भोपाल। पूर्व कृषि मंत्री व कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने किसानों के मुद्दे पर बीजेपी पर जमकर हमला बोला है. कांग्रेस विधायक ने सरकार पर कृषि विभाग से जुड़ी कई योजनाओं को अघोषित रूप से बंद करने और उनके लिए बजट में प्रावधान ना करने के आरोप लगाए हैं. पूर्व कृषि मंत्री ने आरोप लगाया कि बीजेपी ने अपने दृष्टि पत्र में किसानों के लिए कई योजनाओं का ऐलान किया था, लेकिन इन योजनाओं के लिए अपने आखिरी बजट में भी बजट का प्रावधान ही नहीं किया.
दृष्टि पत्र में क्या वादा लेकिन बजट में नहीं मिली राशि:कांग्रेस प्रदेश कार्यालय में पूर्व कृषि मंत्री की पत्रकार वार्ता के दौरान दो बार लाइट गुल हुई. इसको लेकर कृषि मंत्री ने बीजेपी सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यही मध्यपदेश सरकार का विकास है. जब प्रदेश की राजधानी में यह हाल है तो समझा जा सकता है कि प्रदेश के गांवों में क्या स्थिति होगी. कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार सरकार को साढे़ 18 साल पूरे होने जा रहे हैं, लेकिन विडंबना है कि जिन्हें सवालों के जवाब देना है, वो ही सवाल पूछ रहे हैं.
- राज्य सरकार ने 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान अपने दृष्टि पत्र में जो वादे किए थे, वह खोखले साबित होते दिखाई दे रहे हैं. अगर सरकार खेती और किसानों के प्रति गंभीर होती तो उसकी गंभीरता सरकार के अंतिम बजट में भी दिखाई देती.
- बीजेपी ने अपने दृष्टि पत्र में वादा किया था कि किसानों को उच्च गुणवत्ता के बीज रियायती दरों पर दिए जाएंगे. उसमें किसी जाति का बंधन नहीं रखा जाएगा, लेकिन सरकार ने बजट में इसके लिए जीरो बजट का प्रावधान किया है.
- दृष्टि पत्र में बीजेपी ने कहा था कि ऐसे छोटे किसान जो उपार्जन केंद्र और कृषि उपज मंडी तक नहीं पहुंच पाते उनके लिए लघु किसान स्वावलंबन योजना शुरू करेंगे, लेकिन उसके लिए सरकार ने बजट में सिर्फ 1000 का प्रावधान किया है.
- यंत्रीकरण और आधुनिक कृषि यंत्रों को किसानों तक पहुंचाने के लिए कस्टम हायरिंग सेंटर को दोगुना करने का वादा किया था, लेकिन बजट प्रावधान सिर्फ जीरो का किया गया.
- ऑपरेशन ग्रीन जिसमें आलू और प्याज का प्रसंस्करण किया जाना था, लेकिन बजट में ₹1000 का बजट का प्रावधान किया गया.
- मध्यप्रदेश में कोल्ड स्टोरेज की संख्या बढ़ाने के लिए बीजेपी ने अपने दृष्टि पत्र में कहा था कि कोल्ड स्टोरेज की संख्या दोगुनी की जाएगी, लेकिन बजट में ₹3000 का बजट प्रावधान किया गया.
- राज्य कृषि आयोग का पुनर्गठन किए जाने का वादा बीजेपी ने किया था, लेकिन उसके लिए बजट में ₹26000 का बजट का प्रावधान किया गया.
- दृष्टि पत्र में बीजेपी ने वादा किया था कि कृषि स्टार्टप्स कोष की स्थापना की जाएगी. कांग्रेस विधायक ने कहा कि मैंने पूरे बजट को पढ़ा, लेकिन ना तो कृषि स्टार्टअप जैसा शब्द दिखाई दिया और ना ही उसके सामने बजट का प्रावधान दिखाई दिया.
- सरकार ने फूड टेक्नोलॉजी यूनिवर्सिटी खोलने का वादा किया था. पूर्व मंत्री ने पूछा क्या किसी ने यह यूनिवर्सिटी आज तक देखी, अगर कोई देखी है तो हमें जरूर बताएं.
- बीजेपी ने वादा किया था मौसम विज्ञान केंद्र, कीट विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाएगी, लेकिन दृष्टि पत्र में इसका जो वादा किया गया था. ऐसी कोई संस्था आज तक नहीं खुली.
- स्व सहायता समूह के माध्यम से बीज और खाद का कोष बनाया जाना था, लेकिन आज तक कोष स्थापित नहीं हुआ.
- सरकार ने वादा किया था कि मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन को दोगुना किया जाएगा, लेकिन आज स्थिति यह है कि प्रदेश में बच्चों को दूध नहीं मिल पा रहा. महंगाई की मार दूध पर भी लोगों को झेलने पड़ रही है.
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सरकार दे सवालों के जवाब: कांग्रेस विधायक सचिन यादव ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार किसान विकास यात्रा निकालने जा रही है. सरकार को उनके सवालों के जवाब देना चाहिए. सरकार को यह भी बताना चाहिए कि आखिर किन कारणों से मध्यप्रदेश में किसान ऋण माफी योजना बंद कर दी गई. आखिर किसानों को उनकी उपज का दाम नहीं मिल पा रहा. सरकार ने 2016 में कहा था कि 2022 तक प्रदेश के किसानों की आय दोगुनी की जाएगी, लेकिन अब 2023 आ गया. इस दौरान खाद बीज महंगा हो गया फसल की लागत दुगनी हो गई लेकिन आय दोगुनी नहीं हुई.