भोपाल। मध्य प्रदेश में हिंदी में एमबीबीएस(MBBS) कर रहे छात्र-छात्राओं के लिए खुशी की खबर है. जनवरी माह के अंत तक एमबीबीएस (MBBS) की सभी सब्जेक्ट की किताबों का हिंदी ट्रांसलेशन का काम पूरा कर लिया जाएगा. इसके साथ ही अगले सत्र से हिंदी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रहे छात्र-छात्राओं को परीक्षा में प्रश्न पत्र भी हिंदी में ही मिलेगा. उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों की बैठक में इसको लेकर निर्देश दिए हैं.
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आज मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर हिंदी में MBBS की पाठ्यपुस्तकों की वर्तमान स्थिति एवं अध्ययनरत छात्रों द्वारा इस संबंध में प्राप्त हुए फीडबैक पर समीक्षा की। pic.twitter.com/jwLf8ezIX9
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— Rajendra Shukla (@rshuklabjp) January 11, 2024आज मंत्रालय में चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक कर हिंदी में MBBS की पाठ्यपुस्तकों की वर्तमान स्थिति एवं अध्ययनरत छात्रों द्वारा इस संबंध में प्राप्त हुए फीडबैक पर समीक्षा की। pic.twitter.com/jwLf8ezIX9
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माह के अंत तक ट्रांसलेशन का काम होगा पूरा
दरअसल, अब तक हिंदी में एमबीएसएस के स्टूडेंट्स को फर्स्ट ईयर के तीनों विषयों की किताबें हिन्दी में उपलब्ध करा दी गयी हैं. अब दूसरे और तीसरे चरण में एमबीबीएस के अगले सालों की किताबों का हिंदी रूपांतरण का काम किया जा रहा है. बैठक में अधिकारियों ने बताया कि हिन्दी ट्रांसलेशन के द्वितीय एवं तृतीय चरण में 12 सब्जेक्ट की 13 किताबों में से 9 किताबें हिन्दी में मौजूद हो गयी हैं. बाकी 4 किताबें भी जनवरी माह के अंत तक पूर्ण कर ली जाएंगी. उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि करीबन 10 फीसदी छात्र-छात्राएं हिन्दी लैंग्वेज की एमबीबीएस किताबों से पढ़ रहे हैं. उप मुख्यमंत्री ने आगामी सत्र से अंग्रेजी के साथ हिन्दी में भी प्रश्न पत्र तैयार करने की व्यवस्था करने के निर्देश दिये.
चिकित्सकों को समय से इनसेंटिव और दवाओं की सुचारू उपलब्धता हेतु करें व्यवस्था
उप मुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बैठक में निर्देश दिए हैं कि मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में डॉक्टर्स को समय से इनसेंटिव और अन्य हितलाभ समय से उपलब्ध कराए जाएं. इनमें दवाओं एवं अन्य सामानों की कमी नहीं होनी चाहिए. इसके लिए बजट की व्यवस्था प्राथमिकता से कराई जाए. बैठक में उप मुख्यमंत्री ने कैथ लैब संचालन की व्यवस्था बेहतर बनाई जाए. बैठक में अधिकारियों ने कहा कि जब तक नया ओपीडी ब्लॉक नहीं बनता, तब तक कैथ लैब नई बिल्डिंग में ही संचालित किया जाएगा.