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बजट सत्र से पहले आत्मनिर्भर एमपी के तहत सभी विभागों से मांगे गए प्रस्ताव

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Published : Jan 23, 2021, 4:06 PM IST

Updated : Jan 23, 2021, 4:36 PM IST

मध्य प्रदेश सरकार ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश योजना के तहत सभी विभागों से वित्त विभाग ने प्रस्ताव मांगे हैं. इन सभी प्रस्तावों को आगामी बजट सत्र में पेश किया जाएगा.

Finance Minister Jagdish Deora
वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा

भोपाल। कोरोना काल के दौरान उपजी आर्थिक परिस्थितियों से निपटने के लिए PM नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था. PM नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत ही मध्य प्रदेश में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत कई तरह की योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों को आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल करने के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं. शिवराज सरकार ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोड मैप पहले ही तैयार कर लिया था. जिसके तहत कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. अब सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नए सिरे से कार्यक्रमों और योजनाएं बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं.

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा

विशेष रूप से मांगे गए प्रस्ताव

सरकार के वित्त विभाग ने बजट के लिए सभी विभागों से जो प्रस्ताव में मांगे उसमें अलग से उल्लेख किया गया है कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत बनाई गई योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रस्ताव भी विशेष रूप से भेजे जाएं. वित्त विभाग ने निर्देश दिया है CM शिवराज सिंह ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए जो रोडमैप तैयार किया है, उस रोड मैप के मुताबिक ही कार्यक्रम तय किए जाएं. साथ ही उस पर व्यय होने वाली राशि का लेखाजोखा कर प्रस्ताव भेजें.

मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने हो रहे हैं हर संभव प्रयास

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के बारे में सभी विभागों की कार्य योजना बनी थी, रोड मैप तैयार हुआ था. उसी रोड मैप पर अब भी काम चल रहा है. अभी रोजगार उत्सव का आयोजन किया गया था. ऐसे ही कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सभी विभागों ने जो अपनी तैयारी की है, उसको धरातल पर उतारने का काम चल रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूल उद्देश्य है कि आत्मनिर्भर भारत और उसी कड़ी में मध्य प्रदेश भी आत्मनिर्भर बने. इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए और किए जा रहे हैं. सभी विभागों से प्रस्ताव भी मांगे गए हैं.

पढ़ें- हर महीने एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य

चुनौती को अवसर में बदलने का रोडमैप

करीब 6 महीने मंथन करने के बाद नवंबर में शिवराज सरकार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप को उजागर किया था. ये रोडमैप साल 2023 तक के लिए तैयार किया गया है. CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे जारी करते हुए कहा था कि यह चुनौती को अवसर में बदलने का रोडमैप है.

CM शिवराज ने कहा था कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की संकल्पना को जमीन पर उतारने के लिए सरकार पूरे मेहनत से जुट गई हैं. रोडमैप को चार हिस्सों में बांटा गया है, भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था-स्वरोजगार. इन चार सेक्टरों के अलग-अलग बिंदुओं पर काम किया जाएगा. आर्थिक संसाधनों का बंटवारा कैसे हो, जिसमें गरीबों को पूरा न्याय मिले, साथ ही रोजगार और अर्थव्यवस्था मजबूत हो, इस पर पूर ध्यान दिया जाएगा.

पढ़ें- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए तीन साल का रोडमैप जारी, सीएम शिवराज सिंह ने कही ये बात

रोडमैप के बिंदुओं और योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारी-कर्मचारियों से लेकर जनता तक को इसमें जोड़ा जाएगा. ग्राम पंचायत स्तर पर भी क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि रोडमैप में समय सीमा तय की गई है, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालत के चलते इसमें कुछ और समय लग सकता है.

कृषि क्षेत्र में अब MP बनेगा आत्मनिर्भर

कृषि क्षेत्र में भी MP को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पहल की है. आत्मनिर्भर भारत की कड़ी में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए साढ़े सात हजार करोड़ रुपए मिलेंगे. इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने योजना बनाना शुरू कर दिया है.

पढ़ें- भोपाल: कृषि क्षेत्र में अब MP बनेगा आत्मनिर्भर, बागवानी फसल और फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा फोकस

बागवानी फसलों और फूड प्रोसेसिंग पर फोकस

मध्य प्रदेश में कृषि विभाग के अंतर्गत हर विकासखंड में दो कृषि उत्पादक समूह बना जा रहे हैं. इस मामले में पूरे देश में मध्यप्रदेश नंबर वन पर चल रहा है. मध्यप्रदेश में जो योजना बनाई गई है, उसके तहत बागवानी फसलों और फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. किसानों को बागवानी फसलें ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और उससे संबंधित सभी उद्योग गांव के आसपास लगाने की कोशिश की जाएगी. इस योजना के तहत मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे.

