भोपाल। ग्वालियर संभाग के कमिश्नर एमबी ओझा का एक तुगलकी फरमान कर्मचारियों के लिए नाराजगी का विषय बन गया है. दरअसल, ग्वालियर कमिश्नर ने आदेश जारी कर कहा है कि अधिकारी-कर्मचारी ऑफिस टाइम में सौम्य एवं शालीनता पूर्ण औपचारिक परिधान पहने, इसमें साफ तौर पर कहा गया है कि अनौपचारिक परिधान या टीशर्ट वगैरह कर्मचारी नहीं पहन सकते हैं. इस आदेश को लेकर कर्मचारी संगठन जमकर नाराज हो गए और उन्होंने इसे अधिकारी-कर्मचारियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन बताया है. इस सिलसिले में राजधानी भोपाल के कर्मचारी संगठन मुख्य सचिव से मुलाकात कर आदेश वापस लेने की मांग करेंगे.
ऑफिस टाइम में फॉर्मल ड्रेस पर जोर
दरअसल, 30 जुलाई 2020 को आयुक्त कार्यालय ग्वालियर द्वारा जारी आदेश में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग 20 जुलाई के आधार पर निर्देश दिए गए हैं कि शासकीय अधिकारी-कर्मचारी फॉर्मल ड्रेस पहनकर ऑफिस आएंगे. इस आदेश में उन्होंने कहा है कि यह देखने में आ रहा है कि शासकीय सेवकों द्वारा ऑफिस अवधि के दौरान अनौपचारिक परिधान पहने जाते हैं, जो शासकीय सेवा की गरिमा के अनुकूल नहीं हैं.
आदेश की अवहेलना पर कार्रवाई की बात
20 जुलाई 2020 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित समीक्षा बैठक में जिला मंदसौर के एक अधिकारी द्वारा टी-शर्ट पहनकर शामिल होने पर मुख्य सचिव ने आपत्ति जताते हुए संभाग के अधिकारियों पर नाराजगी जाहिर की और सभी को सादा परिधान पहनकर ऑफिस आने के स्पष्ट निर्देश दिए हैं. आदेश का पालन न होने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई किए जाने के निर्देश भी दिए गए हैं.
कर्मचारी संघ ने जताया आक्रोश
इस सिलसिले में मध्यप्रदेश शासकीय तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री लक्ष्मीनारायण शर्मा का कहना है, 'ग्वालियर संभाग के आयुक्त एमबी ओझा द्वारा एक और तुगलकी आदेश जारी किया गया है, जिसमें स्पष्ट निर्देश दिया गया है कि ग्वालियर संभाग का कोई भी कर्मचारी टीशर्ट आदि नहीं पहन सकता है.'
आदेश को बताया तुगलकी फरमान
कर्मचारी संघ के प्रदेश महामंत्री का कहना है, 'मध्यप्रदेश की सरकार ने प्रदेश में कोई ड्रेस कोड लागू नहीं किया है, ऐसे में इस तरह के आदेश जारी करना अधिकारियों-कर्मचारियों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता का हनन है. या तो मध्यप्रदेश सरकार पूरे प्रदेश में ड्रेस कोड लागू करे या फिर इस तरह के तुगलकी आदेशों को तत्काल रोका जाना चाहिए. इससे कर्मचारी हतोत्साहित और प्रताड़ित महसूस करते हैं.'
कर्मचारी संगठन इस संबंध में जल्द ही मुख्य सचिव को ज्ञापन सौंपकर मांग करेंगे कि ग्वालियर आयुक्त के जारी निर्देश तत्काल निरस्त किए जाएं.