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वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए राज्यपाल ने किया वेबीनार का शुभारंभ, कोरोना संकट पर हुई चर्चा

वेबीनार के शुभारंभ अवसर पर राज्यपाल लालजी टंडन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए आयोजन को संबोधित किया. हालांकि इस मौके पर राज्यपाल ने कोरोना संकट को लेकर सावधानी बरतने सहित कई चीजों पर चर्चा की.

Governor lalji tandon launches webinar
गवर्नर ने वेबीनार का किया शुभारंभ
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Published : Jun 2, 2020, 4:19 PM IST

भोपाल। शहडोल में स्थित पंडित शंभुनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के तीसरे स्थापना दिवस पर आयोजित वेबीनार का शुभारंभ प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. इस दौरान कोरोना जैसा वैश्विक महामारी को लेकर भी चर्चा की गई है. इस अवसर पर गवर्नर लालजी टंडन ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न संकट का समय चिंतन और नवाचार का है. पूरा देश एकजुट होकर आज इस संकट का समाधान ढूंढ रहा है. एक दूसरे का सहयोग कर रहा है. इस भाव को देख कर लगता है कि देश में एकत्ववाद का फिर से जागरण हो रहा है.

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन के जरिए देशवासियों को सलाह दी है. जारी लॉकडाउन के समय परिस्थितियों का सामना करने का हौसला बढ़ाया, जो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि लॉकडॉउन के दौरान जो प्रतिबंध लगे हुए थे, अब वह धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है. इसको लेकर सावधानियां बरतनी होगी, जिससे धीरे-धीरे इस संकट से निजात मिल सकें. संयम और धैर्य से काम लेना होगा.

लालजी टंडन ने कहा कि इस संकट काल के बाद नई संस्कृति का जन्म होने वाला है. अब जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी क्षमता और योग्यता के साथ खुद प्रेरित होकर भारत के विकास को नई दिशा देने के लिए कार्य करें. उन्होंने देश की बेटियों, छात्रों और नागरिकों की तारीफ करते हुए कहा कि इन लोगों ने तेजी के साथ कोरोना का सामना करने के लिए मास्क और अन्य आवश्यक उत्पादों का निर्माण कर आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारा विश्वास और अधिक बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि यह हमारा इतिहास ही है जहां विषम परिस्थितियों में भी हम अपने आत्म सम्मान और संस्कृति की रक्षा करते रहे हैं.

राज्यपाल ने कहा कि देशवासियों ने आत्मानुशासन, विशेषज्ञों की राय और प्रधानमंत्री की सलाह का पालन करते हुए विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के बीच संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका घर में रहकर अपना बचाव करना था, जिसका पालन लोगों ने एकजुटता से किया है.

वेबीनार में रीवा, चित्रकूट और शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एडीएन वाजपेयी ने स्वदेशी आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद विषय पर अपना विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते संकट के समय में प्रधानमंत्री की देशवासियों से आत्मनिर्भरता की अपील पर अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा. इसके लिए स्वदेशी आचरण अपनाकर क्षेत्र की विशेषताओं को ध्यान में रखकर उत्पादन का निर्माण करना होगा. अपने उत्पाद को देश के साथ-साथ अन्य देशों तक पहुंचाना होगा, जिससे देश आर्थिक, आत्मनिर्भरता और सम्पन्नता की ओर बढ़े.

पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश तिवारी ने बताया कि पांच दिवसीय इस आयोजन में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेडिटेशन, हाइजीन एवं पब्लिक हेल्थ, शासकीय योजनाएं और मीडिया से चर्चा के साथ-साथ कोरोना वारियर्स का सम्मान किया जाएगा. वहीं आयोजन की संयोजिका डॉक्टर मनीषा तिवारी ने बताया कि पांच दिवसीय आयोजन से विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी जुड़ेंगे और इससे लाभान्वित होंगे.

