भोपाल। एक तरफ मध्यप्रदेश की शिवराज सरकार उपचुनाव में पूरी ताकत झोंक रही है, वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति बदहाल होती जा रही है. हालात ये हैं कि इस महीने में ही मध्य प्रदेश सरकार को दूसरी बार कर्ज लेना पड़ रहा है. हाल-फिलहाल एक हफ्ते पहले मध्य प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ का कर्ज लिया था और अब दूसरी बार कर्ज लेने की स्थिति बन गई है. इन परिस्थितियों को लेकर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने ट्वीट कर प्रदेश की शिवराज सरकार और केंद्र की मोदी सरकार पर सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचौरी ने ट्वीट कर कहा है कि मध्य प्रदेश की आर्थिक स्थिति खराब हो रही है. प्रदेश सरकार ने पिछले एक हफ्ते में एक हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया और अब सरकारी आंकड़ों के मुताबिक सरकार पर 2,01,989 करोड़ रुपए का कर्ज हो गया है. दूसरी तरफ केंद्र सरकार ने जीएसटी (Goods and services tax) क्षतिपूर्ति की राशि प्रदेश को नहीं दी है.
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म.प्र.कीआर्थिक स्थिति ख़राब हो रही है।प्रदेश सरकार ने पिछले एक हफ़्ते में एक हज़ार करोड़ रु का क़र्ज़ लिया और अब सरकारी आँकड़ों के मुताबिक सरकार पर कर्ज़ 2,01,989 करोड़ रु हो गया है। दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार ने GST क्षतिपूर्ति की राशि प्रदेश को नहीं दी है।
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">म.प्र.कीआर्थिक स्थिति ख़राब हो रही है।प्रदेश सरकार ने पिछले एक हफ़्ते में एक हज़ार करोड़ रु का क़र्ज़ लिया और अब सरकारी आँकड़ों के मुताबिक सरकार पर कर्ज़ 2,01,989 करोड़ रु हो गया है। दूसरी तरफ़ केंद्र सरकार ने GST क्षतिपूर्ति की राशि प्रदेश को नहीं दी है।
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— Suresh Pachouri (@pachouri_office) October 12, 2020
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जानकारी के मुताबिक 2018 में शिवराज सरकार के समय कर्ज का आंकड़ा एक लाख 80 हजार करोड़ के ऊपर पहुंच गया था. कमलनाथ सरकार को भी कर्ज लेने की जरूरत पड़ी थी, लेकिन ऐसे हालात नहीं बने थे,जो अब बन गए हैं. प्रशासनिक सूत्रों की मानें तो मध्य प्रदेश सरकार को कर्मचारियों को वेतन देने के लिए भी कर्ज लेना पड़ रहा है. अभी हाल ही में 6 अक्टूबर को मध्य प्रदेश सरकार ने एक हजार करोड़ का कर्ज लिया था. अब फिर मध्य प्रदेश सरकार कर्ज लेने जा रही है. कर्ज का आंकड़ा दो लाख करोड़ को पार कर गया है.