भोपाल। पिछले साल मध्यप्रदेश सरकार ने सरकारी नौकरियों में पिछड़ा वर्ग के लिए 27 फीसदी आरक्षण को मंजूरी दी थी. लेकिन इस मामले में आपत्ति जताते हुए हाई कोर्ट में लगाई गई याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाते हुए यथास्थिति बनाए रखने का आदेश दिया था. मंगलवार को भी इस मामले में हाईकोर्ट ने चार महीने के लिए सुनवाई को टाल दिया है.
हाई कोर्ट ने इस मुद्दे पर स्टे लगाने के बाद भी राजधानी भोपाल के गांधी मेडिकल कॉलेज में जूनियर और सीनियर रेजिडेंट की भर्ती में 27 फीसदी सीटें ओबीसी के लिए आरक्षित की गई हैं. इसे लेकर अब कैंडिडेट ने आपत्ति जताई है.
जीएमसी प्रबंधन और रोस्टर बनाने वाली समिति पर भी सवाल उठ रहे हैं. जीएमसी में 41 सीनियर रेजिडेंट के पदों पर भर्तियां निकाली गई हैं. जिसमें सिटी सर्जरी, रेडियो डायग्नोस्टिक, कार्डियोलॉजी, सर्जरी, रेडियोथैरेपी आदि शामिल हैं. जिसमें 11 पद अनारक्षित, 16 पिछड़ा वर्ग, 10 अनुसूचित जनजाति, 3 अनुसूचित जाति और 1 आर्थिक रूप से कमजोर के लिए आरक्षित है.
कैंडिडेट का आरोप है कि कुछ विशेष लोगों को भर्ती का फायदा देने के लिए रोस्टर के नियमों पर ध्यान न देकर ये भर्ती की जा रही है. 2019 के जिस आदेश के आधार पर ये भर्तियां निकाली गयी हैं, वह तो नियम विरुद्ध है.
आपत्ति उठने के बाद गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन की ओर से अभी तक कोई जवाब नहीं दिया गया है. पिछले साल कमलनाथ सरकार ने 27% ओबीसी आरक्षण देने के आदेश दिए थे, लेकिन इस पर हाईकोर्ट में एक याचिका लगाई गई थी. मार्च महीने में इस याचिका पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने मेडिकल प्रवेश में भी 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण पर रोक लगाई थी.