भोपाल। शहडोल में स्थित पंडित शंभुनाथ शुक्ल विश्वविद्यालय के तीसरे स्थापना दिवस पर आयोजित वेबीनार का शुभारंभ प्रदेश के राज्यपाल लालजी टंडन द्वारा वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया गया. इस दौरान कोरोना जैसा वैश्विक महामारी को लेकर भी चर्चा की गई है. इस अवसर पर गवर्नर लालजी टंडन ने कहा कि कोरोना वायरस के चलते उत्पन्न संकट का समय चिंतन और नवाचार का है. पूरा देश एकजुट होकर आज इस संकट का समाधान ढूंढ रहा है. एक दूसरे का सहयोग कर रहा है. इस भाव को देख कर लगता है कि देश में एकत्ववाद का फिर से जागरण हो रहा है.

राज्यपाल ने कहा कि कोरोना संकट के दुष्प्रभाव से निपटने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन के जरिए देशवासियों को सलाह दी है. जारी लॉकडाउन के समय परिस्थितियों का सामना करने का हौसला बढ़ाया, जो सराहनीय है. उन्होंने कहा कि लॉकडॉउन के दौरान जो प्रतिबंध लगे हुए थे, अब वह धीरे-धीरे हटाए जा रहे हैं, लेकिन अभी भी कोरोना वायरस का खतरा टला नहीं है. इसको लेकर सावधानियां बरतनी होगी, जिससे धीरे-धीरे इस संकट से निजात मिल सकें. संयम और धैर्य से काम लेना होगा.

लालजी टंडन ने कहा कि इस संकट काल के बाद नई संस्कृति का जन्म होने वाला है. अब जिम्मेदारी बनती है कि हम अपनी क्षमता और योग्यता के साथ खुद प्रेरित होकर भारत के विकास को नई दिशा देने के लिए कार्य करें. उन्होंने देश की बेटियों, छात्रों और नागरिकों की तारीफ करते हुए कहा कि इन लोगों ने तेजी के साथ कोरोना का सामना करने के लिए मास्क और अन्य आवश्यक उत्पादों का निर्माण कर आत्मनिर्भरता की दिशा में हमारा विश्वास और अधिक बढ़ाया है. उन्होंने कहा कि यह हमारा इतिहास ही है जहां विषम परिस्थितियों में भी हम अपने आत्म सम्मान और संस्कृति की रक्षा करते रहे हैं.

राज्यपाल ने कहा कि देशवासियों ने आत्मानुशासन, विशेषज्ञों की राय और प्रधानमंत्री की सलाह का पालन करते हुए विश्व के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है, क्योंकि इतनी बड़ी आबादी के बीच संक्रमण को रोकने का एकमात्र तरीका घर में रहकर अपना बचाव करना था, जिसका पालन लोगों ने एकजुटता से किया है.

वेबीनार में रीवा, चित्रकूट और शिमला विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति एडीएन वाजपेयी ने स्वदेशी आत्मनिर्भरता और राष्ट्रवाद विषय पर अपना विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि कोरोना संक्रमण के चलते संकट के समय में प्रधानमंत्री की देशवासियों से आत्मनिर्भरता की अपील पर अपनी योजनाओं का क्रियान्वयन करना होगा. इसके लिए स्वदेशी आचरण अपनाकर क्षेत्र की विशेषताओं को ध्यान में रखकर उत्पादन का निर्माण करना होगा. अपने उत्पाद को देश के साथ-साथ अन्य देशों तक पहुंचाना होगा, जिससे देश आर्थिक, आत्मनिर्भरता और सम्पन्नता की ओर बढ़े.

पंडित एसएन शुक्ल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर मुकेश तिवारी ने बताया कि पांच दिवसीय इस आयोजन में कोरोना संक्रमण को ध्यान में रखते हुए मेडिटेशन, हाइजीन एवं पब्लिक हेल्थ, शासकीय योजनाएं और मीडिया से चर्चा के साथ-साथ कोरोना वारियर्स का सम्मान किया जाएगा. वहीं आयोजन की संयोजिका डॉक्टर मनीषा तिवारी ने बताया कि पांच दिवसीय आयोजन से विश्वविद्यालय के सभी विद्यार्थी जुड़ेंगे और इससे लाभान्वित होंगे.

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