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बायोगैस संयंत्र के लिए किसानों को मिलेगी मदद, जिला स्तर पर दी जाएगी 50 लाख की राशि

मध्यप्रदेश में पशुधन की पर्याप्त उपलब्धता है. इसके बाद भी गोबर का पर्याप्त उपयोग नहीं हो पाता. इसी को ध्यान में रखकर ग्रामीण इलाकों में बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए सरकार ग्रामीणों को आर्थिक मदद देगी.

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Published : Nov 5, 2020, 9:13 PM IST

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एमपी बायोगैस संयंत्र

भोपाल। ग्रामीण इलाकों में बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए सरकार ग्रामीणों को आर्थिक मदद देगी. जिला स्तर पर प्लांट लगाने पर 50 लाख की आर्थिक मदद की जाएगी. राज्य स्वच्छता भारत मिशन ग्रामीण ने गोवर्धन योजना के तहत सभी जिलों से इसके लिए प्रस्ताव बुलाए हैं.

इस योजना से किसानों को होगा फायदा

राज्य स्वच्छता भारत मिशन ग्रामीण के अधिकारियों के मुताबिक मवेशियों के गोबर और ठोस कृषि अवशिष्ट को खाद्य बायोगैस में बदलकर ग्रामीण अपने जीवन को बेहतर बना सकेंगे गांव में इससे स्वच्छता तो रहेगी. साथ में बड़े संयंत्रों से बिजली भी बन सकेगी. यह बायोगैस संयंत्र जिला गौशालाओं सब्जी मंडी स्थल धार्मिक स्थलों मछली बाजार के आसपास स्थापित किए जा सकेंगे.

प्रदेश में पौने तीन करोड़ पशुधन

मध्यप्रदेश में पशुधन की पर्याप्त उपलब्धता है. इसके बाद भी गोवर्धन के गोबर का पर्याप्त उपयोग नहीं हो पाता. पशुधन जनगणना 2012 के मुताबिक मध्यप्रदेश में तीन करोड़ 63 लाख पशुधन उपलब्ध है. इसमें एक करोड़ 90 लाख से ज्यादा गाय और भैंस है जबकि 80 लाख से ज्यादा बकरे-बकरियां, तीन लाख से ज्यादा भेड़ उपलब्ध हैं.

विभाग के मुताबिक प्रदेश में पिछले सालों में दुग्ध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है इससे जाहिर है, प्रदेश में पर्याप्त पशुधन है, लेकिन इस पशुधन के गोवर का बेहतर उपयोग नहीं किया जा रहा है. बायोगैस संयंत्र से ऊर्जा के रूप में इसका कचरे का उपयोग हो सकेगा.

राज्य स्वच्छता मिशन के डायरेक्टर अमरपाल सिंह के मुताबिक सभी जिलों से डिटेल प्लान बुलाए गए हैं इसके लिए 50 लाख की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. यह प्लांट गौशाला के नजदीक स्थापित किया जाएगा.

भोपाल। ग्रामीण इलाकों में बायोगैस संयंत्र लगाने के लिए सरकार ग्रामीणों को आर्थिक मदद देगी. जिला स्तर पर प्लांट लगाने पर 50 लाख की आर्थिक मदद की जाएगी. राज्य स्वच्छता भारत मिशन ग्रामीण ने गोवर्धन योजना के तहत सभी जिलों से इसके लिए प्रस्ताव बुलाए हैं.

इस योजना से किसानों को होगा फायदा

राज्य स्वच्छता भारत मिशन ग्रामीण के अधिकारियों के मुताबिक मवेशियों के गोबर और ठोस कृषि अवशिष्ट को खाद्य बायोगैस में बदलकर ग्रामीण अपने जीवन को बेहतर बना सकेंगे गांव में इससे स्वच्छता तो रहेगी. साथ में बड़े संयंत्रों से बिजली भी बन सकेगी. यह बायोगैस संयंत्र जिला गौशालाओं सब्जी मंडी स्थल धार्मिक स्थलों मछली बाजार के आसपास स्थापित किए जा सकेंगे.

प्रदेश में पौने तीन करोड़ पशुधन

मध्यप्रदेश में पशुधन की पर्याप्त उपलब्धता है. इसके बाद भी गोवर्धन के गोबर का पर्याप्त उपयोग नहीं हो पाता. पशुधन जनगणना 2012 के मुताबिक मध्यप्रदेश में तीन करोड़ 63 लाख पशुधन उपलब्ध है. इसमें एक करोड़ 90 लाख से ज्यादा गाय और भैंस है जबकि 80 लाख से ज्यादा बकरे-बकरियां, तीन लाख से ज्यादा भेड़ उपलब्ध हैं.

विभाग के मुताबिक प्रदेश में पिछले सालों में दुग्ध उत्पादन में तेजी से बढ़ोतरी हुई है इससे जाहिर है, प्रदेश में पर्याप्त पशुधन है, लेकिन इस पशुधन के गोवर का बेहतर उपयोग नहीं किया जा रहा है. बायोगैस संयंत्र से ऊर्जा के रूप में इसका कचरे का उपयोग हो सकेगा.

राज्य स्वच्छता मिशन के डायरेक्टर अमरपाल सिंह के मुताबिक सभी जिलों से डिटेल प्लान बुलाए गए हैं इसके लिए 50 लाख की राशि उपलब्ध कराई जाएगी. यह प्लांट गौशाला के नजदीक स्थापित किया जाएगा.

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