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लोकसभा चुनाव में चुनाव आयोग पहली बार ईवीएम ले जाने वाले वाहनों की करेगा GPS ट्रैकिंग, 10 लाख मतदाताओं का हुआ इजाफा

भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में जिन वाहनों में ईवीएम मशीनों का परिवहन होगा. उन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. मतदान के दिन वाहनों में रिजर्व मशीनों के परिवहन व मतदान के बाद रिजर्व इन मशीनों को जिला से राज्य स्तरीय वेयर हाउस तक लाने वाले वाहनों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा.

वीएल कांताराव
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Published : Mar 25, 2019, 11:24 PM IST

Updated : Mar 25, 2019, 11:57 PM IST

भोपाल। लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग पहली बार ईवीएम की जीपीएस ट्रैकिंग करने जा रहा है. जिस वाहनों में ईवीएम को लाया जाएगा उसमें जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार दस लाख मतदाताओं का इजाफा हुआ है.

चुनाव आयोग


भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में जिन वाहनों में ईवीएम मशीनों का परिवहन होगा. उन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. मतदान के दिन वाहनों में रिजर्व मशीनों के परिवहन व मतदान के बाद रिजर्व इन मशीनों को जिला से राज्य स्तरीय वेयर हाउस तक लाने वाले वाहनों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा.


जिससे वाहनों की लोकेशन पता चल सके. इस व्यवस्था के लिए ई टेंडरिंग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. वाहनों के ट्रेकिंग के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित होगा और वाहनों की लोकेशन की मॉनिटरिंग की जाएगी. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने बताया कि यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है. इस बार जीपीएस ट्रैकर है जो हर वाहन जिसमें मतदान दल और सेक्टर अधिकारी जाएंगे उसे ट्रैक किया जाएगा.


ऐसे वाहन हर जिले में करीब 400 होते हैं, इनकी ट्रैकिंग हर जिला मुख्यालय पर होगी. हर जिले में कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के पास एक एप होगा. जिसके जरिए वह किसी भी वाहन को ट्रैक कर सकेंगे. जो चुनाव के दिन 24 घंटे के अंदर मशीनें आएंगी, जिनमें वोट पड़े हैं और वह मशीन जिनका उपयोग नहीं किया गया है. वापसी में इन सभी वाहनों को ट्रैक करके हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई वाहन ऐसा तो नहीं रह गया और सभी वाहन जिनमें मशीन थी. वह वापस आई कि नहीं. इसकी जानकारी बाकायदा हम तमाम राजनीतिक दलों को भी देंगे.


मतदाता अभी भी जुड़वा सकते हैं मतदाता सूची में नाम
मध्यप्रदेश की 29 सीटों के लिए हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का काम अभी भी जारी है. अभी भी कोई व्यक्ति मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाना चाहता है, तो वह जुड़वा सकता है. वीएल कांता राव का कहना है कि 22 फरवरी को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद लगातार नाम जोड़े जाने का काम कर रहे हैं. कोई भी व्यक्ति अपना नाम अभी भी मतदाता सूची में जुड़वा सकता है. मध्यप्रदेश में चुनाव अलग-अलग चार चरणों में हैं, तो चरणों के हिसाब से नाम जोड़े जाने की तारीख तय की गई है.


10 लाख मतदाताओं का हुआ इजाफा
पहले चरण चुनाव वाले इलाकों में नाम जोड़ने की अंतिम तारीख 30 मार्च, दूसरे चरण के लिए 8 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 13 अप्रैल और चौथे चरण के लिए 19 अप्रैल तय की गई है. इस तरह सभी चार चरणों में नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन के10 दिन पहले तक नाम जोड़ने का काम जारी रहेगा. अभी तक 8 लाख आवेदन पत्र नाम जोड़े जाने के लिए प्राप्त हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव 2018 की मतदाता सूची में करीब 10 लाख मतदाताओं का इजाफा हुआ है. विधानसभा चुनाव में पांच करोड़ 5 लाख मतदाता थे, जो अभी 22 फरवरी को लोकसभा चुनाव के लिए जारी हुई मतदाता सूची में 5 करोड़ 15 लाख मतदाता हैं. अभी तक जो आवेदन आए हैं, उससे कि प्रदेश में 5 लाख मतदाता और बढ़ जाएंगे.

