भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने अनिल अंबानी को 450 करोड़ रुपए चुकाने के लिए 4 साल की मोहलत देने का फैसला किया है. मध्यप्रदेश विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव कमलनाथ सरकार के इस फैसले पर भड़क गए हैं. गोपाल भार्गव ने कहा मुख्यमंत्री स्वयं उद्योगपति हैं, तो उन्हें जनता और गरीबों की चिंता से ज्यादा उद्योगपतियों की पूंजी बढ़ाने की चिंता है. उन्होंने कहा कि उद्योगपतियों को छूट देना प्रदेश के वित्तीय हितों पर कुठाराघात है. यह उद्योगपतियों और पूंजीपतियों की सरकार है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि एक तरफ मुख्यमंत्री कमलनाथ कहते हैं कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है. वहीं दूसरी ओर उद्योगपतियों को छूट दे रहे हैं. उनकी देनदारी किस्तों में बांट रहे हैं. यह मध्यप्रदेश के हितों पर कुठाराघात है. गोपाल भार्गव ने कहा है कि मुझे इस फैसले पर घोर आपत्ति है.
गोपाल भार्गव ने कहा कि यह राज्य के साथ अन्याय है. एक तरफ सरकार कहती है कि वह आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं दूसरी तरफ एक उद्योगपति को एकमुश्त साढ़े चार अरब रुपए इस तरह से छोड़ना या किस्तों में बांटना या विलंबित करना मध्यप्रदेश के हितों के साथ कुठाराघात है. कमलनाथ खुद उद्योगपति हैं , इसलिए वह उद्योगपतियों के शुभचिंतक हैं. उद्योगपति मध्यप्रदेश में एक भी बेरोजगार को रोजगार ना दे सके, लेकिन कमलनाथ जरूर उद्योगपतियों को लाभ दिलाने का काम कर रहे हैं.
पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने साधा निशाना
बीजेपी नेता नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि कांग्रेस की कथनी और करनी में अंतर है. मध्यप्रदेश में कमलनाथ सरकार का स्पेशल पैकेज चल रहा है, लूट सके तो लूट, कमलनाथ की छूट. प्रदेश की उद्योग नीति उद्योगपतियों की सहूलियत से तय हो रही है. किसानों की कर्ज माफी के लिए पैसे नहीं है, कन्यादान की राशि के लिए पैसे नहीं है, लेकिन आम जनता का पैसा इस तरह बर्बाद किया जा रहा है. कॉरपोरेट कल्चर पूरे मध्यप्रदेश में लागू है और गरीब का जीना मुहाल कर दिया है.