भोपाल। जल संरक्षण के लिए कमलनाथ सरकार इजरायल की जल नीतियों की तर्ज पर प्रदेश में जन अधिकार अधिनियम लागू करने की तैयारी में है. जिसके लिए जल संसाधन विभाग इजरायल, अमेरिका के अलावा देश के विभिन्न राज्यों में बनाई गई नीतियों का अध्ययन कर रहा है. साथ ही जल संरक्षण पर काम करने वाले देश के ख्यात पर्यावरणविद से भी संपर्क किया जा रहा है. इस अधिनियम के चलते पानी के दुरुपयोग पर रोक लगाई जाएगी.
कमलनाथ सरकार जनता को जन अधिकार अधिनियम के तहत पानी की सुविधा दिये जाने वाले ऐलान को अमलीजामा पहनाने की तैयारी में है. जिसके लिए जल संसाधन विभाग, सिंचाई विभाग, ग्रामीण विकास विभाग और नगरी प्रशासन एवं आवास विभाग के अधिकारियों की कमेटी गठित की गई है. जो इजरायल-अमेरिका के पानी को लेकर बनाए गए नियमों का अध्ययन कर रही है.
अधिनियम के जरिए पानी के दुरुपयोग पर होगी सख्ती
⦁ प्रदेश में होने वाले बेतहाशा बोर पर लगाम लगाई जाएगी, इसके लिए नियमों को सख्त बनाया जाएगा. साथ ही निजी बोरो का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया जाएगा.
⦁ प्रदेश में वॉटर हार्वेस्टिंग को सख्ती से लागू किया जाएगा. फिलहाल इसको लेकर नियम तो है, लेकिन अमल सख्ती से नहीं होता.
⦁ प्रदेश के छोटे-छोटे क्षेत्रों तक पानी के ट्रीटमेंट प्लान को अनिवार्य किया जाएगा.
⦁ वाटर रिचार्जिंग के लिए नियमों को सख्त बनाया जाएगा.
मध्यप्रदेश में 1986 में मध्यप्रदेश में पेयजल परिरक्षण अधिनियम लाया गया था. इसमें 2002 में संशोधन भी किया गया, लेकिन ये बहुत सीमित है. सरकार की कोशिश है की अगले 6 माह में इस अधिनियम को तैयार का लागू कर दिया जाए.