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कमलनाथ सरकार का काउंटर अटैक, ई-टेंडर घोटाले में FIR दर्ज - इनकम टैक्स का छापा

कमलनाथ के करीबियों के यहां आयकर विभाग की टीम की छापेमारी के बाद अब कमलनाथ सरकार ने काउंटर अटैक किया है. ई-टेंडरिंग घोटाले में एफआईआर दर्ज की गई हैं.

ई-टेंडर घोटाले में 5 FIR दर्ज
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Published : Apr 10, 2019, 8:07 PM IST

भोपाल: आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कमलनाथ सरकार ने काउंटर अटैक किया है. शिवराज सरकार के दौरान हुए करीब 3 हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू ने एफआइआर दर्ज की है.

ईओडब्ल्यू ने जल निगम के तीन टेंडर, लोक निर्माण विभाग के दो, जल संसाधन विभाग के दो, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के एक और लोक निर्माण विभाग की पीआईयू का एक कुल 9 टेंडर के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की गई. ईओडब्ल्यू के महानिदेशक केन तिवारी के मुताबिक 9 टेंडरों के मामले में इन विभागों के तत्कालीन अधिकारी और मंत्री जांच के दायरे में हैं. केएन तिवारी ने बताया कि घोटाले के दौरान पांच विभागों के तत्कालीन अधिकारी और मंत्री जांच के दायरे में हैं, जिस तरह से तथ्य सामने आएंगे इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ई-टेंडर घोटाले में 5 FIR दर्ज

ईओडब्ल्यू के महानिदेशक केएन तिवारी ने बताया कि करीब 3000 करोड़ के ई टेंडर घोटाले की जांच में पाया गया है कि ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल के सॉफ्टवेयर में छेड़खानी की गई थी. घोटाला जनवरी 2018 से मार्च 2018 के बीच हुआ था. छेड़छाड़ के जरिए आठ कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया था.

इन कंपनियों को पहुंचाया गया था फायदा

ई-टेंडर में छेड़खानी कर जीबीपी आर लिमिटेड, मैक्स मेंटेनर लिमिटेड मुंबई की कंस्ट्रक्शन कंपनियों दी हयूम पाइप लिमिटेड, जेएमसी लिमिटेड, बड़ौदा की कंस्ट्रक्शन कंपनी सोरठिया बेलजी प्राइवेट लिमिटेड, माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्ट्रक्शन कंपनी राजकुमार नरवानी लिमिटेड को फायदा पहुंचाया गया था. मामला सामने आने के बाद मई माह में टेंडर को निरस्त कर दिया गया था. टेंडर निरस्त करने के पहले वर्क आर्डर जारी कर दिए गए थे.

भोपाल: आयकर विभाग की कार्रवाई के बाद कमलनाथ सरकार ने काउंटर अटैक किया है. शिवराज सरकार के दौरान हुए करीब 3 हजार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू ने एफआइआर दर्ज की है.

ईओडब्ल्यू ने जल निगम के तीन टेंडर, लोक निर्माण विभाग के दो, जल संसाधन विभाग के दो, मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के एक और लोक निर्माण विभाग की पीआईयू का एक कुल 9 टेंडर के सॉफ्टवेयर में छेड़छाड़ की गई. ईओडब्ल्यू के महानिदेशक केन तिवारी के मुताबिक 9 टेंडरों के मामले में इन विभागों के तत्कालीन अधिकारी और मंत्री जांच के दायरे में हैं. केएन तिवारी ने बताया कि घोटाले के दौरान पांच विभागों के तत्कालीन अधिकारी और मंत्री जांच के दायरे में हैं, जिस तरह से तथ्य सामने आएंगे इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

ई-टेंडर घोटाले में 5 FIR दर्ज

ईओडब्ल्यू के महानिदेशक केएन तिवारी ने बताया कि करीब 3000 करोड़ के ई टेंडर घोटाले की जांच में पाया गया है कि ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल के सॉफ्टवेयर में छेड़खानी की गई थी. घोटाला जनवरी 2018 से मार्च 2018 के बीच हुआ था. छेड़छाड़ के जरिए आठ कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया था.

