भोपाल। राजधानी भोपाल का मेमोरियल हॉस्पिटल हमेशा किसी न किसी वजह से विवादों में बना रहता है. पहले ये हॉस्पिटल लगातार डॉक्टरों के छोड़ने की वजह से चर्चा में आया था, जिसके बाद कोरोना काल के दौरान इस हॉस्पिटल में मरीजों का इलाज ही लगभग बंद कर दिया गया था. प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद वहां पर मरीजों का इलाज शुरु किया गया था, लेकिन अब एक बार फिर से गैस पीड़ित संगठनों ने भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल पर लापरवाही किए जाने का आरोप लगाया है. गैस पीड़ित संगठन के पदाधिकारियों ने आरोप लगाया है कि कोरोना संक्रमण की गलत रिपोर्ट देने की वजह से एक व्यक्ति की जान चली गई है. इस पूरे मामले में भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल की लापरवाही सामने आई है.
भोपाल ग्रुप फार इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की पदाधिकारी रचना ढींगरा का कहना है कि 61 साल के मोहम्मद शारीक BMHRC के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हुए थे, वो हृदय की समस्या से ग्रसित थे. 31 अगस्त की शाम BMHRC के माइक्रोबायोलॉजी विभाग द्वारा उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट निगेटिव बताई गई. सैंपल की जांच भी BMHRC में हुई थी. निगेटिव रिपोर्ट आने के बाद उन्हें CCU (cardiac care unit) में भर्ती किया गया था और उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया. CCU में 5 और मरीज भी भर्ती थे, लेकिन 1 सितंबर की सुबह मरीज की रिपोर्ट पॉजिटिव बताई गई और उन्हें फिर से आइसोलेशन वार्ड में भर्ती कर दिया गया. रचना ने बताया कि चिरायु अस्पताल को गम्भीर गैस पीड़ित के लिए ICU बेड की उपलब्धता के बारे में बार-बार संपर्क करने पर भी कोई जबाव नहीं मिला और मरीज की देर शाम मृत्यु हो गई.
नींद में भोपाल मेमोरियल हॉस्पिटल के प्रबंधक
अस्पताल की प्रबंधक के साथ-साथ डाॅ. प्रभा देसीकान, माइक्रोबायोलॉजी विभाग की HOD भी हैं. जिसका मुख्य उद्देश्य ही सही रिपोर्टिंग करना है. गैस पीड़ित संगठन इस गम्भीर मामले की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित निगरानी समिति एवं ICMR को पत्र लिखेगा. गैस पीड़ित संगठनों ने मांग की है कि इस मामले की उच्च स्तरीय जांच की जानी चाहिए और दोषी पाए जाने पर संबंधित के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए क्योंकि गलत रिपोर्ट दिए जाने की वजह से ही एक व्यक्ति की जान गई है.