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'वक्त है बदलाव का' , स्कूली किताबों से हटाए गए पूर्व CM शिवराज सिंह का संदेश

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Published : Apr 14, 2019, 3:17 PM IST

पाठ्य पुस्तक निगम के निर्देश के बाद प्रदेश में सरकारी स्कूल की किताबों में से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के संदेश को हटाया गया है. पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी अभय अरविंद बेडेकर का कहना है आचार संहिता के चलते पुस्तकों में सें पूर्व सीएम के संदेश के हटाया गया है.

पाठ्य पुस्तक निगम ने दिया निर्देश

भोपाल। 'वक्त है बदलाव का' इस स्लोगन का उदहारण एक बार फिर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. इस नारे के साथ कांग्रेस मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी. जिसके बाद से प्रदेश में कई बड़े बदलाव हुए. पूर्व सरकार की योजनाओं को बदलने के साथ ही अब किताबों में छापे पूर्व सीएम शिवराज सिंह के संदेश को भी हटाने के निर्देश दिए गए है. यह निर्देश पाठ्य पुस्तक निगम ने जारी किया है.

मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की ओर पिछले सत्र में करीब 14 लाख स्कूल की किताबें छापी गई थी. किताबों के पहले पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश उनेक हस्ताक्ष के साथ छपा हुआ था. जिसे हटाने का निर्देश दिया गया है. अब नए सत्र में जो किताबें आएंगी उन में प्रदेश के छात्रा अपने 'माम' का संदेश को नहीं पढ़ पाएंगे.

स्कूली किताबों से हटाए पूर्व सीएम का संदेश

पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी अभय अरविंद बेडेकर का कहना है कि इस सत्र में छापी गई किताबों में भी मुख्यमंत्री का संदेश छापा जाना था. लेकिन आचार संहिता के चलते इस सत्र की किताबों में संदेश नहीं छापा गया है. बाता दें कि पिछले सत्र की करीब 14 लाख किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री का संदेश हटाया जाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. इन संदेश को हटने कि लिए या तो किताबों के पन्ने को फाड़ा जा रहा है या फिर संदेश के ऊपर कुछ और चिपकाया जा रहा है.अब पाठ्य पुस्तक निगम के आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारी इन सभी किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश हटाने में जुटे हुए हैं

भोपाल। 'वक्त है बदलाव का' इस स्लोगन का उदहारण एक बार फिर प्रदेश में देखने को मिल रहा है. इस नारे के साथ कांग्रेस मध्यप्रदेश की सत्ता पर काबिज हुई थी. जिसके बाद से प्रदेश में कई बड़े बदलाव हुए. पूर्व सरकार की योजनाओं को बदलने के साथ ही अब किताबों में छापे पूर्व सीएम शिवराज सिंह के संदेश को भी हटाने के निर्देश दिए गए है. यह निर्देश पाठ्य पुस्तक निगम ने जारी किया है.

मध्यप्रदेश पाठ्य पुस्तक निगम की ओर पिछले सत्र में करीब 14 लाख स्कूल की किताबें छापी गई थी. किताबों के पहले पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश उनेक हस्ताक्ष के साथ छपा हुआ था. जिसे हटाने का निर्देश दिया गया है. अब नए सत्र में जो किताबें आएंगी उन में प्रदेश के छात्रा अपने 'माम' का संदेश को नहीं पढ़ पाएंगे.

स्कूली किताबों से हटाए पूर्व सीएम का संदेश

पाठ्य पुस्तक निगम के एमडी अभय अरविंद बेडेकर का कहना है कि इस सत्र में छापी गई किताबों में भी मुख्यमंत्री का संदेश छापा जाना था. लेकिन आचार संहिता के चलते इस सत्र की किताबों में संदेश नहीं छापा गया है. बाता दें कि पिछले सत्र की करीब 14 लाख किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री का संदेश हटाया जाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है. इन संदेश को हटने कि लिए या तो किताबों के पन्ने को फाड़ा जा रहा है या फिर संदेश के ऊपर कुछ और चिपकाया जा रहा है.अब पाठ्य पुस्तक निगम के आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारी इन सभी किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश हटाने में जुटे हुए हैं

Intro:भोपाल- वक्त है बदलाव का इस स्लोगन के साथ ही मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सत्ता आई है और इस स्लोगन पर तेजी से काम भी किया जा रहा है पाठ्य पुस्तक निगम ने एक आदेश जारी कर प्रदेश में 14 लाख स्कूली किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश हटाने के निर्देश दिए हैं मध्यप्रदेश में पिछले सत्र में करीब 14 लाख स्कूल की किताबें शेष रह गई थी इसके बाद इस सत्र में बीजेपी की सत्ता चली गई और कांग्रेस प्रदेश में सरकार बना ली लेकिन इन किताबों के पहले पेज पर पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश छपा हुआ था इसके अलावा संदेश के नीचे पूर्व मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर भी थे अब पाठ्य पुस्तक निगम इन 14 लाख किताबों से संदेश हटाने में जुटी हुई है।


Body:सरकार बदलते ही मध्यप्रदेश में बहुत कुछ बदल गया है या बदल रहा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि अब पिछले सत्र की करीब 14 लाख स्कूली किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश हटाया जा रहा है इसके लिए पाठ्य पुस्तक निगम ने बाकायदा निर्देश जारी किए हैं बताया जा रहा है कि अकेले शहडोल जिले में ही करीब 21 हजार किताबें पिछले सत्र की है ऐसे ही सभी जिलों में 10 से 15 हजार किताबें पिछले सत्र की बची हुई है अब पाठ्य पुस्तक निगम के आदेश के बाद अधिकारी कर्मचारी इन सभी किताबों से पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का संदेश हटाने में जुटे हुए हैं और शायद इसी वजह से कई स्कूलों में अब तक भी किताबें नहीं पहुंच पाई है और देरी हो रही है।

बाइट- अभय अरविंद बेडेकर, एमडी, पाठ्य पुस्तक निगम।


Conclusion:इस सत्र में छापी गई किताबों में भी मुख्यमंत्री का संदेश छापा जाना था लेकिन आचार संहिता के चलते इस सत्र की किताबों में किसी का भी संदेश नहीं छापा गया है लेकिन पिछले सत्र की करीब 14 लाख किताबो से पूर्व मुख्यमंत्री का संदेश हटाया जाना टेढ़ी खीर साबित हो रही है बताया जा रहा है कि या तो संदेश वाले पन्ने को फाड़ा जा रहा है या फिर चिपकाया जा रहा है।
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