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परीक्षा परिणामों में देरी अक्षम्य अपराध, छात्र-छात्राओं के हितों की अनदेखी बर्दाश्त नहीं: राज्यपाल लालजी टंडन

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Published : Oct 17, 2019, 8:53 AM IST

उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिए कई कार्य किए जा रहे हैं. जिनकी समीक्षा बैठक राज्यपाल लालजी टंडन ने ली है. इस दौरान उन्होंने जरूरी निर्देश भी दिए हैं.

राज्यपाल लालजी टंडन ने ली समीक्षा बैठक

भोपाल | राजभवन में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की माईक्रो लेवल मॉनिटरिंग पर बल दिया है.

परीक्षा परिणामों में विलंब अक्षम्य अपराध

बीते दिन हुई बैठक में जीवाजी विश्वविद्यालय, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और अवधेशप्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने विश्वविद्यालय द्वारा नैक ग्रेडिंग, गुणवत्ता सुधार, परिसर प्रबंधन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी है. इस दौरैान राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि छात्र-छात्राओं की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी. परीक्षा परिणामों में विलम्ब अक्षम्य अपराध है. राज्यपाल ने कहा है कि आगामी सत्र में शैक्षणिक कैलेण्डर लागू नहीं करने वाले विश्वविद्यालय दंड के भागी होंगे.

परीक्षा परिणामों में देरी पर होगी कार्रवाई

राज्यपाल ने कहा कि जो निर्णय किये जाएं, उनका अनिवार्य पालन सुनिश्चित किया जाये. विश्वविद्यालयों द्वारा कुछ सेमेस्टर परीक्षा परिणाम निर्धारित समयावधि में घोषित नहीं किये जाने पर राज्यपाल ने अप्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कुलपतियों को आगाह किया कि अगले शिक्षा सत्र में यदि परीक्षा परिणाम नियत तिथि पर घोषित नहीं किये गये, तो जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्रवाई की जायेगी.

राज्यपाल लालजी टंडन ने ली समीक्षा बैठक

कोर्स शुरू करने पर कोई रोक नहीं

लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा स्वपोषित कोर्सेस प्रारंभ करने पर कोई रोक नहीं है. यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जो कोर्स प्रारंभ किये जायें, वे भविष्य में भी बिना किसी आर्थिक सहयोग के चलें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की स्वायतत्ता तभी संभव हो सकती है, जब उनकी की दृष्टि और इच्छाशक्ति में महत्व दिखाई दे.

कुलपति का सम्मान उनके आचरण पर आधारित

राज्यपाल ने आगाह किया कि परिणाम देना कुलपतियों का दायित्व है. परिणाम नहीं देने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई आवश्यक है. कुलपति का सम्मान बना रहे, यह राज्यपाल की जवाबदारी है . कुलपति का सम्मान उनके आचरण पर आधारित है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाएं और प्रबंधन पारदर्शी हो. इसमें गड़बड़ी करने वालों के लिये कड़े दंड की व्यवस्था हो, उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें कोई हीला-हवाली नहीं चलेगी.

प्राकृतिक खेती के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाएं

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय समग्र शिक्षा के केन्द्र बनें, जहां विद्यार्थियों को सैद्धांतिकता के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त हो. विश्वविद्यालयों में वर्तमान की समस्याओं और प्रमुख चुनौती के समाधान की शिक्षा और अनुभव मिले. विश्वविद्यालय इसका मॉडल बनें, सौर ऊर्जा का उपयोग, जल पुनर्भरण, पौधा रोपण, कचरा निष्पादन और प्राकृतिक खेती के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किये जायें.

राज्यपाल ने बताए पौधारोपण के लाभ

राज्यपाल ने कहा कि भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं के लिए व्यवसायिक उपयोग वाले वृक्षों का पौधारोपण करना चाहिए. इससे कुछ ही वर्षों में बैंकों की तुलना में बहुत अधिक निवेश वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि जल पुनर्भरण के कार्यों से आसन्न जल संकट की संभावनाओं का सामना करने में मदद मिलेगी. कूड़े से खाद और ऊर्जा के प्रयोग जहाँ एक ओर जैव खाद आपूर्ति के स्त्रोत बनेंगे, वहीं दूसरी ओर रसायनिक उर्वरकों से होने वाले घातक प्रभावों से मानवता और मिट्टी का संरक्षण होगा. सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से विद्युत व्यय की बड़ी धनराशि की नियमित बचत होगी.

