भोपाल। राजधानी के मैनिट इंस्टिट्यूट से पास आउट विजय ममतानी ने सेना के लिए जनरेटर बनाया है. यह जनरेटर -50 डिग्री तापमान में भी काम करेगा. सियाचिन में -40 डिग्री तापमान तक बिजली पहुंचना नामुमकिन सा है. ऐसे में सेना के जवानों को जनरेटर से ही काम चलाना पड़ता है, लेकिन -50 डिग्री के तापमान में जनरेटर भी कई बार फेल हो जाता है. ऐसे में जवानों को कई राते सर्द हवा में गुज़ारनी पड़ती है. इन जवानों के लिए राजधानी के मैनिट इंस्टिट्यूट के छात्र ने जनरेटर बनाया है. जो -50 डिग्री में भी काम करेगा और यह जनरेटर आम जनरेटर से 15 साल ज़्यादा चलेगा. इसका पहला ट्रायल सफल हो चुका है. इंडियन आर्मी ब्यूरो से विजय को जनरेटर बनाने का ऑर्डर भी मिल चुका है.
पहला ट्रायल सफल, इंडियन आर्मी ब्यूरो से मिला ऑर्डर
इस जनरेटर का पहला ट्रायल सफल हो चुका है. अब विजय जनरेटर तैयार कर रहे हैं. जो अप्रैल माह में सेना को मिलेगा. विजय ने बताया कि आर्मी डिज़ाइन ब्यूरो द्वारा पिछले साल दिसंबर में आरटेक 2019 एग्जीबिशन आयोजित की गई थी. जिसमें सेना के कई मेजर और कर्नल्स शामिल हुए थे. उन्होंने युवाओं के ऐसे इनोवेशन देखे जो मेड इन इंडिया थे और साथ ही आर्मी के काम आने वाले थे. ऐसे में यह जनरेटर उन्हें पसंद आया और उनके पास जनवरी में सियाचिन में जनरेटर ट्रायल के लिए फोन आया. जिसमें मेजर रोहित शर्मा ने विजय से बात की और सियाचिन की 15000 फिट ऊंचाई के बारे में बताया.
सियाचिन में ट्रायल के लिए बुलाया जनरेटर
जहां -40 डिग्री का तापमान होता है और -33 डिग्री पर फ्यूल जाम हो जाता है. जिसके कारण वहां के वॉकी टॉकी, लाइटिंग, हीटिंग सिस्टम,बैटरी भी काम नहीं करते. ऐसे में उन्होंने सियाचिन पर जनरेटर के ट्रायल के लिए बुलाया. जहां जवानों को 7 दिनों तक जनरेटर को ऑपरेट करने की ट्रेनिंग दी गई.
आम जनरेटर से 15 साल ज्यादा चलेगा जनरेटर
विजय ममतानी ने बताया कि वे पिछले 4 सालों से इसके लिए काम कर रहे हैं. यह जनरेटर सेना को इस साल नवंबर में देना था, लेकिन कोरोना के चलते बीच में काम को रोकना पड़ा और इसी वजह से अब 2021 के अप्रैल माह में जनरेटर सेना को मिल पाएगा. उन्होंने बताया कि इस जनरेटर की खास बात यह है कि इसमें कोई भी पार्ट मूवमेंट करने वाला नहीं है. यह जनरेटर नेचुरल गैस से चलता है जिसकी वजह से यह आम जनरेटर से ज़्यादा 15 साल ज़्यादा तक चलेगा.