भोपाल। राजधानी भोपाल के इकबाल मैदान में फ्रांस के राष्ट्रपति के विरोध में प्रदर्शन का भड़काऊ मैसेज वायरल करने वाले युवक के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस ने युवक मुफ्ती मसरूर के खिलाफ आईटी एक्ट की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की है. वहीं पुलिस आरोपी युवक की तलाश कर रही है.
पुलिस ने इस मामले में पहले तीन संस्थाओं के लोगों पर एफआईआर दर्ज की थी. तीनों से पूछताछ में खुलासा हुआ की, विरोध प्रदर्शन के भड़काऊ मैसेज मुफ्ती मसरूर नाम के युवक ने वायरल किया था. अब पुलिस मैसेज भेजने वाले युवक की सरगर्मी से तलाश कर रही है.
इकबाल मैदान पर प्रदर्शन का मैसेज कर दिया गया था आमंत्रण
बताया जा रहा है कि फ्रांस के राष्ट्रपति के खिलाफ विरोध प्रदर्शन वाले दिन कई वॉट्सएप ग्रुप्स पर एक भड़काऊ मैसेज भेजा गया था. इस मैसेज के तहत सभी को प्रदर्शन करने के लिए इकबाल मैदान पर आमंत्रित किया जा रहा था. मैसेज के वायरल होने के बाद इकबाल मैदान पर देखते ही देखते हजारों लोगों की भीड़ इकठ्ठा हो गई. जहां कोरोना गाइडलाइन को दरकिनार कर नारेबाजी और पुतला दहन किया गया. इस दौरान अधिकांश लोग बिना मास्क के ही भीड़ में नजर आ रहे थे. सोशल डिस्टेंसिंग का भी पालन नहीं किया गया था.
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कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की बढ़ सकती हैं मुश्किलें
इकबाल मैदान पर प्रदर्शन करने वाले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद समेत 2000 लोगों के खिलाफ पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है. बताया जा रहा है कि इस प्रदर्शन के लिए महज 30 ही लोगों को अनुमति दी दई थी. फिर इतनी बड़ी संख्या में लोग कैसे इकट्ठे हुए. पुलिस जल्द ही इस मामले में कोर्ट में चालान पेश कर सकती है. माना जा रहा है कि उससे पहले कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद की गिरफ्तारी की जा सकती है. हालांकि इस पूरे मामले में अब तक किसी की भी गिरफ्तारी नहीं की गई है.
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क्यों हो रहा मैक्रों के बयान पर विवाद
यूरोप में फ्रांस ऐसा देश है, जहां की आबादी में 10 फीसदी मुस्लिम हैं. इनमें ज्यादातर दूसरे देशों या फ्रांस के उपनिवेशों से आए लोग शामिल हैं. सीरिया और इराक में आईएस के उभरने के बाद फ्रांस इस आतंकी संगठन के निशाने पर रहा है. कई आतंकी हमलों के बाद राष्ट्रपति मैक्रों इस्लामी आतंकवाद और कट्टरपंथ से लड़ने की बात कह चुके हैं.
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हालिया इंटरव्यू में मैक्रों ने फ्रांस की धर्मनिरपेक्षता को सर्वोपरि बताते हुए इस्लाम को संकट में पड़ा धर्म बताया था. कुछ ही दिन पहले फ्रांस में पैगंबर मोहम्मद का आपत्तिजनक कार्टून दिखाने वाले एक टीचर की हत्या के बाद मैक्रों ने कट्टरपंथी ताकतों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की बात कही. इसके बाद फ्रांस में कई कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया और कुछ एनजीओ भी बंद किए गए. इसी के खिलाफ दुनियाभर में उनका विरोध जारी है. भारत के विदेश मंत्रालय ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर हो रहे जुबानी हमलों की निंदा की है, वहीं कुछ नेताओं ने मैक्रों को समर्थन भी जताया है.