भोपाल। आर्थिक नगरी इंदौर में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के बाद अब राजधानी भोपाल में 16 और 17 जनवरी को जी 20 का सम्मेलन आयोजित होने जा रहा है. इस सम्मेलन में जी 20 के सदस्य देशों के 170 से अधिक मंत्री और डेलिगेट्स भोपाल आ रहे हैं. आयोजन को लेकर राज्य सरकार ने देसी और विदेशी मेहमानों को राजधानी भोपाल घुमाने का भी प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत मेहमानों को राजधानी भोपाल के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण कराया जाएगा.
भोपाल में होगा विशेष सम्मेलन: बैठक में शामिल होने वाले विदेशी प्रतिनिधियों को बैतूल जिले की आदिवासी बेल मेटल यानी ढोकरा कलाकृति सौंपी जाएगी. प्रतिनिधियों को कोदो कुटकी और प्रदेश के एक जिला एक उत्पाद वाले महत्वपूर्ण व्यंजनों को अतिथियों को परोसे जाएंगे. इसमें 14 देशों के प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे. इसके अलावा 3 दक्षिण एशियाई देश नेपाल, श्रीलंका और बांग्लादेश के अलावा 21 अफ्रीकी देश के प्रतिनिधि शामिल होंगे. बैठक में कुल 300 प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे.
जी 20 बैठक पर कई मुद्दों पर होगी चर्चा: विकासशील देशों की अनुसंधान एवं सूचना प्रणाली के डीजी प्रो. सचिन चतुर्वेदी ने बताया कि, जी 20 के अंतर्गत थिंक 20 की इस बैठक की थीम पर्यावरण सम्मन जीवनशैली नैतिक मूल्य और सुमंगलमय युक्त वैश्विक सुशासन रखी गई है. जैसे पिछले सालों में चीन में ऐसे दो बच्चों को जैनेटिक रूप से तैयार किया गया, जिनको कभी एड्स, सर्दी-जुकाम नहीं होगा. ऐसी स्थिति को देखते हुए आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, आर्थिक पक्ष में नैतिक मूल्य को शामिल किए जाने पर चर्चा की जाएगी. इसी तरह की स्थिति यूक्रेन युद्ध के दौरान भी देखने को मिली, जिसमें कई देशों ने दवाओं और फूड सप्लाई को ही रोक दिया. इसमें संवेदना कम होती दिखाई दी. बैठक में यह भी चर्चा की जाएगी कि क्लाइमेट चेंज को ध्यान में रखकर मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर को लेकर नई रणनीति क्या हो.
यूक्रेन के मुद्दे पर भी होगी चर्चा: जी 20 की बैठक में यूक्रेन को लेकर भी चर्चा होगी. प्रो. राजीव चतुर्वेदी ने बताया कि, युक्रेन के युद्ध किन हालातों में शुरू हुआ और बाद के हालात क्या हैं, इसको लेकर चर्चा की जाएगी. यह पहला मौका है जब बैठक में दुनिया के कई जाने-माने दर्शनशास्त्री भी जुड़ेंगे. भारत को जी 20 की अध्यक्षता का मौका मिला है. यह पहला मौका है जब ये बैठक देश की राजधानी नहीं, बल्कि अलग-अलग शहरों में हो रही है. इसमें विभिन्न राज्यों की सुंदरता, उनकी संस्कृति को विश्व के सामने बेहतर तरीके से रख सकेंगे. बैठक में कुल 300 प्रतिभागी शामिल होंगे, जिसमें 94 इंटरनेशनल, 150 मध्यप्रदेश के बाहर के और 100 लोकल पार्टिसिपेट होंगे.