इन कंपनियों को पहुंचाया गया था फायदा

ई-टेंडर में छेड़खानी कर जीबीपी आर लिमिटेड, मैक्स मेंटेनर लिमिटेड मुंबई की कंस्ट्रक्शन कंपनियों दी हयूम पाइप लिमिटेड, जेएमसी लिमिटेड, बड़ौदा की कंस्ट्रक्शन कंपनी सोरठिया बेलजी प्राइवेट लिमिटेड, माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्ट्रक्शन कंपनी राजकुमार नरवानी लिमिटेड को फायदा पहुंचाया गया था. मामला सामने आने के बाद मई माह में टेंडर को निरस्त कर दिया गया था. टेंडर निरस्त करने के पहले वर्क आर्डर जारी कर दिए गए थे.

Intro:आयकर की कार्रवाई के बाद सरकार ने काउंटर अटैक किया है करीब 3 हज़ार करोड़ के ई टेंडर घोटाले में ईओडब्ल्यू ने पांच अलग-अलग एफआइआर दर्ज की है. ईओडब्ल्यू ने जल निगम के तीन टेंडर लोक निर्माण विभाग के दो जल संसाधन विभाग के दो मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के एक और लोक निर्माण विभाग की पीआईयू के एक टेंडर में छेड़खानी के मामले में एफ आई आर दर्ज की है। यूट्यूब के महानिदेशक केएन तिवारी के मुताबिक इन 9 टेंडरों के मामले में इन विभागों के तत्कालीन अधिकारियों और मंत्री जांच के दायरे में हैं।


Body:ईओडब्ल्यू के महानिदेशक केन तिवारी ने बताया कि करीब 3000 करोड़ के ई टेंडर घोटाले की जांच में पाया गया है कि ई प्रोक्योरमेंट पोर्टल में छेड़छाड़ मध्य प्रदेश के जल निगम K3 टेंडर लोक निर्माण विभाग के 2 टेंडर जल संसाधन विभाग के 2 टेंडर मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम के ई टेंडर लोक निर्माण विभाग की की आयु का एक टेंडर सहित कुल वोटरों के सॉफ्टवेयर में छेड़खानी की गई थी। घोटाला जनवरी 2018 से मार्च 2018 के बीच हुआ था इस छेड़छाड़ के जरिए सात कंपनियों को फायदा पहुंचाया गया था। इन कंपनियों को पहुंचाया गया था फायदा ई टेंडर मैं छेड़खानी कर जीबीपी आर लिमिटेड मैक्स मेंटेनर लिमिटेड मुंबई की कंस्ट्रक्शन कंपनियों दी हयूम पाइप लिमिटेड, जेएमसी लिमिटेड बड़ौदा की कंस्ट्रक्शन कंपनी सोरठिया बेलजी प्राइवेट लिमिटेड माधव इंफ्रा प्रोजेक्ट लिमिटेड और भोपाल की कंस्ट्रक्शन कंपनी राजकुमार नरवानी लिमिटेड को फायदा पहुंचाया गया था हालांकि मामला सामने आने के बाद मई माह में टेंडर को निरस्त कर दिया गया था। हालांकि टेंडर निरस्त करने के पहले वर्क आर्डर जारी कर दिए गए थे। पांच विभागों के अधिकारियों और मंत्रियों के खिलाफ एफ आई आर दर्ज ई टेंडर घोटाले मामले में जिन् 9 टेंडरों में घोटाले सामने आया है केएन तिवारी ने बताया कि घोटाले के दौरान पांच विभागों के तत्कालीन अधिकारी और मंत्री जांच के दायरे में है जिस तरह से तथ्य सामने आएंगे इनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी


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