भोपाल | राजभवन में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता के विकास के लिये किये जा रहे प्रयासों की समीक्षा बैठक आयोजित की गई. बैठक के दौरान राज्यपाल ने प्रदेश के विश्वविद्यालयों द्वारा उच्च शिक्षा की गुणवत्ता सुधार के क्षेत्र में किये जा रहे प्रयासों की माईक्रो लेवल मॉनिटरिंग पर बल दिया है.

परीक्षा परिणामों में विलंब अक्षम्य अपराध

बीते दिन हुई बैठक में जीवाजी विश्वविद्यालय, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय और अवधेशप्रताप सिंह विश्वविद्यालय के कुलपतियों ने विश्वविद्यालय द्वारा नैक ग्रेडिंग, गुणवत्ता सुधार, परिसर प्रबंधन के क्षेत्र में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी है. इस दौरैान राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा है कि छात्र-छात्राओं की अनदेखी बर्दाश्त नहीं होगी. परीक्षा परिणामों में विलम्ब अक्षम्य अपराध है. राज्यपाल ने कहा है कि आगामी सत्र में शैक्षणिक कैलेण्डर लागू नहीं करने वाले विश्वविद्यालय दंड के भागी होंगे.

परीक्षा परिणामों में देरी पर होगी कार्रवाई

राज्यपाल ने कहा कि जो निर्णय किये जाएं, उनका अनिवार्य पालन सुनिश्चित किया जाये. विश्वविद्यालयों द्वारा कुछ सेमेस्टर परीक्षा परिणाम निर्धारित समयावधि में घोषित नहीं किये जाने पर राज्यपाल ने अप्रसन्नता व्यक्त की. उन्होंने कुलपतियों को आगाह किया कि अगले शिक्षा सत्र में यदि परीक्षा परिणाम नियत तिथि पर घोषित नहीं किये गये, तो जिम्मेदारी निर्धारित कर कार्रवाई की जायेगी.

राज्यपाल लालजी टंडन ने ली समीक्षा बैठक

कोर्स शुरू करने पर कोई रोक नहीं

लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय द्वारा स्वपोषित कोर्सेस प्रारंभ करने पर कोई रोक नहीं है. यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि जो कोर्स प्रारंभ किये जायें, वे भविष्य में भी बिना किसी आर्थिक सहयोग के चलें. उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों की स्वायतत्ता तभी संभव हो सकती है, जब उनकी की दृष्टि और इच्छाशक्ति में महत्व दिखाई दे.

कुलपति का सम्मान उनके आचरण पर आधारित

राज्यपाल ने आगाह किया कि परिणाम देना कुलपतियों का दायित्व है. परिणाम नहीं देने वालों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई आवश्यक है. कुलपति का सम्मान बना रहे, यह राज्यपाल की जवाबदारी है . कुलपति का सम्मान उनके आचरण पर आधारित है. उन्होंने कहा कि प्रशासनिक व्यवस्थाएं और प्रबंधन पारदर्शी हो. इसमें गड़बड़ी करने वालों के लिये कड़े दंड की व्यवस्था हो, उन्होंने स्पष्ट किया कि इसमें कोई हीला-हवाली नहीं चलेगी.

प्राकृतिक खेती के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किए जाएं

राज्यपाल लालजी टंडन ने कहा कि विश्वविद्यालय समग्र शिक्षा के केन्द्र बनें, जहां विद्यार्थियों को सैद्धांतिकता के साथ ही व्यवहारिक ज्ञान भी प्राप्त हो. विश्वविद्यालयों में वर्तमान की समस्याओं और प्रमुख चुनौती के समाधान की शिक्षा और अनुभव मिले. विश्वविद्यालय इसका मॉडल बनें, सौर ऊर्जा का उपयोग, जल पुनर्भरण, पौधा रोपण, कचरा निष्पादन और प्राकृतिक खेती के कार्य विश्वविद्यालयों द्वारा किये जायें.

राज्यपाल ने बताए पौधारोपण के लाभ

राज्यपाल ने कहा कि भविष्य की वित्तीय आवश्यकताओं के लिए व्यवसायिक उपयोग वाले वृक्षों का पौधारोपण करना चाहिए. इससे कुछ ही वर्षों में बैंकों की तुलना में बहुत अधिक निवेश वृद्धि होगी. उन्होंने कहा कि जल पुनर्भरण के कार्यों से आसन्न जल संकट की संभावनाओं का सामना करने में मदद मिलेगी. कूड़े से खाद और ऊर्जा के प्रयोग जहाँ एक ओर जैव खाद आपूर्ति के स्त्रोत बनेंगे, वहीं दूसरी ओर रसायनिक उर्वरकों से होने वाले घातक प्रभावों से मानवता और मिट्टी का संरक्षण होगा. सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना से विद्युत व्यय की बड़ी धनराशि की नियमित बचत होगी.

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