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प्रहलाद लोधी पहुंचे हाईकोर्ट के द्वार, कहा हिटलर हैं विधानसभा अध्यक्ष और तानाशाह है ये सरकार

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Published : Nov 4, 2019, 11:12 PM IST

Updated : Nov 4, 2019, 11:34 PM IST

प्रहलाद लोधी के खिलाफ भोपाल जिला अदालत में एक मामला चल रहा था, जिसमें जिला अदालत ने प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई है. प्रहलाद लोधी जिला अदालत के इसी फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील लगाने के लिए पहुंचे.

प्रहलाद लोधी पहुंचे हाईकोर्ट के द्वार

जबलपुर। जिला अदालत के फैसले के खिलाफ विधानसभा की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर पवई पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी हाईकोर्ट पहुंचे. प्रहलाद लोधी ने कांग्रेस सरकार को हिटलर शाही सरकार व विधानसभा अध्यक्ष को हिटलर बताया है. उन्होंने विधानसभा के इस फैसले को तानाशाह बताया है. भोपाल जिला अदालत ने मारपीट के एक मामले में प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई थी.


दरअसल प्रहलाद लोधी के खिलाफ भोपाल जिला अदालत में एक मामला चल रहा था, जिसमें जिला अदालत ने प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई है. हालांकि इस मामले में प्रहलाद लोधी को तुरंत जमानत भी दे दी गई. इस लेकर राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है. जहां एक तरफ कांग्रेस इस फैसले का समर्थन कर रही है, वहीं बीजेपी इसे तानाशाही बता रही है.

प्रहलाद लोधी पहुंचे हाईकोर्ट के द्वार


प्रहलाद लोधी जिला अदालत के इसी फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील लगाने के लिए पहुंचे. प्रहलाद लोधी ने जिला अदालत के फैसले को चुनौती दी है और अपने खिलाफ सुनाए गए सजा के फैसले को गलत बताया है. प्रहलाद लोधी का कहना है कि निचली अदालत ने उन्हें जो सजा दी है. वह सजा सही नहीं है. फिलहाल मामला हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया है, लेकिन कुछ कागजात कम होने की वजह से अभी यह सुनवाई पर नहीं आया है.


प्रहलाद लोधी का कहना है वे समझ नहीं पाए कि आखिर उनकी सदस्यता खत्म करने के पीछे इतनी जल्दबाजी क्यों की गई, जबकि विधानसभा में एक और सदस्य हैं, जिनको 1 साल की सजा हुई है और वह जेल में भी हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी सदस्यता समाप्त नहीं हुई है.


मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई का कहना है की प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने का आदेश अपूर्ण है और विधानसभा अध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है यदि प्रह्लाद लोधी को सुनाई गई सजा हाईकोर्ट में खारिज कर दी जाती है. ऐसी स्थिति में क्या प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाएगी. अजय विश्नोई का आरोप है की कांग्रेस सरकार सनसनी फैलाना चाहती है. वह डरी हुई है और विधायकों को बांधे रखने के लिए इस तरीके के फैसले कर रही है.

जबलपुर। जिला अदालत के फैसले के खिलाफ विधानसभा की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर पवई पूर्व विधायक प्रहलाद लोधी हाईकोर्ट पहुंचे. प्रहलाद लोधी ने कांग्रेस सरकार को हिटलर शाही सरकार व विधानसभा अध्यक्ष को हिटलर बताया है. उन्होंने विधानसभा के इस फैसले को तानाशाह बताया है. भोपाल जिला अदालत ने मारपीट के एक मामले में प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई थी.


दरअसल प्रहलाद लोधी के खिलाफ भोपाल जिला अदालत में एक मामला चल रहा था, जिसमें जिला अदालत ने प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई है. हालांकि इस मामले में प्रहलाद लोधी को तुरंत जमानत भी दे दी गई. इस लेकर राजनीतिक गलियारों में खलबली मची हुई है. जहां एक तरफ कांग्रेस इस फैसले का समर्थन कर रही है, वहीं बीजेपी इसे तानाशाही बता रही है.

प्रहलाद लोधी पहुंचे हाईकोर्ट के द्वार


प्रहलाद लोधी जिला अदालत के इसी फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील लगाने के लिए पहुंचे. प्रहलाद लोधी ने जिला अदालत के फैसले को चुनौती दी है और अपने खिलाफ सुनाए गए सजा के फैसले को गलत बताया है. प्रहलाद लोधी का कहना है कि निचली अदालत ने उन्हें जो सजा दी है. वह सजा सही नहीं है. फिलहाल मामला हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया है, लेकिन कुछ कागजात कम होने की वजह से अभी यह सुनवाई पर नहीं आया है.


