भोपाल। कांग्रेस के दिग्गज नेता अहमद पटेल के निधन पर मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने स्मृति साझा की हैं. उन्होंने कहा है कि मैंने अपना सच्चा मित्र और सच्चा साथी खो दिया है. उन्होंने अहमद पटेल के साथ बिताए वक्त को याद करते हुए अहमद पटेल की खूबियों को भी गिनाया.
-
बहुत याद आओगे अहमद भाई..! pic.twitter.com/EWilcSVwrt
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 25, 2020 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">बहुत याद आओगे अहमद भाई..! pic.twitter.com/EWilcSVwrt
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 25, 2020बहुत याद आओगे अहमद भाई..! pic.twitter.com/EWilcSVwrt
— Office Of Kamal Nath (@OfficeOfKNath) November 25, 2020
मैंने आज अपना सच्चा मित्र और सच्चा साथी खो दिया
कमलनाथ लिखते हैं कि मेरे बेहद करीबी मित्र, सालों के सुख-दुख के साथी, जिंदादिल इंसान, नेक दिल इंसान अहमद पटेल की आज सुबह मिली निधन की दुखद खबर बेहद स्तब्ध करने वाली थी. एक बार तो सहसा इस खबर पर विश्वास नहीं हुआ. ईश्वर से प्रार्थना की कि यह खबर झूठी साबित हो लेकिन जब इस खबर की पुष्टि हुई तो मन दुखी व बेचैन हो गया।. कमलनाथ ने कहा कि मैंने आज अपना वर्षों का एक सच्चा मित्र सच्चा साथी खो दिया है.
कमलनाथ लिखते हैं कि मेरी और अहमद पटेल की दोस्ती युवक कांग्रेस के समय 77-78 से है. सहज, सरल, साधारण व्यक्तित्व के धनी अहमद पटेल का राजनीतिक सफर युवक कांग्रेस से शुरू हुआ था. अपने राजनैतिक जीवन में वह पार्टी से नीचे से लेकर ऊपर तक कई उच्च पदों पर रहे. वर्तमान में भी राज्यसभा सांसद व पार्टी के कोषाध्यक्ष थे. हम दोनों ने अपनी दोस्ती में काफी समय साथ में बिताया. हर मुश्किल व संकट की घड़ी में हम दोनों हमेशा साथ होते थे. उनके घर के दरवाजे मेरे लिए 24 घंटे खुले रहते थे. कारगिल युद्ध के समय भी कांग्रेस द्वारा भेजे गए प्रतिनिधिमंडल में हम दोनों साथ थे. हमारी वह यात्रा भी काफी यादगार, रोचक व रोमांचक रही.
हमेशा लो प्रोफाइल में रहना व पर्दे के पीछे की भूमिका में रहना पसंद करते थे
वह मुझे हमेशा सलाह देते रहते थे. कई बार में जब जल्दी उत्तेजित या क्रोधित हो जाता था. तो वह मुझे हमेशा शांत रहने की व जल्दी उत्तेजित नहीं होने की सलाह देते थे. वह एक सच्चे हमदर्द थे. पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहे थे. उन्होंने अपनी राजनीतिक कुशलता से बड़े-बड़े संकटों को चुटकी में हल किया. विरोधी भी उनकी राजनीतिक कुशलता का लोहा मानते थे. लेकिन वह कोरोना से संक्रमित होने के बाद इतनी जल्दी जिंदगी की जंग हार जाएंगे, यह विश्वास मुझे अभी भी नहीं हो रहा है. कांग्रेस पार्टी के लिए एक मजबूत आधार स्तंभ थे. मुश्किल और संकट की घड़ी में वह हमेशा संकटमोचक की भूमिका में रहते थे. वे सदैव लो प्रोफाइल में रहना व पर्दे के पीछे की भूमिका में रहना पसंद करते थे. उन्होंने अपना पूरा जीवन पार्टी को समर्पित किया. उनके समर्पण भावना कर्तव्यनिष्ठा बेजोड़ बेमिसाल थी.
मुझे ही मध्य प्रदेश भेजने में उनकी विशेष भूमिका, सहमति और विशेष आग्रह था
पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के साथ वे संसदीय सचिव रहे और सोनिया गांधी के राजनीतिक सलाहकार के रूप में उन्होंने अपनी भूमिका का वर्षों तक ईमानदारी से निर्वहन किया. कमलनाथ ने बताया कि मेरे राजनीतिक जीवन में उनका सदैव विशेष महत्व योगदान रहा है. मध्यप्रदेश को लेकर उनका सदा विशेष लगाव रहा है. मुझे केंद्र की राजनीति से मध्यप्रदेश में कांग्रेस की मजबूती के लिए भेजने के राष्ट्रीय नेतृत्व के निर्णय में उनकी भी विशेष भूमिका, सहमति व विशेष आग्रह था. समय-समय पर मध्य प्रदेश के राजनीतिक मामलों को लेकर भी वह समय निकालकर मुझसे चर्चा करते रहते थे. जब भी प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे थे. मैं दिल्ली यात्रा पर जाता था, तो वह प्रदेश के विकास पर मुझसे जरूर बात करते थे और आवश्यक सलाह भी देते थे. देश के हर हिस्से में उनको जानने वाले लोग थे. सभी से उनका जीवंत संपर्क था. उनके चुंबकीय आकर्षक व्यक्तित्व से सभी प्रभावित रहते थे. सदैव मुस्कुराते थे, कभी किसी से ऊंची आवाज में बात नहीं करते थे. मित्रता निभाने में बेजोड़ थे.
खोया सच्चा मित्र
आज मैंने अपना एक सच्चा मित्र व साथी को दिया है. उनका निधन मेरे लिए बेहद व्यक्तिगत क्षति है. उनका निधन कांग्रेस परिवार के लिए भी एक ऐसी क्षति है, जो अपूरणीय है. उनके निधन का दुखद समाचार मिलते ही में तुरंत उनके परिजनों व शुभचिंतकों के बीच दिल्ली पहुंचा. गुरुवार को उनके पैतृक जगह गुजरात के भरूच जिले में उनकी अंत्येष्टि में शामिल होना है. उनकी कमी मुझे सदैव खलेगी, उनके दु:खद निधन पर मैं उनके परिवार के प्रति शोक संवेदना व्यक्त करता हूं और आशा करता हूं कि परम पिता ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान प्रदान करें और परिवार को यह भीषण दुख सहने की शक्ति प्रदान करें.