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मंत्री के दावे पर उड़ी खाद्य विभाग की नींद, सभी जिलों से तलब की गई संदिग्धों की सूची

कैबिनेट मंत्री बिसाहूलाल सिंह के 96 लाख फर्जी राशनकार्ड धारकों के खुलासे के बाद खाद्य विभाग की नींद उड़ गई है. विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखकर रिपोर्ट मांगी है.

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Published : Aug 12, 2020, 7:37 PM IST

भोपाल। नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह के 96 लाख फर्जी राशनकार्ड धारकों के खुलासे के बाद अब खाद्य विभाग इसकी जांच कराने में जुट गया है. विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखकर जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तलब की है. विभाग का अनुमान है कि ऐसे राशन कार्ड धारकों की संख्या करीब 28 लाख तक हो सकती है. ये राशन कार्ड धारक कुछ महीनों से राशन नहीं ले रहे हैं.

तरुण पिथोड़े

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक तरुण पिथोड़े के मुताबिक प्रदेश में आमतौर पर इस तरह की स्थिति बनी रहती है कि लोग बाहर चले जाते हैं और राशन नहीं ले पाते हैं. हालांकि, देखा जा रहा है कि ऐसे कितने राशन कार्ड धारक हैं. विभाग उनकी जांच कर रहा है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मध्यप्रदेश की कुल आबादी का 75 फीसद हिस्सा खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में आता है. राज्य में 25 हजार 490 राशन दुकानों के माध्यम से साल 2011 की जनगणना के मुताबिक एक करोड़ 17 लाख यानि लगभग पांच करोड़ छह लाख से ज्यादा हितग्राहियों को एक रुपये किलो के हिसाब से गेहूं और चावल मुहैया कराया जा रहा है. समय-समय पर राशन डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अब जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि आखिर कितने हितग्राही ऐसे हैं, जो इस दायरे में नहीं आते हैं.

भोपाल। नागरिक आपूर्ति मंत्री बिसाहू लाल सिंह के 96 लाख फर्जी राशनकार्ड धारकों के खुलासे के बाद अब खाद्य विभाग इसकी जांच कराने में जुट गया है. विभाग ने सभी जिलों के कलेक्टर को पत्र लिखकर जल्द से जल्द इसकी रिपोर्ट मुख्यालय तलब की है. विभाग का अनुमान है कि ऐसे राशन कार्ड धारकों की संख्या करीब 28 लाख तक हो सकती है. ये राशन कार्ड धारक कुछ महीनों से राशन नहीं ले रहे हैं.

तरुण पिथोड़े

खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग के संचालक तरुण पिथोड़े के मुताबिक प्रदेश में आमतौर पर इस तरह की स्थिति बनी रहती है कि लोग बाहर चले जाते हैं और राशन नहीं ले पाते हैं. हालांकि, देखा जा रहा है कि ऐसे कितने राशन कार्ड धारक हैं. विभाग उनकी जांच कर रहा है.

राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा कानून के तहत मध्यप्रदेश की कुल आबादी का 75 फीसद हिस्सा खाद्यान्न सुरक्षा के दायरे में आता है. राज्य में 25 हजार 490 राशन दुकानों के माध्यम से साल 2011 की जनगणना के मुताबिक एक करोड़ 17 लाख यानि लगभग पांच करोड़ छह लाख से ज्यादा हितग्राहियों को एक रुपये किलो के हिसाब से गेहूं और चावल मुहैया कराया जा रहा है. समय-समय पर राशन डिस्ट्रिब्यूशन को लेकर सवाल उठते रहे हैं. अब जांच के बाद ही खुलासा हो पाएगा कि आखिर कितने हितग्राही ऐसे हैं, जो इस दायरे में नहीं आते हैं.

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