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25 अप्रैल से शुरु होगा वनोपज संग्रहण, उससे पहले मजदूरों का किया जाएगा स्वास्थ्य परीक्षण - collection will begin

प्रदेश में 25 अप्रैल से वनोपज संग्रहण का काम शुरु हो रहा है. जिसको लेकर शासन ने लघु वनोपज के संग्रहण, प्र-संस्करण, उपचारण, परिवहन, भण्डारण और विपणन कार्यों में शामिल मजदूरों और ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किए जाने के निर्दश दिए हैं.

Forest produce collection will begin from April 25
25 अप्रैल से शुरु होगा वनोपज संग्रहण का काम
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Published : Apr 17, 2020, 11:37 AM IST

भोपाल। 25 अप्रैल से वनोपज संग्रहण का काम शुरु हो रहा है. जिसको लेकर सरकार पूरी तरह अलर्ट है. जिसके चलते लघु वनोपज के संग्रहण, प्र-संस्करण, उपचारण, परिवहन, भण्डारण और विपणन कार्यों में शामिल मजदूरों और ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराने के निर्दश दिए गए हैं. इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. इस दौरान यदि किसी संग्राहक या वनकर्मी में कोरोना वायरस के लक्षण दिखेंगे, तो उसे तुरंत निकटतम अस्पताल पहुंचाया जायेगा.

Forest produce collection will begin from April 25
25 अप्रैल से शुरु होगा वनोपज संग्रहण का काम
मास्क सहित सभी स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों का होगा पालनप्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल ने प्रबंध संचालक राज्य लघुवनोपज संघ सहित प्रदेश के सभी कलेक्टर, अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को दिशा-निर्देशों के पालन करवाने का निर्देश दिया है. जिसमे लघु वनोपज के संग्रहण के कामों में लगे कर्मचारी, क्रेता और प्रतिनिधि और ग्रामीणों को अनिवार्य रूप से चेहरे को ढकने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य संबंधी आदेश का पालन किया जाएगा.

जारी होंगे फोटो परिचय पत्र
तेन्दूपत्ता व्यापारियों और उनके प्रतिनिधियों के लिए वन मंडल अधिकारी अथवा प्रबंध संचालक जिला यूनियन द्वारा परिचय-पत्र जारी किए जाएंगे. इस परिचय-पत्र को ही लघु वनोपज संग्रहण, परिवहन, भण्डारण के लिए मान्य किया जाएगा. राजस्व और पुलिस प्रशासन को इन परिचय-पत्रों के संबंध में कलेक्टर द्वारा अवगत कराया जाएगा. वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी के लिए लघु वनोपज संघ द्वारा वन विभाग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी.

प्रत्येक केन्द्र, गोदाम पर होगा सैनिटाइजर और साबुन
प्रत्येक संग्रहण एवं भण्डारण केन्द्र और गोदाम पर आवश्यक रूप से सैनिटाइजर और साबुन रखा जाएगा. यहां आने-जाने को 20 सेकण्ड तक हाथ धोकर, सेनिटाइज करना जरूरी होगा.

2-2 मीटर की दूर पर होंगे चूने के घेरे
वनोपज संग्रहण के काम में शामिल सभी व्यक्ति आपस में कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाये रखते हुए काम करेंगे. प्रत्येक संग्रहण केन्द पर 2-2 मीटर की दूरी पर चूने का घेरा बनेगा. इन केन्द्रों पर रात में कार्य के लिए उचित प्रकाश व्यवस्था होगी.

भोपाल। 25 अप्रैल से वनोपज संग्रहण का काम शुरु हो रहा है. जिसको लेकर सरकार पूरी तरह अलर्ट है. जिसके चलते लघु वनोपज के संग्रहण, प्र-संस्करण, उपचारण, परिवहन, भण्डारण और विपणन कार्यों में शामिल मजदूरों और ग्रामीणों के स्वास्थ्य का परीक्षण कराने के निर्दश दिए गए हैं. इसके साथ ही कोरोना से बचाव के लिए दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं. इस दौरान यदि किसी संग्राहक या वनकर्मी में कोरोना वायरस के लक्षण दिखेंगे, तो उसे तुरंत निकटतम अस्पताल पहुंचाया जायेगा.

Forest produce collection will begin from April 25
25 अप्रैल से शुरु होगा वनोपज संग्रहण का काम
मास्क सहित सभी स्वास्थ्य संबंधी निर्देशों का होगा पालनप्रमुख सचिव वन अशोक वर्णवाल ने प्रबंध संचालक राज्य लघुवनोपज संघ सहित प्रदेश के सभी कलेक्टर, अधिकारियों और पुलिस प्रशासन को दिशा-निर्देशों के पालन करवाने का निर्देश दिया है. जिसमे लघु वनोपज के संग्रहण के कामों में लगे कर्मचारी, क्रेता और प्रतिनिधि और ग्रामीणों को अनिवार्य रूप से चेहरे को ढकने के निर्देश दिए गए हैं. इस दौरान लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा जारी स्वास्थ्य संबंधी आदेश का पालन किया जाएगा.

जारी होंगे फोटो परिचय पत्र
तेन्दूपत्ता व्यापारियों और उनके प्रतिनिधियों के लिए वन मंडल अधिकारी अथवा प्रबंध संचालक जिला यूनियन द्वारा परिचय-पत्र जारी किए जाएंगे. इस परिचय-पत्र को ही लघु वनोपज संग्रहण, परिवहन, भण्डारण के लिए मान्य किया जाएगा. राजस्व और पुलिस प्रशासन को इन परिचय-पत्रों के संबंध में कलेक्टर द्वारा अवगत कराया जाएगा. वहीं न्यूनतम समर्थन मूल्य पर लघु वनोपजों की खरीदी के लिए लघु वनोपज संघ द्वारा वन विभाग के माध्यम से आवश्यक व्यवस्थाएं की जाएंगी.

प्रत्येक केन्द्र, गोदाम पर होगा सैनिटाइजर और साबुन
प्रत्येक संग्रहण एवं भण्डारण केन्द्र और गोदाम पर आवश्यक रूप से सैनिटाइजर और साबुन रखा जाएगा. यहां आने-जाने को 20 सेकण्ड तक हाथ धोकर, सेनिटाइज करना जरूरी होगा.

2-2 मीटर की दूर पर होंगे चूने के घेरे
वनोपज संग्रहण के काम में शामिल सभी व्यक्ति आपस में कम से कम 2 मीटर की दूरी बनाये रखते हुए काम करेंगे. प्रत्येक संग्रहण केन्द पर 2-2 मीटर की दूरी पर चूने का घेरा बनेगा. इन केन्द्रों पर रात में कार्य के लिए उचित प्रकाश व्यवस्था होगी.

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