भोपाल। मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने पुलिस हिरासत में हो रही आत्महत्या और मौतों के मामले में संज्ञान लिया है. पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि सभी पुलिस थानों के हवालात में सीसीटीवी कैमरे लगे होने चाहिए. गिरफ्तार किये गये व्यक्ति को या उसके द्वारा नामित व्यक्ति को चिकित्सा परीक्षण की एक प्रति उपलब्ध कराई जाए. उसकी पावती रिकॉर्ड में भी अनिवार्य रूप से रखी जाए.
पुलिस कर्मियों की ट्रेनिंग पर जोर : पुलिस हिरासत में आत्महत्या का मामला इंदौर शहर का है. आयोग ने इस बारे में राज्य शासन से अनुशंसा की है. आयोग ने कहा है कि गिरफ्तारी के बाद यदि आरोपी के परिजन या अधिवक्ता मिलने आएं तो उनसे मुलाकात का अवसर नियमानुसार प्रदान किया जाये. पुलिस कर्मचारियों का बेसिक प्रशिक्षण एवं समय-समय पर विभाग द्वारा आयोजित रिफ्रेशर कोर्स में भी करवाएं.
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जिम्मेदारों को जवाबदारी लेनी होगी : मानवाधिकारों से संबंधित विषयों के अध्ययन के दौरान पुलिस अभिरक्षा में मृत्यु को रोकने से संबंधित सावधानियों, वैधानिक जवाबदारियों की ओर ध्यान दें. थानों में स्थित हवालातों को बंदी के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा एवं निगरानी हेतु सुदृढ़ किया जाये, ताकि निरुद्ध व्यक्ति अपने आपको नुकसान न पहुंचा पाए और उसकी निगरानी भी हो सके. बता दें कि इंदौर के किशनगंज थाने में हत्या के आरोप में बंद एक आरोपी ने कथित तौर पर कम्बल को फाड़कर रोशनदान के जरिये फंदा लगाकर खुदकुशी कर ली थी.(Direction of MP Human Rights Commission) (CCTV install in lockup of police stations) (Person in police custody necessary medical)