भोपाल। किसान संबंधी कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में पंजाब और हरियाणा के किसान दिल्ली की तरफ कूच कर चुके हैं. सरकार किसानों को रोकने के लिए कई तरह के प्रयास कर रही है, लेकिन सब असफल साबित हो रहे हैं. इस आंदोलन में अपना योगदान देने के लिए मध्य प्रदेश भारतीय किसान यूनियन के कार्यकर्ता भी जत्थे के साथ गुपचुप रवाना हो गए हैं. इसके अलावा मध्यप्रदेश में भी बड़े आंदोलन की तैयारी की जा रही है. भारतीय किसान यूनियन रणनीति बनाने में जुटी है और एक ट्रैक्टर ट्रॉली का जत्था भी दिल्ली रवाना करने का प्रयास किया जा रहा है.
भारतीय किसान यूनियन ने गुपचुप रवाना किए जत्थे
किसान संबंधी कानूनों को लेकर तेज हो रहे आंदोलन में अपनी आहुति देने के लिए मध्य प्रदेश के किसान भी दिल्ली रवाना हो चुके हैं. भारतीय किसान यूनियन छोटे-छोटे जत्थे बनाकर चुपचाप दिल्ली के लिए रवाना किए जा रहे हैं. दरअसल मध्य प्रदेश से लगे राज्यों की सीमा पर किसानों को रोके जाने के इंतजाम किए गए हैं. इसलिए भारतीय किसान यूनियन के नेता चुपचाप आंदोलन में शरीक होने के लिए दिल्ली पहुंच रहे हैं.
एमएसपी गारंटी कानून की मांग
भारतीय किसान यूनियन की मध्यप्रदेश इकाई के प्रदेश महामंत्री ओम प्रकाश गुर्जर ने सरकार पर निशाना साथते हुए कहा कि देश भर में किसान परेशान हैं और आंदोलन करने को मजबूर हैं. लेकिन सरकार बात करने को तैयार नहीं, सरकार खुद किसानों को उकसा रही है कि किसान आंदोलन करें. ओम प्रकाश गुर्जर ने कहा की अगर वाकई में सरकार को किसानों की चिंता है तो वह चौथा बिल लाकर किसानो को MSP की गारंटी क्यों नहीं देती.
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उन्होंने कहा कि इन कानूनों में तो ऐसा लग रहा है कि किसानों को लूटने और कारपोरेट को फायदा पहुंचाने के लिए यह कानून बनाए गए हैं. इसलिए किसान खुद खड़ा हुआ है और इन तीनों कानूनों का हम पुरजोर विरोध करेंगे.
दिल्ली के लिए कूच कर रहे किसान
भारतीय किसान यूनियन की मध्यप्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष सुभाष मल्होत्रा ने कहा कि मध्य प्रदेश से कई जत्थे गुपचुप निकल चुके हैं. बाकी आगे की रणनीति दो-तीन दिन में तैयार हो रही है. हम ट्रैक्टर-ट्रॉली का एक जत्था यहां से भी निकालने की तैयारी कर रहे हैं, जो दिल्ली की तरफ कूच करेगा. हम इस किसान विरोधी सरकार को बता देंगे कि आपने किसानों से पंगा लिया है.
किसान विरोधी बिलों को लेकर दिल्ली में तेज हो रहे आंदोलन में तो मध्य प्रदेश के किसान शामिल होने रवाना हो ही रहे हैं. इसके अलावा भारतीय किसान यूनियन मध्यप्रदेश में बड़े आंदोलन की तैयारी में जुट गई है. मध्य प्रदेश सरकार से जुड़ी समस्याओं और केंद्र सरकार की किसान विरोधी बिलों को लेकर यह आंदोलन की रूपरेखा बनाई जा रही है. भारतीय किसान यूनियन के बैनर तले इस आंदोलन को सफल बनाने के लिए अन्य किसान संगठनों को जोड़ने की पहल की जा रही है.
आखिर क्यों आंदोलन कर रहे हैं किसान
दरअसल तीन नए कृषि कानूनों को लेकर किसानों को सबसे बड़ा डर न्यूनतम समर्थन मूल्य यानि कि MSP (Minimum Support Price) खत्म होने का है. इस बिल के जरिए सरकार ने कृषि उपज मंडी समिति (APMC-Agricultural produce market committee) यानी मंडी से बाहर भी कृषि कारोबार का रास्ता खोल दिया है. किसान को डर इसलिए भी लग रहा है क्योंकि सरकार ने बिल में मंडियों को खत्म करने की बात कहीं पर भी नहीं लिखी है, लेकिन उसका असर मंडियों को तबाह कर सकता है. इसका अंदाजा लगाकर किसान डरे हुए हैं. इसीलिए आढ़तियों को भी डर सता रहा है. इस मसले पर ही किसान और आढ़ती एक साथ हैं. उनका मानना है कि मंडियां बचेंगी तभी तो किसान उसमें एमएसपी पर अपनी उपज बेच पाएगा.