प्रहलाद लोधी का कहना है वे समझ नहीं पाए कि आखिर उनकी सदस्यता खत्म करने के पीछे इतनी जल्दबाजी क्यों की गई, जबकि विधानसभा में एक और सदस्य हैं, जिनको 1 साल की सजा हुई है और वह जेल में भी हैं, लेकिन इसके बावजूद उनकी सदस्यता समाप्त नहीं हुई है.


मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई का कहना है की प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने का आदेश अपूर्ण है और विधानसभा अध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है यदि प्रह्लाद लोधी को सुनाई गई सजा हाईकोर्ट में खारिज कर दी जाती है. ऐसी स्थिति में क्या प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाएगी. अजय विश्नोई का आरोप है की कांग्रेस सरकार सनसनी फैलाना चाहती है. वह डरी हुई है और विधायकों को बांधे रखने के लिए इस तरीके के फैसले कर रही है.

Intro:भोपाल जिला अदालत के फैसले के खिलाफ और विधानसभा की सदस्यता बहाली की मांग को लेकर हाईकोर्ट पहुंचे पवई विधायक प्रहलाद लोधी भोपाल जिला अदालत ने मारपीट के एक मामले में प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई


Body:जबलपुर विधानसभा अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने मध्यप्रदेश विधानसभा की सदस्य और पवई विधायक प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने की घोषणा की दरअसल प्रहलाद लोधी के खिलाफ भोपाल जिला अदालत में एक मामला चल रहा था जिसमें जिला अदालत ने प्रहलाद लोधी को 2 साल की सजा सुनाई है हालांकि इस मामले में प्रहलाद लोधी को तुरंत जमानत भी दे दी गई लेकिन जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 मैं हुए बदलाव की वजह से यदि किसी जनप्रतिनिधि को 2 साल या उससे ज्यादा की सजा हो जाती है तो उसकी सदस्यता समाप्त हो जाती है इसी नियम के तहत मध्यप्रदेश विधानसभा एक पत्र जारी किया जिसमें नियम का हवाला दिया गया हालांकि इसमें सदस्यता समाप्त करने की कोई बात नहीं लिखी है और यह विधानसभा अध्यक्ष ने जारी नहीं किया है

लेकिन राजनीति के तहत यह मैसेज जारी किया गया कि विधानसभा अध्यक्ष ने प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त कर दी

आज पहलाद लोधी जिला अदालत के इसी फैसले के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में अपील लगाने के लिए पहुंचे प्रहलाद लोधी ने जिला अदालत के फैसले को चुनौती दी है और अपने खिलाफ सुनाए गए सजा के फैसले को गलत बताया है प्रहलाद लोधी का कहना है कि निचली अदालत ने उन्हें जो सजा दी है वह सजा सही नहीं है फिलहाल मामला हाईकोर्ट में पेश कर दिया गया है लेकिन कुछ कागजात कम होने की वजह से अभी यह सुनवाई पर नहीं आया है प्रहलाद लोधी का कहना है वे समझ नहीं पाए कि आखिर उनकी सदस्यता खत्म करने के पीछे इतनी जल्दबाजी क्यों की गई जबकि विधानसभा में एक और सदस्य हैं जिनको 1 साल की सजा हुई है और वह जेल में भी हैं लेकिन इसके बावजूद उनकी सदस्यता समाप्त नहीं हुई है

मध्य प्रदेश सरकार में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री अजय विश्नोई का कहना है की प्रहलाद लोधी की सदस्यता समाप्त करने का आदेश अपूर्ण है और विधानसभा अध्यक्ष को यह अधिकार नहीं है यदि प्रह्लाद लोधी को सुनाई गई सजा हाईकोर्ट में खारिज कर दी जाती है ऐसी स्थिति में क्या प्रहलाद लोधी की सदस्यता बहाल की जाएगी अजय विश्नोई का आरोप है की कांग्रेस सरकार सनसनी फैलाना चाहती है वह डरी हुई है और विधायकों को बांधे रखने के लिए इस तरीके के फैसले कर रही है


Conclusion:जनप्रतिनिधित्व कानून 1951 मैं यह प्रावधान किया गया है कि कि किसी भी जनप्रतिनिधि को यदि 2 साल या उससे ज्यादा की सजा पड़ती है तो उसकी सदस्यता निलंबित की जा सकती है हालांकि इस प्रावधान में यह स्पष्ट नहीं है कि यदि हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से जनप्रतिनिधि अपना केस जीत जाता है तो ऐसी स्थिति में क्या होगा
byte प्रहलाद लोधी निलंबित विधायक
byte अजय विश्नोई पूर्व मंत्री भारतीय जनता पार्टी विधायक
Last Updated : Nov 4, 2019, 11:34 PM IST
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