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'आदिपुरुष में हुआ भगवान राम का अपमान..' अब एमपी से भी उठी फिल्म को बैन किए जाने की डिमांड

Film Adipurush Controversy:जहां पूरे देश में फिल्म आदिपुरुष को लेकर बवाल मचा हुआ है, वहीं अब एमपी में भी इस फिल्म पर बैन को बैन करने की डिमांड उठने लगी है. लोगों का कहना है कि फिल्म आदिपुरुष में भगवान राम का अपमान हुआ है.

Film Adipurush Controversy
एमपी से उठी फिल्म आदिपुरुष को बैन किए जाने की डिमांड
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Published : Jun 17, 2023, 1:04 PM IST

Updated : Jun 17, 2023, 1:43 PM IST

आदिपुरुष में हुआ भगवान राम का अपमान

भोपाल। रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई फिल्म आदिपुरुष को देश में बैन किए जाने की मांग उठने लगी है, सोशल मीडिया पर हो रहे इस फिल्म के विरोध के बाद अब सांस्कृतिक संगठनों ने फिल्म को बैन कराने मोर्चा संभाल लिया है. मध्यप्रदेश में संस्कृति बचाओ मंच ने फिल्म आदि पुरुष के फिल्मांकन पर विरोध जताते हुए इस फिल्म को सनातन धर्म का अपमान बताया और और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसे एमपी में बैन किये जाने की मांग की है.

एमपी में बैन हो आदिपुरुष: संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्र शेखर तिवारी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से आदि पुरुष फिल्म को एमपी में बैन किये जाने की डिमांग की है. ये संगठन ने केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के सामने भी इस बात की मांग रख रहा है कि इस फिल्म को पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. तिवारी का कहना है कि "सेंसर बोर्ड में ऐसे कौन लोग बैठे हैं, क्या वह पैसे लेकर फिल्मों को रिलीज करने की अनुमति प्रदान करते हैं? यह सोचने वाली बात है."

आदिपुरुष में हुआ भगवान राम का अपमान: संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि "इस फिल्म आदिपुरुष में जिस तरह से भगवान राम और हनुमान जी के बीच के संवाद है, वह हमारी संस्कृति का अपमान है. जिस प्रकार फिल्म में भगवान राम और हनुमान का फिल्मांकन किया गया है, जिस तरह से उनके चरित्र को गढ़ा गया है, वह हमारे धर्म का अपमान है."

तिवारी ने आगे कहा कि "आज इस प्रकार की फिल्मों का निर्माण करना हमारी संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है. जब भी हम रामायण की परिकल्पना मन में करते हैं, तो एक मर्यादित चरित्र भगवान राम का मर्यादा पुरुषोत्तम का आता है और उसमें हम कुछ सीखने का प्रयास करते हैं. आज इस प्रकार की फिल्मों के निर्माण से हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता और सनातन धर्म का अपमान हुआ है."

हिंदुओं की भावनाओं को किया जाता है आहत: हालांकि आदिपुरुष को देश में बैन करने की मांग उठ रही है, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि जब भी हिन्दू देवी-देवताओं की बात आती है तो कभी क्रिएटिविटी के नाम पर तो कभी फिल्म के नाम पर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया जाता है. बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा का कहना है कि "डायरेक्टर्स, कलाकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत न हों."

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आदिपुरुष से सीन और डायलॉग हटाने की डिमांड: उधर दिल्ली हाईकोर्ट में भी फिल्म आदिपुरुष को लेकर याचिका दायर कर दी गई है. हिंदू सेना की ओर से दायर की गई इस याचिका में पहले तो फिल्म के संवाद सीन और चरित्रों को बदलने की मांग है, साथ में ये भी कहा गया है कि इस फिल्म में भारतीय सनातन संस्कृति का अपमान किया गया है. भारत के देवी देवताओं को गलत तरीके से पेश किया गया है, इसलिए फिल्म प्रतिबंधित होनी चाहिए.

आदिपुरुष में हुआ भगवान राम का अपमान

भोपाल। रिलीज के साथ ही विवादों में घिर गई फिल्म आदिपुरुष को देश में बैन किए जाने की मांग उठने लगी है, सोशल मीडिया पर हो रहे इस फिल्म के विरोध के बाद अब सांस्कृतिक संगठनों ने फिल्म को बैन कराने मोर्चा संभाल लिया है. मध्यप्रदेश में संस्कृति बचाओ मंच ने फिल्म आदि पुरुष के फिल्मांकन पर विरोध जताते हुए इस फिल्म को सनातन धर्म का अपमान बताया और और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से इसे एमपी में बैन किये जाने की मांग की है.

एमपी में बैन हो आदिपुरुष: संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्र शेखर तिवारी ने सीएम शिवराज सिंह चौहान से आदि पुरुष फिल्म को एमपी में बैन किये जाने की डिमांग की है. ये संगठन ने केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय के सामने भी इस बात की मांग रख रहा है कि इस फिल्म को पूरे देश में प्रतिबंधित किया जाना चाहिए. तिवारी का कहना है कि "सेंसर बोर्ड में ऐसे कौन लोग बैठे हैं, क्या वह पैसे लेकर फिल्मों को रिलीज करने की अनुमति प्रदान करते हैं? यह सोचने वाली बात है."

आदिपुरुष में हुआ भगवान राम का अपमान: संस्कृति बचाओ मंच के अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी ने कहा है कि "इस फिल्म आदिपुरुष में जिस तरह से भगवान राम और हनुमान जी के बीच के संवाद है, वह हमारी संस्कृति का अपमान है. जिस प्रकार फिल्म में भगवान राम और हनुमान का फिल्मांकन किया गया है, जिस तरह से उनके चरित्र को गढ़ा गया है, वह हमारे धर्म का अपमान है."

तिवारी ने आगे कहा कि "आज इस प्रकार की फिल्मों का निर्माण करना हमारी संस्कृति और सभ्यता के खिलाफ है. जब भी हम रामायण की परिकल्पना मन में करते हैं, तो एक मर्यादित चरित्र भगवान राम का मर्यादा पुरुषोत्तम का आता है और उसमें हम कुछ सीखने का प्रयास करते हैं. आज इस प्रकार की फिल्मों के निर्माण से हमारी संस्कृति हमारी सभ्यता और सनातन धर्म का अपमान हुआ है."

हिंदुओं की भावनाओं को किया जाता है आहत: हालांकि आदिपुरुष को देश में बैन करने की मांग उठ रही है, तो वहीं बीजेपी का कहना है कि जब भी हिन्दू देवी-देवताओं की बात आती है तो कभी क्रिएटिविटी के नाम पर तो कभी फिल्म के नाम पर हिन्दुओं की भावनाओं को आहत किया जाता है. बीजेपी प्रवक्ता नेहा बग्गा का कहना है कि "डायरेक्टर्स, कलाकार को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि लोगों की धार्मिक भावनाएं आहत न हों."

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आदिपुरुष से सीन और डायलॉग हटाने की डिमांड: उधर दिल्ली हाईकोर्ट में भी फिल्म आदिपुरुष को लेकर याचिका दायर कर दी गई है. हिंदू सेना की ओर से दायर की गई इस याचिका में पहले तो फिल्म के संवाद सीन और चरित्रों को बदलने की मांग है, साथ में ये भी कहा गया है कि इस फिल्म में भारतीय सनातन संस्कृति का अपमान किया गया है. भारत के देवी देवताओं को गलत तरीके से पेश किया गया है, इसलिए फिल्म प्रतिबंधित होनी चाहिए.

Last Updated : Jun 17, 2023, 1:43 PM IST
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