भोपाल। लोकसभा चुनाव में भारत निर्वाचन आयोग पहली बार ईवीएम की जीपीएस ट्रैकिंग करने जा रहा है. जिस वाहनों में ईवीएम को लाया जाएगा उसमें जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. वहीं पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार दस लाख मतदाताओं का इजाफा हुआ है.

चुनाव आयोग


भारत निर्वाचन आयोग ने निर्देश दिया है कि लोकसभा चुनाव 2019 में जिन वाहनों में ईवीएम मशीनों का परिवहन होगा. उन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा. मतदान के दिन वाहनों में रिजर्व मशीनों के परिवहन व मतदान के बाद रिजर्व इन मशीनों को जिला से राज्य स्तरीय वेयर हाउस तक लाने वाले वाहनों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा.


जिससे वाहनों की लोकेशन पता चल सके. इस व्यवस्था के लिए ई टेंडरिंग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं. वाहनों के ट्रेकिंग के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित होगा और वाहनों की लोकेशन की मॉनिटरिंग की जाएगी. प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने बताया कि यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है. इस बार जीपीएस ट्रैकर है जो हर वाहन जिसमें मतदान दल और सेक्टर अधिकारी जाएंगे उसे ट्रैक किया जाएगा.


ऐसे वाहन हर जिले में करीब 400 होते हैं, इनकी ट्रैकिंग हर जिला मुख्यालय पर होगी. हर जिले में कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के पास एक एप होगा. जिसके जरिए वह किसी भी वाहन को ट्रैक कर सकेंगे. जो चुनाव के दिन 24 घंटे के अंदर मशीनें आएंगी, जिनमें वोट पड़े हैं और वह मशीन जिनका उपयोग नहीं किया गया है. वापसी में इन सभी वाहनों को ट्रैक करके हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई वाहन ऐसा तो नहीं रह गया और सभी वाहन जिनमें मशीन थी. वह वापस आई कि नहीं. इसकी जानकारी बाकायदा हम तमाम राजनीतिक दलों को भी देंगे.


मतदाता अभी भी जुड़वा सकते हैं मतदाता सूची में नाम
मध्यप्रदेश की 29 सीटों के लिए हो रहे लोकसभा चुनाव के लिए मतदाता सूची में नाम जुड़वाने का काम अभी भी जारी है. अभी भी कोई व्यक्ति मतदाता सूची में अपना नाम जुड़वाना चाहता है, तो वह जुड़वा सकता है. वीएल कांता राव का कहना है कि 22 फरवरी को मतदाता सूची के अंतिम प्रकाशन के बाद लगातार नाम जोड़े जाने का काम कर रहे हैं. कोई भी व्यक्ति अपना नाम अभी भी मतदाता सूची में जुड़वा सकता है. मध्यप्रदेश में चुनाव अलग-अलग चार चरणों में हैं, तो चरणों के हिसाब से नाम जोड़े जाने की तारीख तय की गई है.


