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24 घंटे के आंकड़े 30 दिन पर भारी, श्मशान उगल रहा सरकारी झूठ !

राजधानी भोपाल में कोरोना का कहर लगातार जारी है. पिछले 10 दिनों से रोजाना 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है. लेकिन सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 1 से 25 अप्रैल तक कोरोना मृतकों की संख्या 100 तक नहीं पहुंची. स्थिति साफ है कि, सरकारी आंकड़ों में झोलझाल है.

government is hiding the statistics of death due to corona in bhopal
जितनी लाशें एक दिन में जल रहीं, सरकारी आंकड़ों में उतनी लाशें महीनेभर में नहीं जलीं
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Published : Apr 27, 2021, 10:16 AM IST

Updated : Apr 27, 2021, 3:25 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों कोरोना की नई राजधानी बन गई है. पॉजिटिविटी से लेकर डेथ रेट तक यहां जिस तेजी से इजाफा हुआ, उतना कहीं और नहीं हुआ. पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में भोपाल ने इंदौर तक को पीछे छोड़ दिया है.

24 घंटे के आंकड़े 30 दिन पर भारी, श्मशान उगल रहा सरकारी झूठ !

राजधानी में अब स्थिति ये हो गई है कि, श्मशान घाट में एक चिता बुझती नहीं और दूसरी जलाने के लिए आ जाती है. राजधानी के भदभदा विश्रामघाट और सुभाषनगर विश्राम घाट पर तो खौफनाक मंजर है. यहां अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. दोनों ही विश्रामघाट पर पिछले 10 दिनों से 100 से ज्यादा की संख्या में दाह संस्कार हो रहा है. जिनमें से 60 से 70 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मृतक हैं. ठीक यही स्थिति झदा कब्रिस्तान की भी है. जहां रोजाना दो दर्जन से ज्यादा लाशें दफनाई जा रहीं हैं. इनमें भी ज्यादातर कोरोना संक्रमित हैं.

government is hiding the statistics of death due to corona in bhopal
जितनी लाशें एक दिन में जल रहीं, सरकारी आंकड़ों में उतनी लाशें महीनेभर में नहीं जलीं
  • सरकारी आंकड़ों से मेल नहीं खाती स्थिति

हर दिन श्मशान घाट में जितने अंतिम संस्कार हो रहे हैं, और सरकार जो आंकड़े पेश कर रही है. दोनों ही आंकड़े मेल नहीं खाते हैं. 1 से 25 अप्रैल तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरा आंकड़ा मिलाने के बाद भी मौतों की संख्या 100 तक नहीं पहुंच रही. जबकि पिछले 10 दिनों से श्मशान घाट में रोज कोरोना मृतकों के 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है.

भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल इन दिनों कोरोना की नई राजधानी बन गई है. पॉजिटिविटी से लेकर डेथ रेट तक यहां जिस तेजी से इजाफा हुआ, उतना कहीं और नहीं हुआ. पिछले कुछ दिनों में कोरोना संक्रमण के मामलों में भोपाल ने इंदौर तक को पीछे छोड़ दिया है.

24 घंटे के आंकड़े 30 दिन पर भारी, श्मशान उगल रहा सरकारी झूठ !

राजधानी में अब स्थिति ये हो गई है कि, श्मशान घाट में एक चिता बुझती नहीं और दूसरी जलाने के लिए आ जाती है. राजधानी के भदभदा विश्रामघाट और सुभाषनगर विश्राम घाट पर तो खौफनाक मंजर है. यहां अंतिम संस्कार के लिए लोगों को लंबा इंतजार करना पड़ता है. दोनों ही विश्रामघाट पर पिछले 10 दिनों से 100 से ज्यादा की संख्या में दाह संस्कार हो रहा है. जिनमें से 60 से 70 प्रतिशत कोरोना संक्रमित मृतक हैं. ठीक यही स्थिति झदा कब्रिस्तान की भी है. जहां रोजाना दो दर्जन से ज्यादा लाशें दफनाई जा रहीं हैं. इनमें भी ज्यादातर कोरोना संक्रमित हैं.

government is hiding the statistics of death due to corona in bhopal
जितनी लाशें एक दिन में जल रहीं, सरकारी आंकड़ों में उतनी लाशें महीनेभर में नहीं जलीं
  • सरकारी आंकड़ों से मेल नहीं खाती स्थिति

हर दिन श्मशान घाट में जितने अंतिम संस्कार हो रहे हैं, और सरकार जो आंकड़े पेश कर रही है. दोनों ही आंकड़े मेल नहीं खाते हैं. 1 से 25 अप्रैल तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरा आंकड़ा मिलाने के बाद भी मौतों की संख्या 100 तक नहीं पहुंच रही. जबकि पिछले 10 दिनों से श्मशान घाट में रोज कोरोना मृतकों के 100 से ज्यादा शवों का अंतिम संस्कार हो रहा है.

Last Updated : Apr 27, 2021, 3:25 PM IST
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