भोपाल। मध्य प्रदेश की 6 से ज्यादा ऐतिहासिक महत्व की इमारतों को पर्यटन विकास निगम अब निजी हाथों में सौंपा जा रहा है. पर्यटन विकास निगम कटनी के विजय राघौगढ़, चंदेरी के सिंहपुरताल पैलेस, टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ सहित 6 से ज्यादा ऐतिहासिक धरोहरों को निजी हाथों में सौंपने के लिए निविदाएं बुलाई हैं. इसके बाद ऐतिहासिक धरोहरों को डिजाइन बिल्ड फाइनेंस ऑपरेट और ट्रांसफर यानी DBFOT के माध्यम से विकसित और ऑपरेट किया जाएगा.
90 साल की लीज पर निजी हाथों में सौंपी जाएंगी यह संपत्ति
ऐतिहासिक महत्व की इमारतें पर्यटन विभाग 90 साल की लीज पर दे रहा है. इमारतों को लेने वाली कंपनियां किले या पैलेस के अंदर पर्यटक और तमाम सुविधाएं जुटाएगी. हालांकि पर्यटन विभाग द्वारा यह बंधक लगाई गई है कि ऐतिहासिक स्थल के ढांचे में कम से कम ही छेड़खानी की जाए और उसके मूल स्वरूप में किसी तरह का बदलाव नहीं होगा. हिस्टोरिक स्ट्रक्चर को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा.
ऐतिहासिक धरोहरों को लेने वाली कंपनियां इन पैलेस के अंदर पर्यटकों के रुकने के लिए लग्जरी सिंगल और डबल रूम तैयार होंगे. इसमें कम से कम 25 रूम तैयार कराए जाएंगे. इसके अलावा हेल्थ क्लब, जिम्नेशियम, मेडिटेशन सेंटर, आउटडोर एक्सरसाइज एरिया, इनडोर गेम, आउटडोर गेम, स्विमिंग पूल, जोगिंग पार्क, हॉर्स राइडिंग जैसी सुविधाएं भी इसमें उपलब्ध कराई जाएंगी. इसके अलावा थीम पार्क, गोल्फ कोर्स, रोपवे, वाटर पार्क, वाटर स्पोर्ट जैसी सुविधाएं इन फोर्ट में तैयार की जाएंगी.
ये धरोहर सौंपेगी सरकार
पर्यटन विभाग अशोकनगर जिले के चंदेरी में स्थित सिंहपुरताल को भी हाथों में सौंपने जा रही है. इसका कुल क्षेत्रफल 0.805 हेक्टेयर है. इसी तरह भोपाल के हेरिटेज होटल बनर्जी पैलेस, कटनी के विजय राघौगढ़, टीकमगढ़ के बल्देवगढ़ फोर्ट, रीवा के क्योति फोर्ट, जबलपुर के हेरिटेज होटल, रॉयल होटल, पन्ना के महेंद्र भवन को 90 साल की लीज पर दिया जा रहा है. इसके अलावा सतपुड़ा, बांधवगढ़, पेंच, संजय दुबरी, पालपुर कूनो, नेशनल पार्क, गांधी सागर डैम के नजदीक और इंदौर झाबुआ पचमढ़ी में खाली पड़ी विभाग की 30 भूमियों को भी लीज पर दिया जा रहा है. इनमें से कुछ संपत्तियां गुजरात के वडोदरा शहर के आसपास भी हैं. यह संपत्ति भी 90 साल की लीज पर दी जाएंगी.