भोपाल। कोरोना की दूसरी लहर में लगातार हो रही मौतों के कारण देश की कई राज्य सरकारों ने कोरोना कर्फ्यू की घोषणा की है. कोरोना कर्फ्यू और संक्रमण की बढ़ती रफ्तार के कारण लोगों ने आपस में मिलना-जुलना भी बंद कर दिया है. संक्रमण के दौरान लोगों की हो रही मौतों के बाद दाह संस्कार करना भी अब मुश्किल काम होता जा रहा है. कोरोना गाइडलाइन का पालन करना और फिर संक्रमित मरीज के शरीर से दूरी बनाकर दाह संस्कार करना ये एक टेढ़ी खीर बनता जा रहा है. इन हालातों में राजधानी भोपाल में भदभदा मुक्तिधाम में दाह संस्कार करने के लिए आने वाले लोगों के लिए चाय, नाश्ता और खाने की व्यवस्था कर अनूठी मिसाल पेश की है. एक ओर जहां संक्रमण के दौर में लोग दूरी बना रहे है वहीं इस मुक्तिधाम में लोगों को भोजन परोसा जा रहा है. यह एक ऐसा पहला श्मशान घाट होगा जहां पर इंतजार के दौरान चाय और नाश्ते की व्यवस्था की गई हो.
- मुक्तिधाम समिति कर रही व्यवस्था
कोरोना कर्फ्यू के कारण राजधानी भोपाल में दुकानें और बाजार बंद हैं. यहां पर आसपास के जिलों से भी लोग आते हैं. कोरोना संक्रमण से मौत के बाद शवों के भदभदा विश्रामघाट में अंतिम संस्कार के लिए लाया जा रहा है. ऐसे में मुक्तिधाम समिति ने शवों के अंतिम संस्कार के लिए आने वाले लोगों के लिए पानी, चाय-नाश्ते और खाने की व्यवस्था की है. इसके लिए किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.
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- मुफ्त में फूड पैकेट वितरण
भदभदा विश्रामघाट समिति के अध्यक्ष अरुण चौधरी ने बताया कि दानदाताओं की मदद से विश्रामघाट में पानी की बोतलें, नाश्ते और खाने की सामान की व्यवस्था की गई है. यहां पर दिन भर चाय वितरण होती है, इसके साथ ही सुबह नाश्ता, दोपहर और रातो को फूड पैकेट वितरण किया जाता है. ये फूड पैकेट और चाय-नाश्ता परिजनों के साथ ही यहां काम करने वाले मजदूरों में भी बांटा जाता है. इसके लिए किसी से भी कोई शुल्क नहीं लिया जाता है.
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- 60 से 70 शवों का हो रहा रोजाना दाह संस्कार
भदभदा विश्रामघाट में कोरोना काल के दौरान इन दिनों 60 से 70 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा है. कई बार तो इनकी संख्या 100 तक पार कर गई है. इन हालात में मृत देह के साथ आने वाले लोगों को काफी इंतजार करना पड़ता है. इंतजार के दौरान मुक्तिधाम समिति ने चाय, नास्ता और खाने की व्यवस्था की है.
- रुकने की व्यवस्था भी की गई व्यवस्था
भदभदा विश्रामघाट समिति की ओर से शव के साथ आने वाले लोगों के रुकने की व्यवस्था भी की जाती है. साथ ही इनको खाना भी उपलब्ध कराया जाता है. जानकारी के मुताबिक कई शव देर रात पहुंचते हैं और वे अस्थियां भी साथ ले जाने चाहते हैं, तो उनके ठहरने का इंतजाम भी यहां किया जाता है.