भोपाल। शहर में पिछले पांच दिनों से धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों ने भैंस के आगे बीन बजाकर सरकार को नींद से जगाने की कोशिश की. बता दें कि अतिथि विद्वानों का नियमितीकरण को लेकर प्रदर्शन जारी है. साथ ही उनका कहना है कि जब तक उन्हें लिखित में आश्वासन नहीं मिलेगा तब तक आंदोलन जारी रहेगा.
सरकार को नींद से जगाने की कोशिश
पिछले 5 दिनों से नियमितीकरण की मांग को लेकर धरने पर बैठे अतिथि विद्वानों ने भैंस को कांग्रेस सरकार बताया और कहा कि कांग्रेस सरकार भी भैंस की तरह हो गई है. हम पिछले 5 दिनों से कड़कती ठंड और बारिश में अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रहे हैं. बावजूद कांग्रेस सरकार का एक भी आला अधिकारी और मंत्री हमसे मुलाकात करने नहीं आया.
राज्यपाल से मांगी आत्मदाह की अनुमति
वहीं सबने राज्यपाल लालजी टंडन को पत्र लिखकर आत्मदाह की अनुमति मांगी है. अतिथि विद्वानों का कहना है कि सरकार ने एक हजार पीएससी चयनितों को पोस्टिंग दे दी है और हम एक हजार अतिथि विद्वानों को सरकार ने बेरोजगार कर दिया है. हम सालों से महाविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रहे हैं अब हमारे पास आत्मदाह करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा.