराब हो चुकी है, सरकार ने हमारा आर्थिक रूप से शोषण किया है. जिसके चलते हमें कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि जब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनी और मुख्यमंत्री कमलनाथ बने तो सभी अतिथि शिक्षकों के घरों में घी के दीपक जलाए गए थे. क्योंकि उम्मीद थी कि अब अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण की सौगात मिल जाएगी, लेकिन इतना संघर्ष करने के बाद भी प्रदेश सरकार का कोई भी नुमाइंदा अतिथि शिक्षकों की सुध लेने तक नहीं आया.
अतिथि शिक्षकों ने कहा कि हमारा तो अब यही नारा है कि मर जाएंगे या लेकर जाएंगे. इसी नारे के साथ हम लोग लगातार यहां पर मोर्चा संभाले हुए हैं. हमारे प्रतिनिधि मंडल ने एक दिन पहले ही मुख्य सचिव से भी मुलाकात की थी. हालांकि, उन्होंने जल्द निराकरण करने का आश्वासन दिया है, लेकिन जब तक अतिथि शिक्षकों को नियमितीकरण के लिखित आदेश नहीं मिल जाता, तब तक यहां से कोई भी वापस नहीं जाएगा.