भोपाल। चार दिवसीय 72वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा का विशेष दुआ के साथ समापन हुआ, जिसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर से लाखों जायरीन भोपाल पहुंचे थे. इज्तिमा में करीब 18 देशों से आई जमातें भी शामिल हुईं. इस तब्लीगी इज्तिमा में 400 इज्तिमामाई निकाह भी संपन्न हुए.
भोपालः 72वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा विशेष दुआ के साथ संपन्न - Eint Khedi village
भोपाल के इटखेड़ी गांव में 72वें चार दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा का समापन हुआ, जहां 18 देशों से आए लाखों जायरीन शामिल हुए.
इज्तिमा का हुआ समापन
भोपाल। चार दिवसीय 72वें आलमी तब्लीगी इज्तिमा का विशेष दुआ के साथ समापन हुआ, जिसमें शामिल होने के लिए दुनिया भर से लाखों जायरीन भोपाल पहुंचे थे. इज्तिमा में करीब 18 देशों से आई जमातें भी शामिल हुईं. इस तब्लीगी इज्तिमा में 400 इज्तिमामाई निकाह भी संपन्न हुए.
तब्लीगी इज्तिमा में श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, जार्डन, अमेरिका, अफगानिस्तान, रूस, कंबोडिया, इंग्लैंड, तुर्किस्तान, वियतनाम सहित 18 देशों के नुमाइंदे इज्तिमा शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. इज्तिमा के अंतिम दिन 12 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए थे, जिसके चलते ईटखेड़ी स्थित इज्तिमागाह में पैर रखने तक की जगह नहीं थी. दुआ में शामिल होने के लिए लोग सड़कों से लेकर पेड़ों और मकानों पर चढ़े हुए नजर आ रहे थे.
इज्तिमा के दौरान बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन हजार से अधिक वॉलंटियर और पुलिस बल लगे हुए थे. इज्तिमा के दौरान पूरे क्षेत्र के व्यापारियों ने अपनी स्वेच्छा से दुकानें बंद रखी और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी लोग सेवा कार्यों में लगे नजर आए.
तब्लीगी इज्तिमा में श्रीलंका, मलेशिया, इंडोनेशिया, जार्डन, अमेरिका, अफगानिस्तान, रूस, कंबोडिया, इंग्लैंड, तुर्किस्तान, वियतनाम सहित 18 देशों के नुमाइंदे इज्तिमा शिरकत करने के लिए पहुंचे थे. इज्तिमा के अंतिम दिन 12 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए थे, जिसके चलते ईटखेड़ी स्थित इज्तिमागाह में पैर रखने तक की जगह नहीं थी. दुआ में शामिल होने के लिए लोग सड़कों से लेकर पेड़ों और मकानों पर चढ़े हुए नजर आ रहे थे.
इज्तिमा के दौरान बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन हजार से अधिक वॉलंटियर और पुलिस बल लगे हुए थे. इज्तिमा के दौरान पूरे क्षेत्र के व्यापारियों ने अपनी स्वेच्छा से दुकानें बंद रखी और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी लोग सेवा कार्यों में लगे नजर आए.
Intro:पूरी दुनिया में अमन अमन की दुआ के साथ संपन्न हुआ चार दिवसीय तब्लीगी इज्तिमा
भोपाल | अपने भीतर की बुराइयों को जानने और उन्हें मिटाने के उपाय के एशियाई देशों में तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन किया जाता है . देश के बड़े हिस्से में तब्लीगी इज्तिमाओं मैं शामिल भोपाल तब्लीगी इज्तिमा 2019 का देर शाम विशेष दुआ के साथ समापन हो गया . इस इज्तिमा में शामिल होने दुनिया भर से लाखों लोग राजधानी पहुंचे थे . 72 वे आलमी तब्लीगी इज्तिमा मैं करीब 18 देशों से आए जमाते भी शामिल हुई थी . इस तब्लीगी इज्तिमा में 400 इज्तिमामाई निकाह भी संपन्न हुए हैं . तब्लीगी इज्तिमा में श्रीलंका ,मलेशिया, इंडोनेशिया ,जाडन, अमेरिका, अफगानिस्तान ,रूस, कंबोडिया ,इंग्लैंड ,तुर्किस्तान, वियतनाम सहित 18 देशों के नुमाइंदे इस समय में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे . Body:इस तब्लीगी इज्तिमा के अंतिम दिन 12 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए हैं . स्थिति यह थी कि ईटखेड़ी स्थित इज्तिमागाह में पैर रखने तक की जगह नहीं थी . दुआ में शामिल होने के लिए लोग सड़कों से लेकर पेड़ों और मकानों पर चढ़े हुए नजर आ रहे थे .
तब्लीगी इज्तिमा के अंतिम दिन की शुरुआत फजर की नमाज के साथ हुई . इस मौके पर मौलाना साद साहब ने अपने बयान भी फरमाए . तकरीर का सिलसिला दुआ तक जारी रहा . मौलाना साद साहब ने 6 बुनियादी बातों पर अपने बयान दिए . उन्होंने कहा कि कलमा ,ईमान ,नवाज ,अख्लाक, इल्म और जिक्र वा दीन के लिए वक्त देने के विषय में उन्होंने विस्तार से जानकारी फरमाए . उन्होंने कहा कि अपना सुलूक दुनिया के हर एक व्यक्ति के साथ बेहतर होना चाहिए ,किसी को हमसे परेशानी या शिकायत का मौका नहीं मिलना चाहिए . दुनियावी तालीम के साथ ही दीनी तालीम पर ध्यान देना चाहिए . आज जो बिखराव पैदा हो रहे हैं उसका सबसे बड़ा कारण है कि हम दीन की तालीम में पिछड़ रहे हैं . Conclusion:उन्होंने बताया कि इंसानियत ,तालीम ,आपसी भाईचारे और दूसरों के प्रति हमारे कर्तव्य को लेकर हमारी सजगता बनी रहनी चाहिए . अल्लाह ने हमें इंसान बना कर इस जमीन पर भेजा है .इसके लिए हमें रात दिन उसका शुक्र अदा करना चाहिए .दुनिया की हर चीज अल्लाह तआला की बनाई हुई है .वही सब पर कादिर है .वही सब की बेहतरी के फैसले करने वाले हैं .दीन से हट जाने के चलते आज इंसान बुराइयों में शरीक हो गया है.