10 लाख मतदाताओं का हुआ इजाफा
पहले चरण चुनाव वाले इलाकों में नाम जोड़ने की अंतिम तारीख 30 मार्च, दूसरे चरण के लिए 8 अप्रैल, तीसरे चरण के लिए 13 अप्रैल और चौथे चरण के लिए 19 अप्रैल तय की गई है. इस तरह सभी चार चरणों में नामांकन पत्र दाखिल करने के अंतिम दिन के10 दिन पहले तक नाम जोड़ने का काम जारी रहेगा. अभी तक 8 लाख आवेदन पत्र नाम जोड़े जाने के लिए प्राप्त हुए हैं. पिछले विधानसभा चुनाव 2018 की मतदाता सूची में करीब 10 लाख मतदाताओं का इजाफा हुआ है. विधानसभा चुनाव में पांच करोड़ 5 लाख मतदाता थे, जो अभी 22 फरवरी को लोकसभा चुनाव के लिए जारी हुई मतदाता सूची में 5 करोड़ 15 लाख मतदाता हैं. अभी तक जो आवेदन आए हैं, उससे कि प्रदेश में 5 लाख मतदाता और बढ़ जाएंगे.

Intro:भोपाल। ईवीएम मशीनों से चुनाव को लेकर कई तरह के आरोप राजनीतिक दलों द्वारा लगाए जाते रहे हैं। कभी मशीनें बदले जाने, तो कभी मशीनों में हेरफेर किए जाने के आरोप लगना आम बात हो गई है। ऐसे में भारत निर्वाचन आयोग पहली बार लोकसभा चुनाव 2019 में ईवीएम मशीन की जीपीएस ट्रैकिंग करने जा रहा है। इस व्यवस्था के तहत चुनाव में उपयोग आने वाली मशीनों जिन वाहनों से परिवहन किया जाएगा, उन वाहनों में बाकायदा जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा और जिला स्तर पर उनकी निगरानी की जाएगी।


Body:भारत निर्वाचन आयोग निर्देश दिए हैं कि लोकसभा चुनाव 2019 में जिन वाहनों में ईवीएम मशीनों का परिवहन होगा, उन वाहनों में जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा। लोकसभा चुनाव के दौरान मतदान दलों को मतदान केंद्र तक लाने ले जाने में प्रयोग होने वाले वाहन, सेक्टर मजिस्ट्रेट द्वारा मतदान के दिन अपने वाहनों में रिजर्व मशीनों के परिवहन एवं मतदान के बाद रिजर्व इन मशीनों को जिलों से राज्य स्तरीय वेयर हाउस तक लाने वाले वाहनों पर जीपीएस ट्रैकिंग सिस्टम लगाया जाएगा। जिससे वाहनों की लोकेशन ली जा सके। इस व्यवस्था के लिए ई टेंडरिंग के माध्यम से निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। वाहनों के ट्रेकिंग के लिए प्रत्येक जिला मुख्यालय पर कंट्रोल रूम स्थापित होगा और वाहनों की लोकेशन की मॉनिटरिंग की जाएगी।


Conclusion:मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी वीएल कांता राव ने बताया कि यह प्रयोग पहली बार किया जा रहा है। इस बार जीपीएस ट्रैकर हैं, वह प्रत्येक वाहन जिसमें मतदान दल जाएंगे और प्रत्येक वाहन जिसमें सेक्टर अधिकारी जाएंगे (क्योंकि यह दो ही वाहन है, जिसमे मशीनें होती हैं) तो इन वाहनों को ट्रैक किया जाएगा। ऐसी वाहन हर जिले में लगभग 400 वाहन होते हैं, इनकी ट्रैकिंग हर जिला मुख्यालय पर होगी। हर जिले में कलेक्टर और अन्य अधिकारियों के पास एक एप होगा, जिसके माध्यम से वह किसी भी वाहन को ट्रैक कर सकेंगे। जो चुनाव के दिन 24 घंटे के अंदर मशीनें आएंगी, जिनमें में वोट पड़े हैं और वह मशीन आएंगी जिनका उपयोग नहीं किए गए हैं।वापसी में इन सभी वाहनों को ट्रैक करके हम सुनिश्चित करेंगे कि कोई वाहन ऐसा तो नहीं रह गया और सभी वाहन जिनमें मशीन थी, वह वापस आए कि नहीं। इसकी जानकारी बाकायदा हम तमाम राजनीतिक दलों को भी देंगे।
Last Updated : Mar 25, 2019, 11:57 PM IST
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