भोपाल। राजधानी भोपाल स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में नौकरी दिलाने के बहाने ठगी का खुलासा हुआ है, गिरोह का मास्टरमाइंड युवतियों को कई बार एम्स घुमाने के बहाने दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य शहरों में ले जाता था. आरोपी का नाम दिलशाद है. एसटीएफ की पड़ताल में पता चला कि युवतियों को होटल में रुकवाया जाता था. फिर इंटरव्यू भी लिया जाता था, जिसके पुख्ता प्रमाण पुलिस के हाथ लगे हैं.
आरोपी ने एक युवती को इंदौर के एमजीएम कॉलेज में नौकरी दिलाने के नाम पर होटल में रुकवाया था. जहां किसी रोहित नाम के डॉक्टर ने युवती का इंटरव्यू भी लिया था. एसटीएफ ने आशंका जताई है कि रुपए ठगने के साथ-साथ दिलशाद ने युवती का शारीरिक शोषण भी किया है. लिहाजा इस मामले में एसटीएफ की टीम आरोपी और युवतियों से पूछताछ कर रही है, जबकि होटलों में इंटरव्यू लेने वाले डॉक्टर रोहित की भी तलाश कर रही है.
पुलिस को पूछताछ में पता चला कि युवतियों को फर्जी बुलावा पत्र देकर दिल्ली तक इंटरव्यू के लिए भेजा जाता था. एक युवती भी शिकार हुई थी. अब एम्स प्रबंधन भी असमंजस में पड़ गया था, लेकिन पड़ताल करने पर एम्स एचआर डिपार्टमेंट ने युवती को साफ कर दिया कि ये पत्र एम्स दिल्ली से जारी ही नहीं हुआ है.
पड़ताल में दिलशाद के खाते से 18 लाख रुपए और आलोक बामने के खाते से 14 लाख रुपये मिले हैं. लिहाजा एसटीएफ ने दोनों ही आरोपियों के खातों को सीज करवा दिया है. इन आरोपियों ने प्रदेश के विभिन्न जिलों धोखाधड़ी को अंजाम दिया है, जिसमें छतरपुर, कटनी, जबलपुर, खंडवा, खरगोन, भोपाल, नरसिंहपुर, होशंगाबाद, बैतूल शामिल है. माना जा रहा है कि आरोपियों से पूछताछ में ठगी के इस मामले में कई और चौंकाने वाले खुलासे हो सकते हैं.