इज्तिमा में बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 से अधिक वॉलिंटियर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में लगे हुए थे और इतनी ही संख्या में पुलिस बल भी व्यवस्था संभाल रहा था .इस दौरान सेवा के लिए उत्साह का पता इस बात से भी लगाया जा सकता था कि इज्तिमा के दौरान इस पूरे क्षेत्र की व्यापारियों के द्वारा अपनी स्वता: प्रेरणा से दुकानें बंद रखी गई और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी लोग सेवा कार्यों में लगे नजर आए .
प्रशासन की ओर से भी इस्तेमाल के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई थी .रेलवे प्रशासन की ओर से भी कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं ,ताकि यहां से अपने गंतव्य के लिए जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े .
भोपाल | अपने भीतर की बुराइयों को जानने और उन्हें मिटाने के उपाय के एशियाई देशों में तब्लीगी इज्तिमा का आयोजन किया जाता है . देश के बड़े हिस्से में तब्लीगी इज्तिमाओं मैं शामिल भोपाल तब्लीगी इज्तिमा 2019 का देर शाम विशेष दुआ के साथ समापन हो गया . इस इज्तिमा में शामिल होने दुनिया भर से लाखों लोग राजधानी पहुंचे थे . 72 वे आलमी तब्लीगी इज्तिमा मैं करीब 18 देशों से आए जमाते भी शामिल हुई थी . इस तब्लीगी इज्तिमा में 400 इज्तिमामाई निकाह भी संपन्न हुए हैं . तब्लीगी इज्तिमा में श्रीलंका ,मलेशिया, इंडोनेशिया ,जाडन, अमेरिका, अफगानिस्तान ,रूस, कंबोडिया ,इंग्लैंड ,तुर्किस्तान, वियतनाम सहित 18 देशों के नुमाइंदे इस समय में शिरकत करने के लिए पहुंचे थे . Body:इस तब्लीगी इज्तिमा के अंतिम दिन 12 लाख से भी ज्यादा लोग शामिल हुए हैं . स्थिति यह थी कि ईटखेड़ी स्थित इज्तिमागाह में पैर रखने तक की जगह नहीं थी . दुआ में शामिल होने के लिए लोग सड़कों से लेकर पेड़ों और मकानों पर चढ़े हुए नजर आ रहे थे .
तब्लीगी इज्तिमा के अंतिम दिन की शुरुआत फजर की नमाज के साथ हुई . इस मौके पर मौलाना साद साहब ने अपने बयान भी फरमाए . तकरीर का सिलसिला दुआ तक जारी रहा . मौलाना साद साहब ने 6 बुनियादी बातों पर अपने बयान दिए . उन्होंने कहा कि कलमा ,ईमान ,नवाज ,अख्लाक, इल्म और जिक्र वा दीन के लिए वक्त देने के विषय में उन्होंने विस्तार से जानकारी फरमाए . उन्होंने कहा कि अपना सुलूक दुनिया के हर एक व्यक्ति के साथ बेहतर होना चाहिए ,किसी को हमसे परेशानी या शिकायत का मौका नहीं मिलना चाहिए . दुनियावी तालीम के साथ ही दीनी तालीम पर ध्यान देना चाहिए . आज जो बिखराव पैदा हो रहे हैं उसका सबसे बड़ा कारण है कि हम दीन की तालीम में पिछड़ रहे हैं . Conclusion:उन्होंने बताया कि इंसानियत ,तालीम ,आपसी भाईचारे और दूसरों के प्रति हमारे कर्तव्य को लेकर हमारी सजगता बनी रहनी चाहिए . अल्लाह ने हमें इंसान बना कर इस जमीन पर भेजा है .इसके लिए हमें रात दिन उसका शुक्र अदा करना चाहिए .दुनिया की हर चीज अल्लाह तआला की बनाई हुई है .वही सब पर कादिर है .वही सब की बेहतरी के फैसले करने वाले हैं .दीन से हट जाने के चलते आज इंसान बुराइयों में शरीक हो गया है.
इज्तिमा में बेहतर व्यवस्था बनाए रखने के लिए 3000 से अधिक वॉलिंटियर ट्रैफिक व्यवस्था संभालने में लगे हुए थे और इतनी ही संख्या में पुलिस बल भी व्यवस्था संभाल रहा था .इस दौरान सेवा के लिए उत्साह का पता इस बात से भी लगाया जा सकता था कि इज्तिमा के दौरान इस पूरे क्षेत्र की व्यापारियों के द्वारा अपनी स्वता: प्रेरणा से दुकानें बंद रखी गई और धार्मिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए सभी लोग सेवा कार्यों में लगे नजर आए .
प्रशासन की ओर से भी इस्तेमाल के लिए बेहतर व्यवस्थाएं की गई थी .रेलवे प्रशासन की ओर से भी कई ट्रेनों में अतिरिक्त कोच लगाए गए हैं ,ताकि यहां से अपने गंतव्य के लिए जाने वाले यात्रियों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना ना करना पड़े .