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भोपाल पहुंची स्वर्णिम विजय मशाल यात्रा

राजधानी भोपाल में "स्वर्णिम विजय मशाल" पहुंचने पर बीएसएफ मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बता दें कि "विजय मशाल" 14 जनवरी 2020 तक भोपाल में रहेगी.

"Golden Victory Torch" Reaches Capital Bhopal.
राजधानी भोपाल पहुंचा "स्वर्णिम विजय मशाल"
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Published : Jan 11, 2021, 12:05 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में "स्वर्णिम विजय मशाल" पहुंचने पर बीएसएफ मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बता दें कि 16 दिसंबर 2020 को चार "स्वर्णिम विजय मशाल" को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाशित किया था. इन मशालों को चार दिशाओं में भेजा गया, जिनमें से दक्षिण दिशा की मशाल 03 जनवरी को राजधानी भोपाल पहुंची.

जिसके बाद "विजय मशाल" को सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस प्रवीन ने बीएसएफ मुख्यालय मे प्राप्त किया गया. इस दौरान प्रवीन ने इस शानदार जीत को हासिल करने के लिए 1971 के युद्ध में राष्ट्र की वेदी पर अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए बहादुर वीरों को सम्मानित किया और श्रद्धांजलि दी.

बता दें कि 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराने एवं भारत की विजय को चिन्हित करने के उपलक्ष में "विजय दिवस" हर साल 16 दिसम्बर को मनाया जाता है. भारतीय सेना के इतिहास में यह अब तक का सबसे छोटा, सफल एवं शानदार अभियान रहा है. जिसमें भारतीय सेना ने अपने पराक्रम का अद्भुत परिचय दिया था, जिसकी वजह से पाक सेना के 93,000 सैनिकों को एक साथ आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था. भारत के इस छोटे एवं सफल अभियान से 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ था.

बता दें कि "विजय मशाल" 14 जनवरी 2020 तक भोपाल में रहेगी. "विजय मशाल" पुलिस मुख्यालय और सीआरपीएफ में जा चुकी है और अब दर्शकों के लिए स्मरणीय कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में "स्वर्णिम विजय मशाल" पहुंचने पर बीएसएफ मुख्यालय में कार्यक्रम का आयोजन किया गया. बता दें कि 16 दिसंबर 2020 को चार "स्वर्णिम विजय मशाल" को राष्ट्रीय युद्ध स्मारक पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रकाशित किया था. इन मशालों को चार दिशाओं में भेजा गया, जिनमें से दक्षिण दिशा की मशाल 03 जनवरी को राजधानी भोपाल पहुंची.

जिसके बाद "विजय मशाल" को सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस प्रवीन ने बीएसएफ मुख्यालय मे प्राप्त किया गया. इस दौरान प्रवीन ने इस शानदार जीत को हासिल करने के लिए 1971 के युद्ध में राष्ट्र की वेदी पर अपने सर्वोच्च बलिदान के लिए बहादुर वीरों को सम्मानित किया और श्रद्धांजलि दी.

बता दें कि 1971 में बांग्लादेश को पाकिस्तान से आजाद कराने एवं भारत की विजय को चिन्हित करने के उपलक्ष में "विजय दिवस" हर साल 16 दिसम्बर को मनाया जाता है. भारतीय सेना के इतिहास में यह अब तक का सबसे छोटा, सफल एवं शानदार अभियान रहा है. जिसमें भारतीय सेना ने अपने पराक्रम का अद्भुत परिचय दिया था, जिसकी वजह से पाक सेना के 93,000 सैनिकों को एक साथ आत्मसमर्पण करने पर मजबूर कर दिया था. भारत के इस छोटे एवं सफल अभियान से 1971 में बांग्लादेश के रूप में एक नए राष्ट्र का जन्म हुआ था.

बता दें कि "विजय मशाल" 14 जनवरी 2020 तक भोपाल में रहेगी. "विजय मशाल" पुलिस मुख्यालय और सीआरपीएफ में जा चुकी है और अब दर्शकों के लिए स्मरणीय कार्यक्रम की योजना बनाई जा रही है.

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