भोपाल। सेना के विमान क्रैश में दिवंगत ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम संस्कार (Funeral of Group Captain Varun Singh today) आज सैन्य सम्मान के साथ बैरागढ़ स्थित विश्राम घाट किया जा रहा है. बीती शाम पार्थिव शरीर को स्टेट हैंगर पर गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया. मुख्यमंत्री भी शहीद को पुष्प चक्र अर्पित किये. जन-प्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भी पुष्प-चक्र अर्पित कर वीर शहीद को श्रद्धांजलि दी. चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग एवं विधायक हुजूर रामेश्वर शर्मा, कलेक्टर अविनाश लवानिया, अतिरिक्त पुलिस कमिश्नर इरशाद वली सहित मिलिट्री और पैरामिलिट्री फोर्स के अधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की. उसके बाद पार्थिव शरीर शहीद के घर ले जाया गया, शहीद की बहन ने तिलक लगाकर शहीद भाई के पार्थिव शरीर का स्वागत किया. मुख्यमंत्री शहीद के परिजनों से भी मिले और उन्हें सांत्वना दी.
शौर्य की नई गाथा गढ़ गए शहीद वरुण सिंह
मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह भारत माता के सच्चे सपूत थे. देश-प्रदेश और भोपाल को उन पर गर्व है. उन्होंने मौत को कई बार मात दी. वे देश की सीमाओं की सुरक्षा के लिए शौर्य की नई गाथाएं गढ़ गए. वे आज हमारे बीच नहीं हैं. मैं प्रदेशवासियों की ओर से शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह को श्रद्धा-सुमन अर्पित करता हूं. शिवराज सिंह ने कहा कि उनकी स्मृतियों को अक्षुण्य रखने के लिए राज्य सरकार शहीद के परिवार से विचार-विमर्श कर इस प्रकार की गतिविधि संचालित की जाएंगी, जो आने वाली पीढ़ियों को देशभक्ति की प्रेरणा देती रहेगी. उनके परिवार को एक करोड़ रुपए की सम्मान निधि अर्पित की जाएगी. साथ ही परिवार के सदस्य को शासकीय सेवा में स्थान देने का प्रस्ताव भी है.
वीरता हमारे परिवार की आदत: शहीद की बुआ
शहीद की अंतिम यात्रा में शामिल उनकी बुआ ने बताया कि उनके पूरे परिवार में ही देश प्रेम का जज्बा (Group Captain Varun Singh martyred in Coonoor helicopter crash) है और वरुण की मौत से सिर्फ परिवार ही नहीं, बल्कि पूरा देश गमगीन है. जब कोई फौज जॉइन करता है तो परिवार किसी भी परिस्थिति का सामना करने के लिए तैयार रहता है, लेकिन जब अपने बच्चे की दुखद खबर मिलती है तो बड़ा मुश्किल होता है, लेकिन वीरता उनके परिवार की आदत है.
भदभदा के बदले बैरागढ़ में होगा अंतिम संस्कार
शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का अंतिम संस्कार भदभदा विश्राम घाट पर कराने का जिला प्रशासन का प्लान था, लेकिन वरुण के पिता नहीं चाहत थे कि ट्रैफिक जाम की वजह से लोग परेशान हों. शहीद के पिता की इच्छा पर ही संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) में अंतिम संस्कार किया जाएगा. वरुण के पिता केपी सिंह ने कलेक्टर को बताया था कि अंतिम यात्रा के लिए भदभदा ले जाएंगे तो शहर का ट्रैफिक जाम होगा. वह नहीं चाहते कि लोग उनके बेटे की वजह से परेशान हों, इसके बाद बैरागढ़ में ही अंतिम संस्कार कराने का निर्णय लिया गया. मिलिट्री हॉस्पिटल से विश्राम घाट की दूरी करीब एक किलोमीटर है.
2008 में गीतांजलि से हुई थी वरुण की शादी
शहीद ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह की शादी 20 जनवरी 2008 को इंदौर की गीतांजलि से हुई थी. जब गीतांजलि पुणे के फर्ग्यूसन कॉलेज से BA कर रही थीं, उसी दौरान वरुण से गीतांजलि की मुलाकात हुई. तब वरुण व उनका पूरा परिवार भोपाल में ही रहता था.
20 साल पहले वरुण के पिता आये थे भोपाल
गौरतलब है कि 8 दिसम्बर को सीडीएस हेलीकॉप्टर क्रैश में एकमात्र जीवित बचे ग्रुप कैप्टन वरुण सिंह का बैंगलुरू के वेलिंग्टन सैनिक अस्पताल में इलाज चल रहा था. 15 दिसम्बर को सुबह ग्रुप कैप्टन जिंदगी की जंग हार गए. वरुण सिंह अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ तमिलनाडु के वेलिंगटन में सेवारत थे. उनके पिता सेना से रिटायर्ड कर्नल के.पी. सिंह और मां उमा सिंह भोपाल में एयरपोर्ट रोड, सन सिटी कॉलोनी में रहते हैं. वरुण सिंह उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले के मूल निवासी थे. करीब 20 साल पहले उनके पिता ने भोपाल में अपना निवास बनाया. वरुण के छोटे भाई तनुज भी नौसेना में लेफ्टिनेंट कमांडर हैं.