भोपाल। कोरोना काल के दौरान उपजी आर्थिक परिस्थितियों से निपटने के लिए PM नरेंद्र मोदी ने आत्मनिर्भर भारत का नारा दिया था. PM नरेंद्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत ही मध्य प्रदेश में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश कार्यक्रम चलाया जा रहा है. जिसके अंतर्गत कई तरह की योजनाएं और कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश से संबंधित योजनाओं और कार्यक्रमों को आगामी वित्तीय वर्ष के बजट में शामिल करने के लिए वित्त विभाग ने सभी विभागों से प्रस्ताव मांगे हैं. शिवराज सरकार ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश का रोड मैप पहले ही तैयार कर लिया था. जिसके तहत कई कार्यक्रम भी आयोजित किए जा रहे हैं. अब सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए नए सिरे से कार्यक्रमों और योजनाएं बनाने के लिए प्रस्ताव मांगे हैं.

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा

विशेष रूप से मांगे गए प्रस्ताव

सरकार के वित्त विभाग ने बजट के लिए सभी विभागों से जो प्रस्ताव में मांगे उसमें अलग से उल्लेख किया गया है कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के तहत बनाई गई योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रस्ताव भी विशेष रूप से भेजे जाएं. वित्त विभाग ने निर्देश दिया है CM शिवराज सिंह ने आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए जो रोडमैप तैयार किया है, उस रोड मैप के मुताबिक ही कार्यक्रम तय किए जाएं. साथ ही उस पर व्यय होने वाली राशि का लेखाजोखा कर प्रस्ताव भेजें.

मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने हो रहे हैं हर संभव प्रयास

वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा ने कहा कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के बारे में सभी विभागों की कार्य योजना बनी थी, रोड मैप तैयार हुआ था. उसी रोड मैप पर अब भी काम चल रहा है. अभी रोजगार उत्सव का आयोजन किया गया था. ऐसे ही कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. सभी विभागों ने जो अपनी तैयारी की है, उसको धरातल पर उतारने का काम चल रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मूल उद्देश्य है कि आत्मनिर्भर भारत और उसी कड़ी में मध्य प्रदेश भी आत्मनिर्भर बने. इसके लिए हर संभव प्रयास किया जाना चाहिए और किए जा रहे हैं. सभी विभागों से प्रस्ताव भी मांगे गए हैं.

पढ़ें- हर महीने एक लाख लोगों को रोजगार देने का लक्ष्य

चुनौती को अवसर में बदलने का रोडमैप

करीब 6 महीने मंथन करने के बाद नवंबर में शिवराज सरकार ने आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश का रोडमैप को उजागर किया था. ये रोडमैप साल 2023 तक के लिए तैयार किया गया है. CM शिवराज सिंह चौहान ने इसे जारी करते हुए कहा था कि यह चुनौती को अवसर में बदलने का रोडमैप है.

CM शिवराज ने कहा था कि आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की संकल्पना को जमीन पर उतारने के लिए सरकार पूरे मेहनत से जुट गई हैं. रोडमैप को चार हिस्सों में बांटा गया है, भौतिक अधोसंरचना, सुशासन, स्वास्थ्य और अर्थव्यवस्था-स्वरोजगार. इन चार सेक्टरों के अलग-अलग बिंदुओं पर काम किया जाएगा. आर्थिक संसाधनों का बंटवारा कैसे हो, जिसमें गरीबों को पूरा न्याय मिले, साथ ही रोजगार और अर्थव्यवस्था मजबूत हो, इस पर पूर ध्यान दिया जाएगा.

पढ़ें- आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लिए तीन साल का रोडमैप जारी, सीएम शिवराज सिंह ने कही ये बात

रोडमैप के बिंदुओं और योजनाओं की मॉनिटरिंग के लिए अधिकारी-कर्मचारियों से लेकर जनता तक को इसमें जोड़ा जाएगा. ग्राम पंचायत स्तर पर भी क्रियान्वयन और मॉनिटरिंग कमेटी बनाई जाएगी. मुख्यमंत्री ने कहा कि रोडमैप में समय सीमा तय की गई है, लेकिन मौजूदा आर्थिक हालत के चलते इसमें कुछ और समय लग सकता है.

कृषि क्षेत्र में अब MP बनेगा आत्मनिर्भर

कृषि क्षेत्र में भी MP को आत्मनिर्भर बनाने के लिए केंद्र सरकार ने पहल की है. आत्मनिर्भर भारत की कड़ी में आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश के लिए साढ़े सात हजार करोड़ रुपए मिलेंगे. इसके लिए मध्य प्रदेश सरकार ने योजना बनाना शुरू कर दिया है.

पढ़ें- भोपाल: कृषि क्षेत्र में अब MP बनेगा आत्मनिर्भर, बागवानी फसल और फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा फोकस

बागवानी फसलों और फूड प्रोसेसिंग पर फोकस

मध्य प्रदेश में कृषि विभाग के अंतर्गत हर विकासखंड में दो कृषि उत्पादक समूह बना जा रहे हैं. इस मामले में पूरे देश में मध्यप्रदेश नंबर वन पर चल रहा है. मध्यप्रदेश में जो योजना बनाई गई है, उसके तहत बागवानी फसलों और फूड प्रोसेसिंग पर ज्यादा फोकस किया जाएगा. किसानों को बागवानी फसलें ज्यादा से ज्यादा लगाने के लिए प्रेरित किया जाएगा और उससे संबंधित सभी उद्योग गांव के आसपास लगाने की कोशिश की जाएगी. इस योजना के तहत मध्य प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे.

Last Updated : Jan 23, 2021, 4:36 PM IST
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