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भोपाल में पांच हजार जवान संभालेंगे दुर्गा विसर्जन की जिम्मेदारी, चल समारोह पर रहेगी पाबंदी

भोपाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर इस बार विशेष तैयारियां की गई हैं. विसर्जन को लेकर शहर भर में पुलिस जवान समेत अलग-अलग विभागों के 5 हजार जवान सुरक्षा मे तैनात रहेंगे. इस बार नाव से विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

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विसर्जन की तैयारी
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Published : Oct 25, 2020, 5:29 PM IST

भोपाल। राजधानी भोपाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर इस बार विशेष तैयारियां की गई हैं. विसर्जन को लेकर शहर भर में पुलिस जवान समेत अलग-अलग विभागों के 5 हजार जवान सुरक्षा मे तैनात रहेंगे. इस बार नाव से विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

पांच हजार जवान संभालेंगे जिम्मेदारी

एक समिति से सिर्फ 10 लोग विसर्जन में शामिल होंगे. कोरोना को देखते हुए इस बार चल समारोह नहीं निकाला जाएगा. भक्त पंडालों से सीधे विसर्जन घाटों पर दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करने पहुंचेंगे. इस दौरान सिर्फ 10 लोगों को इजाजत दी गई है.

crain
क्रेन की व्यवस्था

घाटों पर पहुंचने से पहले ही बैरिकेडिंग लगाए गए हैं. यहां पर पुलिस चेकिंग करेगी. इसके बाद एक समिति से सिर्फ 10 लोगों को जाने की इजाजत दी जाएगी. किसी को भी विसर्जन के लिए घाटों पर नहीं जाने दिया जाएगा. प्रशासन ने स्पेशल क्रेन की व्यवस्था की है. जिसमें मूर्ति को रखा जाएगा और इसके बाद प्रशासन ही विसर्जन करेगा.

Administration system
प्रशासन की व्यवस्था

पढ़ें:नवरात्रि के आखिरी दिन होती है मां सिद्धिदात्री की आराधना, जानें कथा और विधि-विधान

सातों घाटों पर विशेष व्यवस्था

भोपाल में 7 घाटों पर विसर्जन किया जाता है. इस बार कोरोना के साथ-साथ पिछली बार गणेश चतुर्थी के दौरान हुए हादसे से सबक लेते हुए विशेष ध्यान रखा गया है. एसडीआरएफ के जवान और गोताखोर पूरे समय घाटों के आसपास मौजूद रहेंगे. अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसे तुरंत रोकने के लिए ये जवान तैनात रहेंगे.

7 घाटों पर 13 क्रेन

इस बार दुर्गा विसर्जन क्रेन से होगा. इसके लिए प्रेमपुरा घाट पर चार, रानी कमलापति , हथाईखेड़ा, बैरागढ़,में दो-दो,खटलापुरा,ईटखेड़ी और कोजलुआकलां में एक-एक क्रेन लगाई गई है.

भोपाल। राजधानी भोपाल में दुर्गा प्रतिमा विसर्जन को लेकर इस बार विशेष तैयारियां की गई हैं. विसर्जन को लेकर शहर भर में पुलिस जवान समेत अलग-अलग विभागों के 5 हजार जवान सुरक्षा मे तैनात रहेंगे. इस बार नाव से विसर्जन पूरी तरह से प्रतिबंधित है.

पांच हजार जवान संभालेंगे जिम्मेदारी

एक समिति से सिर्फ 10 लोग विसर्जन में शामिल होंगे. कोरोना को देखते हुए इस बार चल समारोह नहीं निकाला जाएगा. भक्त पंडालों से सीधे विसर्जन घाटों पर दुर्गा प्रतिमा का विसर्जन करने पहुंचेंगे. इस दौरान सिर्फ 10 लोगों को इजाजत दी गई है.

crain
क्रेन की व्यवस्था

घाटों पर पहुंचने से पहले ही बैरिकेडिंग लगाए गए हैं. यहां पर पुलिस चेकिंग करेगी. इसके बाद एक समिति से सिर्फ 10 लोगों को जाने की इजाजत दी जाएगी. किसी को भी विसर्जन के लिए घाटों पर नहीं जाने दिया जाएगा. प्रशासन ने स्पेशल क्रेन की व्यवस्था की है. जिसमें मूर्ति को रखा जाएगा और इसके बाद प्रशासन ही विसर्जन करेगा.

Administration system
प्रशासन की व्यवस्था

पढ़ें:नवरात्रि के आखिरी दिन होती है मां सिद्धिदात्री की आराधना, जानें कथा और विधि-विधान

सातों घाटों पर विशेष व्यवस्था

भोपाल में 7 घाटों पर विसर्जन किया जाता है. इस बार कोरोना के साथ-साथ पिछली बार गणेश चतुर्थी के दौरान हुए हादसे से सबक लेते हुए विशेष ध्यान रखा गया है. एसडीआरएफ के जवान और गोताखोर पूरे समय घाटों के आसपास मौजूद रहेंगे. अगर कोई अप्रिय घटना होती है तो उसे तुरंत रोकने के लिए ये जवान तैनात रहेंगे.

7 घाटों पर 13 क्रेन

इस बार दुर्गा विसर्जन क्रेन से होगा. इसके लिए प्रेमपुरा घाट पर चार, रानी कमलापति , हथाईखेड़ा, बैरागढ़,में दो-दो,खटलापुरा,ईटखेड़ी और कोजलुआकलां में एक-एक क्रेन लगाई गई है.

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