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चुनाव प्रचार में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर होगी FIR, हाईकोर्ट ने दिए आदेश

हाईकोर्ट की ग्वालियर खंड पीठ ने राजनीतिक कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर FIR दर्ज करने के आदेश जारी किए हैं. हाई कोर्ट के इस निर्णय का कांग्रेस ने स्वागत किया है.

Congress state spokesman Ajay Singh Yadav
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव
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Published : Oct 14, 2020, 9:24 PM IST

भोपाल| प्रदेश में होने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां लगातार कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रही हैं, जिसे देखते हुए याचिकाकर्ता आशीष प्रताप सिंह ने बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं सहित राजनीतिक कार्यकर्ताओं के वीडियो हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में पेश किए थे. मामले का संज्ञान लेने के बाद हाई कोर्ट ने राजनीतिक कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर अब FIR दर्ज किए जाने का आदेश दिया है. जिसका कांग्रेस ने स्वागत किया है.

कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य

राजनीतिक कार्यक्रमों में उपस्थित होने वाले सभी वरिष्ठ नेता केवल उपचुनाव में जीत हासिल करने पर ही ध्यान दे रहे हैं. इस दौरान कई नेताओं ने ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क पहना. वहीं दूसरी ओर आम जनता के लिए बहुत सारे नियम लागू किए गए हैं. इस तरह के राजनीतिक कार्यक्रमों से कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

संक्रमण के खतरे को देखते हुए याचिकाकर्ता ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सतीश सिकरवार, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और फूल सिंह बरैया, सुनील शर्मा, रामनिवास रावत सहित कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं के फोटोग्राफ और वीडियो हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में पेश किए गए थे. जिसपर हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया है.

नेताओं की अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें

हाईकोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि, ऐसे सभी राजनीतिक दलों, राजनीतिक नेताओं संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, जो कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं. इस मामले की सुनवाई ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के जज शीलनागू और राजीव श्रीवास्तव की पीठ ने की है. उन्होंने सुनवाई करते हुए ग्वालियर के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट को ये आदेश दिया है कि, खंडपीठ के न्याय क्षेत्र में आने वाले 7 जिलों के प्रशासकों को इस निर्देश के बारे में 14 अक्टूबर तक सूचना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से तत्काल भेज दी जाए.

साथ ही निर्देश में ये भी बताया गया है कि, याचिकाकर्ताओं के वीडियो और फोटो के जो प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं, उनकी वास्तु स्थिति का परीक्षण करते हुए सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जानकारी उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में भी प्रस्तुत की जाएं.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, बीजेपी नेताओं ने कोरोना काल के दौरान लगातार गाइडलाइन का उल्लंघन किया है. इस दौरान बीजेपी ने लगातार राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किए, यहां तक कि, प्रशासन को टारगेट देकर भीड़ जुटाने का काम भी किया है. उन्होंने कहा कि, रविवार को जब प्रदेश भर में लॉकडाउन लागू रहता था, तब भी बीजेपी राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित कर रही थी. इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की.

हाईकोर्ट के आदेश का किया स्वागत

अजय सिंह ने कहा कि, कांग्रेस के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली थी. ग्वालियर खंडपीठ ने जो आदेश दिया है, वो स्वागत योग्य है. अब प्रशासन को बीजेपी के वरिष्ठ नेता चाहे वो शिवराज सिंह चौहान हों या नरेंद्र सिंह तोमर या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया सभी पर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए .

भोपाल| प्रदेश में होने वाले 28 विधानसभा सीटों के उपचुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां लगातार कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रही हैं, जिसे देखते हुए याचिकाकर्ता आशीष प्रताप सिंह ने बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं सहित राजनीतिक कार्यकर्ताओं के वीडियो हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में पेश किए थे. मामले का संज्ञान लेने के बाद हाई कोर्ट ने राजनीतिक कार्यक्रम में कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन करने वालों पर अब FIR दर्ज किए जाने का आदेश दिया है. जिसका कांग्रेस ने स्वागत किया है.

