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सीएम कमलनाथ के निर्देश के बावजूद लाखों कर्मचारियों को दिवाली से पहले नहीं मिली सैलरी, जानिए वजह

इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम में आई सर्वर की समस्या के चलते मध्यप्रदेश के 1 लाख 30 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी अटक गई. इससे पहले सीएम कमलनाथ ने दिवाली से पहले सैलरी देने के निर्देश जारी किए थे.

कर्मचारियों को दिवाली से पहले नहीं मिली सैलरी
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Published : Oct 26, 2019, 11:47 AM IST

Updated : Oct 26, 2019, 11:55 AM IST

भोपाल। कमलनाथ सरकार के निर्देश के बावजूद मध्यप्रदेश के 1 लाख 30 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी अटक गई है. आदेश जारी होने के बावजूद सैलरी नहीं मिलने से कर्मचारियों के सामने कई तरह की मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.

सर्वर में टेक्निकल समस्या आने से सैलरी अकाउंट में डिपॉजिट नहीं हुई, हालांकि सरकार का कहना है कि शनिवार शाम तक अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी मिल जाएगी.

कर्मचारियों को दिवाली से पहले नहीं मिली सैलरी

दरअसल इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए विभागों के कोषालय में बिल जेनरेट होते हैं. शुक्रवार को दिनभर ये सिस्टम काफी स्लो रहा. इस वजह से मंत्रालय के 50 फीसदी कर्मचारियों को ही वेतन मिल सका. विभागों के लेखापाल जब भी सर्वर पर विजिट कर रहे थे, तब वहां पर प्लीज वेट, प्लीज डू नॉट क्लिक लिखा हुआ आ रहा था.

शाम को जब सर्वर ने कुछ देर के लिए रफ्तार पकड़ी, तो नापतोल समेत कुछ विभागों के बिल जनरेट हुए. ऐसे में अब शनिवार को बाकी 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों के वेतन आने की संभावना है. दीपावली को देखते हुए सरकारी-कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की थी कि अक्टूबर का वेतन नवंबर के बजाय धनतेरस तक दे दिया जाए. इसके बाद सरकार ने 24 और 25 अक्टूबर को वेतन देने का निर्देश दिए थे.

भोपाल। कमलनाथ सरकार के निर्देश के बावजूद मध्यप्रदेश के 1 लाख 30 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी अटक गई है. आदेश जारी होने के बावजूद सैलरी नहीं मिलने से कर्मचारियों के सामने कई तरह की मुश्किलें खड़ी हो गई हैं.

सर्वर में टेक्निकल समस्या आने से सैलरी अकाउंट में डिपॉजिट नहीं हुई, हालांकि सरकार का कहना है कि शनिवार शाम तक अधिकारियों-कर्मचारियों की सैलरी मिल जाएगी.

कर्मचारियों को दिवाली से पहले नहीं मिली सैलरी

दरअसल इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए विभागों के कोषालय में बिल जेनरेट होते हैं. शुक्रवार को दिनभर ये सिस्टम काफी स्लो रहा. इस वजह से मंत्रालय के 50 फीसदी कर्मचारियों को ही वेतन मिल सका. विभागों के लेखापाल जब भी सर्वर पर विजिट कर रहे थे, तब वहां पर प्लीज वेट, प्लीज डू नॉट क्लिक लिखा हुआ आ रहा था.

शाम को जब सर्वर ने कुछ देर के लिए रफ्तार पकड़ी, तो नापतोल समेत कुछ विभागों के बिल जनरेट हुए. ऐसे में अब शनिवार को बाकी 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों के वेतन आने की संभावना है. दीपावली को देखते हुए सरकारी-कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की थी कि अक्टूबर का वेतन नवंबर के बजाय धनतेरस तक दे दिया जाए. इसके बाद सरकार ने 24 और 25 अक्टूबर को वेतन देने का निर्देश दिए थे.

Intro:कमलनाथ सरकार के निर्देश के बावजूद मध्य प्रदेश के 1 लाख 30 हजार सरकारी कर्मचारियों की सैलरी आदेश के बावजूद भी अभी तक नहीं मिल पाई है इसकी वजह है स्लो सरवर.....दरअसल इंटीग्रेटेड फाइनेंस मैनेजमेंट सिस्टम के जरिए विभागों के कोषालय में बिल जनरेट होते हैं शुक्रवार को दिन भर ये सिस्टम काफी स्लो रहा ...इस वजह से मंत्रालय के 50 फीसदी कर्मचारी को ही वेतन मिल सका...विभागों के लेखपाल जब भी सर्वर पर विजिट कर रहे थे तो वहां पर प्लीज वेट, प्लीज डू नॉट क्लिक लिखा हुआ आ रहा था....


Body:शाम को जब सरवर ने कुछ देर के लिए रफ्तार पकड़ी तो नापतोल समेत कुछ विभागों के बिल जनरेट हुए....ऐसे में अब शनिवार को बाकी 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों के वेतन आने की संभावना है दीपावली को देखते हुए सरकारी कर्मचारी संगठनों ने सरकार से मांग की थी कि अक्टूबर का वेतन नवंबर के बजाय धनतेरस तक दे दिया जाए...इसके बाद सरकार ने 24 और 25 अक्टूबर को वेतन देने का निर्देश दिए थे...लेकिन सरवर के कारण 1 लाख 30 हजार कर्मचारियों की सैलरी अटकी हुई है...अब उम्मीद है कि आज इन तमाम कर्मचारियों को सैलरी मिल जाए....

wt


Conclusion:
Last Updated : Oct 26, 2019, 11:55 AM IST
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