भोपाल। मध्य प्रदेश में कुपोषण को मिटाने के लिए चालू माह को पोषण माह के तौर पर मनाया जा रहा है. इस माह के दौरान हर आंगनवाड़ी केंद्र पर पोषण पंचायत का आयोजन किया जाएगा. महिला बाल विकास विभाग के संचालक डॉ. राम राव भोसले ने बताया कि चालू सितम्बर माह में आयोजित हो रहे पोषण माह में प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्रों में पोषण पंचायत का आयोजन किया जायेगा.
पोषण माह में जन-समुदाय की भागीदारी जरूरी
पोषण माह को जन-आंदोलन का स्वरूप देने के लिए आवश्यक है कि प्रत्येक स्तर पर जन-समुदाय की अधिकतम भागीदारी हो तथा उन्हें पोषण एवं स्वास्थ्य के प्रति जागरूक किया जाए. इसे ध्यान में रखकर पोषण माह के दौरान पोषण पंचायत का आयोजन प्रत्येक आंगनवाड़ी केन्द्र (anganwadi kendra) पर किए जाने का निर्णय लिया गया है. संचालक डॉ. भोसले ने बताया कि पोषण पंचायत का मुख्य उद्देश्य आम जनता को बेहतर पोषण के पांच मंत्र, जीवन के प्रथम 1000 स्वर्णिम दिवस में पोषण एवं स्वास्थ्य सेवाओं का महत्व, पौष्टिकता युक्त भोजन का सेवन एवं सेहत, बच्चों-किशोरियों-गर्भवती और धात्री महिलाओं का एनीमिया से बचाव के लिए खाद्य विविधता एवं आयरन की दवाओं के सेवन के लिए प्रोत्साहित करना, दस्त प्रबंधन-जिंक, ओ.आर.एस के घोल का उपयोग और व्यक्तिगत स्वच्छता, सफाई एवं स्वच्छता का व्यवहार से रू-ब-रू कराना है.
सुपोषण के संदर्भ में पोषण वाटिका का महत्व
जन सामान्य को सुपोषण के संदर्भ में पोषण वाटिका का महत्व, बच्चों के शारीरिक माप एवं वृद्धि निगरानी तथा सामुदायिक ग्रोथ चार्ट के उपयोग पर पोषण संवाद किया जाएगा. पोषण पंचायत के दौरान किशोरी बालिकाओं में संतुलित आहार एवं माहवारी के दौरान स्वच्छता का महत्व, स्थानीय उपलब्ध मोटे अनाज आधारित पौष्टिक आहार व अतिरिक्त आहार का प्रदर्शन तथा उनके फायदों के बारे में चर्चा की जायेगी. इसके अतिरिक्त मेरा केन्द्र स्वच्छ एवं सुन्दर केन्द्र अभियान की शुरूआत की जायेगी, साथ ही समुदाय की सहभागिता के साथ पोषण मटका एवं पूरक पोषण आहार की जानकारी से भी जन समुदाय को अवगत कराया जायेगा.
जन प्रतिनिधियों के अलावा आंगनवाड़ी एवं आशा कार्यकर्ता, सहायिका, ए.एन.एम, एम.पी.डब्ल्यू, संबधित पर्यवेक्षक, स्वास्थ्य विभाग तथा अन्य विभाग के कार्यरत अमला भी पोषण पंचायत में प्रतिभागी होंगे.
इनपुट - आईएएनएस