कोरोना गाइडलाइन का पालन अनिवार्य

राजनीतिक कार्यक्रमों में उपस्थित होने वाले सभी वरिष्ठ नेता केवल उपचुनाव में जीत हासिल करने पर ही ध्यान दे रहे हैं. इस दौरान कई नेताओं ने ना तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया और ना ही कोरोना संक्रमण से बचने के लिए फेस मास्क पहना. वहीं दूसरी ओर आम जनता के लिए बहुत सारे नियम लागू किए गए हैं. इस तरह के राजनीतिक कार्यक्रमों से कोरोना संक्रमण का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.

संक्रमण के खतरे को देखते हुए याचिकाकर्ता ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, मुन्नालाल गोयल, प्रद्युम्न सिंह तोमर, सतीश सिकरवार, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और फूल सिंह बरैया, सुनील शर्मा, रामनिवास रावत सहित कई राजनीतिक कार्यकर्ताओं के फोटोग्राफ और वीडियो हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में पेश किए गए थे. जिसपर हाईकोर्ट ने नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने का निर्णय लिया है.

नेताओं की अब बढ़ सकती हैं मुश्किलें

हाईकोर्ट ने निर्देश जारी करते हुए कहा है कि, ऐसे सभी राजनीतिक दलों, राजनीतिक नेताओं संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया जाए, जो कोरोना गाइडलाइन का उल्लंघन कर रहे हैं. इस मामले की सुनवाई ग्वालियर हाईकोर्ट खंडपीठ के जज शीलनागू और राजीव श्रीवास्तव की पीठ ने की है. उन्होंने सुनवाई करते हुए ग्वालियर के अनुविभागीय मजिस्ट्रेट को ये आदेश दिया है कि, खंडपीठ के न्याय क्षेत्र में आने वाले 7 जिलों के प्रशासकों को इस निर्देश के बारे में 14 अक्टूबर तक सूचना इलेक्ट्रॉनिक संचार माध्यमों से तत्काल भेज दी जाए.

साथ ही निर्देश में ये भी बताया गया है कि, याचिकाकर्ताओं के वीडियो और फोटो के जो प्रमाण प्रस्तुत किए गए हैं, उनकी वास्तु स्थिति का परीक्षण करते हुए सभी संबंधित संस्थाओं और व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज कर कार्रवाई की जानकारी उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ में भी प्रस्तुत की जाएं.

कांग्रेस ने बीजेपी पर साधा निशाना

इस मामले को लेकर कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता अजय सिंह यादव का कहना है कि, बीजेपी नेताओं ने कोरोना काल के दौरान लगातार गाइडलाइन का उल्लंघन किया है. इस दौरान बीजेपी ने लगातार राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित किए, यहां तक कि, प्रशासन को टारगेट देकर भीड़ जुटाने का काम भी किया है. उन्होंने कहा कि, रविवार को जब प्रदेश भर में लॉकडाउन लागू रहता था, तब भी बीजेपी राजनीतिक कार्यक्रम आयोजित कर रही थी. इस दौरान स्थानीय प्रशासन ने किसी प्रकार की कोई कार्रवाई नहीं की.

हाईकोर्ट के आदेश का किया स्वागत

अजय सिंह ने कहा कि, कांग्रेस के कार्यक्रम को लेकर प्रशासन ने तत्काल एफआईआर दर्ज कर ली थी. ग्वालियर खंडपीठ ने जो आदेश दिया है, वो स्वागत योग्य है. अब प्रशासन को बीजेपी के वरिष्ठ नेता चाहे वो शिवराज सिंह चौहान हों या नरेंद्र सिंह तोमर या फिर ज्योतिरादित्य सिंधिया सभी पर कार्रवाई करते हुए एफआईआर दर्ज कर जल्द से जल्द कार्रवाई होनी चाहिए .

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