भोपाल। 'वक्त है बदलाव का' इस स्लोगन का उदहारण एक बार फिर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. इस नारे के साथ कांग्रेस मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी. जिसके बाद से प्रदेश में कई बड़े बदलाव हुए. पूर्व सरकार की योजनाओं को बदलने के साथ ही अब किताबों में छापे पूर्व सीएम शिवराज सिंह के संदेश को भी हटाने के निर्देश दिए गए है. यह निर्देश पाठ्य पुस्तक निगम ने जारी किया है.
मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की ओर पिछले सत्र में करीब 14 लाख स्कूल की किताबें छापी गई थी. किताबों के पहले पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश उनेक हस्ताक्ष के साथ छपा हुआ था. जिसे हटाने का निर्देश दिया गया है. अब नए सत्र में जो किताबें आएंगी उन में प्रदेश के छात्रा अपने 'माम' का संदेश को नहीं पढ़ पाएंगे.
पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी अभय अरविंद बेडेकर का कहना है कि इस सत्र में छापी गई किताबों में भी मुख्यमंत्री का संदेश छापा जाना था. लेकिन आचार संहिता के चलते इस सत्र की किताबों में संदेश नहीं छापा गया है. बाता दें कि पिछले सत्र की करीब 14 लाख किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री का संदेश हटाया जाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. इन संदेश को हटने कि लिए या तो किताबों के पन्ने को फाड़ा जा रहा है या फिर संदेश के ऊपर कुछ और चिपकाया जा रहा है.अब पाठ्य पुस्तक निगम के आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारी इन सभी किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश हटाने में जुटे हुए हैं