भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर सीहोर कलेक्टर की शिकायत की है. पत्र के माध्यम से दिग्विजय सिंह ने सीएम से प्रोटोकॉल का उल्लंघन करने पर सीहोर कलेक्टर अजय गुप्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की है. दरअसल कुछ समय पहले पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह सीहोर और नसरुल्लागंज के दौरे पर गए थे. इस दौरान किसानों की समस्याओं को लेकर चर्चा करने के लिए कलेक्टर को बुलाया था, लेकिन बुलाने के बावजूद भी सीहोर कलेक्टर वहां पर उपस्थित नहीं हुए थे. इसके अलावा अन्य अधिकारी भी उस समय नदारद थे. जिसे लेकर दिग्विजय सिंह ने अपनी गहरी नाराजगी व्यक्त की थी .
यही वजह है कि एक बार फिर से उन्होंने कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है. इस पत्र के माध्यम से उन्होंने लिखा है कि सीहोर जिले के मेरे भ्रमण के दौरान जिला कलेक्टर के द्वारा प्रदेश सरकार के द्वारा जारी किए गए प्रोटोकॉल के नियमों का खुले तौर पर उल्लंघन किया गया है. दिग्विजय सिंह का कहना है कि दिनांक 5 जून 2020 को किसानों की समस्याओं को जानने और उनसे वार्तालाप करने के लिए सीहोर और नसरुल्लागंज का दौरा किया था. इसकी आधिकारिक सूचना जिला प्रशासन को मेरे कार्यालय के द्वारा दी गई थी. कार्यक्रम की जानकारी प्राप्त होने की पुष्टि भी जिला प्रशासन सीहोर के द्वारा की गई थी, लेकिन इसके बावजूद जिला प्रशासन के द्वारा प्रोटोकॉल के तहत सामान्य सौजन्यता भी प्रदर्शित नहीं की गई इतना ही नहीं किसी अधिकारी ने मुझसे या मेरे कार्यालय से संपर्क तक नहीं किया. उस समय मैं कलेक्टर से जिले की किसानों के मुद्दों पर बात करना चाहता था.
दिग्विजय सिंह ने की कलेक्टर पर कार्रवाई की मांग
दिग्विजय सिंह का कहना है कि कलेक्टर के नहीं आने पर मेरे कार्यालय के द्वारा कलेक्टर सीहोर अजय गुप्ता को कई बार फोन लगाए गए. यहां तक कि उनके स्टेनो को भी कई बार सूचना दी गई, लेकिन इसके बावजूद भी आज तक कलेक्टर के द्वारा बात तक नहीं की गई है मेरे स्वयं के द्वारा भी सीहोर कलेक्टर को फोन लगाया गया था पर उन्होंने बात नहीं की. इस मामले की शिकायत दूरभाष के माध्यम से तत्काल संभागायुक्त कविंद्र कियावत को भी की गई थी.
आगे दिग्विजय सिंह ने लिखा है कि भले ही आप अलग अलग राजनीतिक विचारधारा के कारण व्यक्तिगत शिष्टाचार का पालन नहीं करते हो इससे मुझे कोई शिकायत ही नहीं है, लेकिन शासन द्वारा निर्धारित व्यवस्थाओं और प्रोटोकॉल नियमों का कलेक्टर द्वारा उल्लंघन करने और सौजन्य हीनता प्रदर्शित करने की मैं निंदा करता हूं. यह भारतीय प्रशासनिक सेवा (2009 बैच) के अधिकारी द्वारा की गई एक गंभीर अनुशासनहीनता है. जिसके लिए अखिल भारतीय आचरण नियम 1968 के अंतर्गत उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए और शासन स्तर पर की गई कार्रवाई से मुझे भी अवगत कराया जाए .